उम्मीद है कि चीन अपने एयरपोर्ट से गुजरने वाले भारतीयों को जानबूझकर निशाना नहीं बनायेंगे

उम्मीद है कि चीन अपने एयरपोर्ट से गुजरने वाले भारतीयों को जानबूझकर निशाना नहीं बनायेंगे

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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 भारत ने कहा कि उसे उम्मीद है कि चीन के अधिकारी यह भरोसा दिलाएंगे कि चीनी एयरपोर्ट से गुजरने वाले भारतीय नागरिकों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया जाएगा, मनमाने ढंग से हिरासत में नहीं लिया जाएगा या परेशान नहीं किया जाएगा।

यह कड़ा बयान तब आया जब पिछले महीने शंघाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश के एक भारतीय नागरिक को चीनी अधिकारियों ने मनमाने ढंग से हिरासत में ले लिया था। नई दिल्ली ने इस घटना को अंतरराष्ट्रीय नियमों और द्विपक्षीय समझ का साफ उल्लंघन बताया था।

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को नई दिल्ली में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हमें उम्मीद है कि चीनी अधिकारी यह भरोसा दिलाएंगे कि चीनी एयरपोर्ट से गुजरने वाले भारतीय नागरिकों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया जाएगा, मनमाने ढंग से हिरासत में नहीं लिया जाएगा या परेशान नहीं किया जाएगा और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा से जुड़े नियमों का चीनी पक्ष सम्मान करेगा।”

उन्होंने आगे कहा, “विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों को सलाह देगा कि चीन की यात्रा करते समय या उस देश से गुजरते समय वे सावधानी बरतें।”

क्या है मामला?

अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली भारतीय नागरिक प्रेमा वांगजोम थोंगडोक ने आरोप लगाया था कि 21 नवंबर को लंदन से जापान जाते समय, जब उनका सिर्फ तीन घंटे का छोटा सा लेओवर था, तब चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें 18 घंटे तक हिरासत में रखा।

उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने उनका भारतीय पासपोर्ट मानने से इनकार कर दिया और दावा किया कि उनका जन्मस्थान, अरुणाचल प्रदेश, “चीन का हिस्सा है”। इस चौंकाने वाली घटना के बाद, भारत ने इस मामले को चीनी पक्ष के सामने जोरदार तरीके से उठाया था।

विदेश मंत्रालय ने 25 नवंबर को कहा, “चीनी अधिकारी अभी भी अपने कामों के बारे में नहीं बता पाए हैं, जो इंटरनेशनल हवाई यात्रा को कंट्रोल करने वाले कई कन्वेंशन का उल्लंघन है। चीनी अधिकारियों के ये काम उनके अपने नियमों का भी उल्लंघन करते हैं, जो सभी देशों के नागरिकों को 24 घंटे तक वीजा-फ्री ट्रांज़िट की इजाजत देते हैं।”

नई दिल्ली ने लगातार यह भी दोहराया है कि अरुणाचल प्रदेश देश का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “यह एक ऐसा सच है जिस पर कोई विवाद नहीं है। चीन के कितना भी इनकार करने या गलतबयानी करने से यह सच्चाई नहीं बदल सकती।”

भारत ने शंघाई एयरपोर्ट पर एक भारतीय नागरिक को रोके जाने पर चीन की प्रतिक्रिया पर करारा जवाब दिया है। भारत ने स्पष्ट किया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है और ये एक स्वत:सिद्ध तथ्य है।

चीनी पक्ष द्वारा किसी भी तरह का इन्कार इस निर्विवाद वास्तविकता को बदल नहीं सकता है। चीन की प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय नागरिक को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने के संबंध में चीनी विदेश मंत्रालय के बयान देखे हैं।

भारतीय नागरिक के पास वैध पासपोर्ट था और वह जापान जाने के लिए शंघाई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गुजर रही थी। हिरासत का मुद्दा चीनी पक्ष के सामने मजबूती से उठाया गया है। चीनी अधिकारी अब भी अपने कार्यों का स्पष्टीकरण नहीं दे पाए हैं।

जायसवाल ने कहा कि संबंधित भारतीय नागरिक की मनमानी हिरासत न केवल अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि चीन के अपने 24 घंटे वीजा-फ्री ट्रांजिट नियमों के भी खिलाफ है। भारत ने इस मामले पर चीन के समक्ष कड़ा विरोध (डिमार्शे) दर्ज कराया है।

चीन ने भारतीय महिला के उत्पीड़न से झाड़ा पल्ला

गौरतलब है कि पीड़ित भारतीय यात्री प्रेमा वांगजोम थोंगडोक ने सोशल मीडिया पर बताया था कि चीनी अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट को “अमान्य” बताते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश “चीनी क्षेत्र” है, इसलिए उनका भारतीय दस्तावेज मान्य नहीं है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को दावा किया कि महिला यात्री के साथ किसी तरह का भेदभाव या उत्पीड़न नहीं किया गया। इमिग्रेशन अधिकारियों ने कानून और नियमों के दायरे में रहकर अपना काम किया है।

एक सवाल में अरुणाचल प्रदेश का जिक्र आने पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं माना। ये जांगनान है, जो दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है और चीन के अधिकारक्षेत्र में आता है।

सीमा के मसले पेचीदा, सुलझने में समय लगेगा

चीन भारत में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने माना है कि दोनों देशों के बीच सीमा का मुद्दा बेहद पेचीदा है और इसे सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को लगातार बातचीत जारी रखनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि सीमा विवाद दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबंध का अंश मात्र भी हिस्सा नहीं हैं।

एक कार्यक्रम में फेइहोंग ने कहा कि दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों को सीमा के सवालों पर बातचीत जारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बनी हुई है और इसका फायदा उठाते हुए कूटनीतिक और सैन्य चैनल से बातचीत जारी रखनी चाहिए।

बता दें कि अगस्त में चीन और भारत के बीच 24वीं विशेष प्रतिनिधि वार्ता हुई थी, जिसमें 10 ¨बदुओं पर सहमति बनी थी। वहीं, दोनों देशों के का‌र्प्स कमांडर स्तर की 23वें दौर की बातचीत में वेस्टर्न सेक्टर में नियंत्रण और प्रबंधन पर गहन चर्चा हुई थी।

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