संजय सिंह को कैसे मिली जमानत?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दिल्ली शराब घोटाले में छह महीने से जेल में बंद आम आदमी पार्टी नेता राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा संजय सिंह को जमानत दिये जाने पर कोई आपत्ति न जताए जाने के बाद मंगलवार को संजय सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत देते हुए ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि की शर्तों पर रिहा करने का आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा कि जमानत पर छूटने के बाद संजय सिंह राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकते है लेकिन वह इस मामले के संबंध में कोई बयान नहीं देंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि संजय सिंह की जमानत के आदेश को नजीर नहीं माना जाएगा। संजय सिंह चार अक्टूबर 2023 से जेल में हैं।

अन्य आरोपियों को नहीं मिलेगा लाभ

संजय सिंह की जमानत के आदेश को नजीर न माने जाने का यह असर होगा कि इस आदेश से शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत जेल में बंद अन्य आरोपी लाभ नहीं ले पाएंगे। दिल्ली शराब नीति घोटाले में आम आदमी पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जेल में हैं।

अरविंद केजरीवाल ईडी रिमांड समाप्त होने के बाद गत एक अप्रैल को जेल भेजे गए हैं जबकि मनीष सिसोदिया एक साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। संजय सिंह पार्टी के पहले बड़े नेता हैं जिन्हें इस मामले में जमानत मिली है। ईडी के मुताबिक दिल्ली शराब नीति घोटाले में संजय ¨सह पर आरोप है कि उन्हें दो करोड़ रुपये मिले थे।

संजय सिंह से कुछ भी नहीं हुआ बरामद

मंगलवार को संजय सिंह की जमानत अर्जी और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दोनों अर्जियां न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, दीपांकर दत्ता और पीबी वराले की पीठ के सामने सुनवाई पर लगीं थीं। संजय सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि उनके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। उनके भागने की आशंका नहीं है। कोर्ट मामले में दखल दे और जमानत दे दे। सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने ईडी की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू से कहा कि संजय सिंह छह महीने से जेल में है। उससे कोई बरामदगी नहीं हुई है।

क्या ईडी अभी उसकी और हिरासत चाहता है?

क्या ईडी अभी उसकी और हिरासत चाहता है। कोर्ट ने राजू से निर्देश लेकर भोजनावकाश के बाद कोर्ट को सूचित करने को कहा। कोर्ट ने इस संबंध में पीएमएलए कानून की धारा 45 का भी जिक्र किया जो जमानत से संबंध में है। भोजनावकाश के बाद जब दोबारा कोर्ट मामले की सुनवाई के लिए बैठी तो एसवी राजू ने कोर्ट से कहा कि केस की मेरिट में जाए बगैर मामले के विशिष्ट तथ्यों पर वे जमानत के संबंध में रियायत दे सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की शर्तों की संतुष्टि पर संजय सिंह को जेल से रिहा कर दिया जाएगा।

क्या बोला ED?

हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह केस की मेरिट पर कुछ भी व्यक्त नहीं किया है। यह भी कहा कि इस आदेश को मिसाल नहीं माना जाएगा। हालांकि कोर्ट ने कहा कि जमानत पर रिहा होने के बाद संजय सिंह राजनैतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। लेकिन संजय सिंह को इस मामले यानी शराब नीति घोटाला मामले में कोई बयान नहीं देना चाहिए। संजय सिंह को जमानत देने के बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को महत्वहीन बताते हुए खारिज कर दिया।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा था क‍ि संजय सिंह 6 महीने से जेल में हैं और उनके पास से कोई पैसा नहीं मिला. अब भी ईडी संजय सिंह को हिरासत में रखना चाहती है. उन्हें हिरासत में रखना क्यों जरूरी है?

संजय सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके खि‍लाफ कोई बयान नहीं था. कभी चार्जशीट में बतौर आरोपी नाम नहीं लिया गया. सिर्फ 2 मौकों पर कहा गया कि एक करोड़ रुपये लिए गए. सब आरोप पूरी तरह से वेग हैं. इस मामले की सुनवाई के दौरान ईडी ने जमानत याचिका का व‍िरोध नहीं क‍िया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा क‍ि जमानत की शर्ते न‍िचली अदालत तय करेगी.

आप नेता ने द‍िल्‍ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए फरवरी में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसने दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्‍ड्र‍िंग मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. द‍िल्‍ली हाईकोर्ट ने 7 फरवरी को सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जो दिल्ली से राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए हैं, लेकिन निचली अदालत को सुनवाई शुरू होने पर तेजी लाने का निर्देश दिया था. ईडी ने हाईकोर्ट में दावा किया था कि सिंह कथित घोटाले में एक प्रमुख साजिशकर्ता है और उसे अपराध से 2 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है.

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