गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य जांच में नहीं होगी देरी, नहीं कराना होगा कोविड-19 जांच

गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य जांच में नहीं होगी देरी, नहीं कराना होगा कोविड-19 जांच

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

कोविड रिपोर्ट में देरी के कारण सामान्य जांच में हो रही परेशानी को देखकर लिया गया निर्णय

आईसीएमआर के गाइडलाइन का शत-प्रतिशत अनुपालन अनिवार्य

गर्भवती महिलाओं के उपचार से इनकार नहीं करने की सलाह

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

पूर्णिया जिले में कोरोना के रोकथाम व इससे बचाव के लिए विभाग संकल्पित है। जिले में 25 मई तक लॉक डाउन लागू किया गया है। लेकिन कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने एक अहम निर्णय लिया है। अब गर्भवती महिलाओं को बिना किसी देरी के तुरंत उपचार प्रदान किया जायेगा। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निदेश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण की रोकथाम हेतु सुरक्षा एवं सावधानी का पालन करना बहुत आवश्यक है। भारत सरकार के पत्र के अनुसार गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव पश्चात् सेवा प्रदान करना सुनिश्चित किया जाना है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विशेष कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। ऐसा देखा गया है कि गर्भवती महिला को कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की माँग सेवा प्रारंभ करने से पूर्व की जाती है जो अनावश्यक देरी का कारण बनती है। चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि गर्भवती महिलाओं को बिना देरी किए सेवाएं प्रदान की जाए।

सेवा देने से किसी भी स्थिति में नहीं कर सकते इंकार: कार्यपालक निदेशक
जारी पत्र द्वारा माना गया है कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों (निजी एवं सरकारी) द्वारा वैक्सीन की दोनों खुराक अवश्य ले ली गई है। इसलिए कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ सभी सेवाएँ गर्भवती महिलाओं को प्रदान की जाए एवं किसी भी स्थिति में सेवा से इंकार नहीं किया जाए। सेवा से इंकार किये जाने को काफी गंभीरता लिया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि 104 कॉल सेंटर के माध्यम से शिकायतों को दर्ज करने के लिए लाभुकों को प्रेरित किया जाए और सेवा से इंकार जैसी स्थित से तुरंत ही निपटा जाए ताकि गर्भवती महिलाओं की सेवाओं की निरंतरता बनी रहे।

संस्थागत प्रसव को दें प्राथमिकता: सीएस
सिविल सर्जन डॉ. एसके वर्मा ने कहा कोरोना काल में भी सदर अस्पताल समेत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित प्रसव के लिए सुरक्षा के मद्देनजर समुचित व्यवस्था उपलब्ध हैं। इसके अलावा प्रसव के बाद महिलाओं को स्वास्थ्य एवं शिशु के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाती है। ताकि प्रसव के पश्चात भी माता एवं शिशु को किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा नहीं हो और होने पर तुरंत आवश्यक उपचार करा सकें।गर्भावस्था के दौरान हर महिलाओं के मन में सामान्य व सुरक्षित प्रसव को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते हैं। हर महिला सामान्य और सुरक्षित प्रसव चाहती है। इस दौरान छोटी सी लापरवाही और नजरअंदाज करना बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है। इसलिए, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने की जरूरत है। सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थान यानी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं और सुरक्षा के हर मानकों का भी ख्याल रखा जाता है। इससे न सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।

 

 

यह भी पढ़े

जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार की कोरोना से मौत

दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने की 4 बड़ी घोषणाएं

अगर अपराधी मंदिर में बैठ जाए तो संत नहीं हो जाएगा-राजीव प्रताप रुडी.

पत्रकार की पुत्री परिणय सूत्र में बंधी, पत्रकारों सहित गणमान्य लोगों ने नवदंपति को दिए आशीर्वचन

​​पॉजिटिव महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान.

इस गांव में न आहर है और न बोरिंग, आज भी कुएं से सिंचाई के लिए मजबूर हैं यहां के लोग

नगर के डॉ अपने अनुभव पिछड़े क्षेत्रों में भी बांटे-मोदी

Leave a Reply

error: Content is protected !!