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जरूरत पड़ी तो आगे भी एक्शन लेंगे- डीजीएमओ - श्रीनारद मीडिया

जरूरत पड़ी तो आगे भी एक्शन लेंगे- डीजीएमओ

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो चुकी है। इस कॉन्फ्रेंस में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी हैं। उनके साथ डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और डीजी नेवल ऑपरेशंस वाइस एडमिरल एएन प्रमोद भी मौजूद हैं। यह पहली बार है जब तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी एक साथ इस ऑपरेशन पर ब्रीफिंग दे रहे हैं। कॉन्फ्रेंस की शुरुआत शिवतांडव की धुन से हुई।
डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस  लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “आज सुबह पाक डीजीएमओ से बातचीत हुई। कल फिर बात होगी। अगर पाकिस्तान ने आज रात सीजफायर तोड़ा तो करारा जवाब मिलेगा।”
डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस  लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया। इस दौरान आतंकी के नौ कैंप तबाह किए गए। हमने 100 आतंकियों की खत्म किया। इसमें मुद्स्सर खास, हाफिज जमिल और रऊफ अजहर जैसे हाई वैल्यू टारगेट लक्ष्य शामिल थे, जो आईसी814 के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल थे। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा का भी उल्लंघन किया गया और हमारे दुश्मन की अनिश्चित और घबराई हुई प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट था कि बड़ी संख्या में नागरिक, आबाद गांव और गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थल दुर्भाग्य से उनके निशाने पर आए, जिससे कई लोगों की जान चली गई।”
उन्होंने कहा, “भारतीय वायु सेना ने इन हमलों में एक प्रमुख भूमिका निभाई और इनमें से कुछ शिविरों पर हमला किया और भारतीय नौसेना ने सटीक हथियारों के मामले में साधन उपलब्ध कराए। भारतीय वायु सेना के पास आसमान में मौजूद हथियार थे।”लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के तहत सिर्फ आतंकी कैंप को निशाना बनाया गया।पाकिस्तान सेना के 35 से 40 अफसर मारे गए। पाकिस्तान ने नागरिक विमान को निशाना बनाया। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, DGMO

एयर ऑपरेशंस के डीजी ने क्या कहा?

डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा, “बहावलपुर में 4 ठिकानों पर हमने एक्शन किया।हमने वहां जैश-ए- मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप को भी तबाह किया।” उन्होंने कहा, “हमने लौहार में रडार सिस्टम को तबाह कर दिया। पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों के निशाना बनाने की कोशिश की थी। पाकिस्तान ने कई ड्रोन भेजे जिन्हें मार गिराया गया।” 8 और 9 मई को पाकिस्तान ने श्रीनगर से कच्छ तक कई ड्रोन भेजे जिन्हें नाकाम कर दिया गया। हम तैयार थे इसलिए कोई क्षति नहीं हुई। अवधेश कुमार भारती, डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल
DG Air Ops एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा, “हालात कठिन हैं, हम ये प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करना चाहते थे, लेकिन जरूरी हो गया था। भारतीय वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों पर हमला किया। ये दोनों स्थान अंतरराष्ट्रीय सीमा से काफी अंदर थे, इसलिए इन्हें चुनना रणनीतिक रूप से अहम था। IAF ने सटीक हमलों के लिए सैटेलाइट और इंटेलिजेंस आधारित टार्गेटिंग और प्रिसिशन म्यूनिशन का इस्तेमाल किया।”

‘हमने वहां हमला किया जहां सबसे ज्यादा दर्द हो’

एयरमार्शल भारती ने कहा कि पाकिस्‍तान ने जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, नाल, डलहौजी और फलौदी में अटैक किया। इधर हमतैयार थे, हमने एयर डिफेंस सिस्टम से सभी अटैक नाकाम किए। उनके लगातार हमलों से हमारी जमीन पर कोई नुकसान नहीं हुआ। उनकी ओर से लगातार एयरबेस और चेक पोस्ट पर हमले किए जाने के बाद हमने उन्हें जवाब दिया। हमने वहां हमला किया, जहां उन्हें सबसे ज्यादा दर्द हो।

“हमने उनके एयरबेस कमांड सिस्टम, मिलिट्री एयरबेस को निशाना बनाया। चकलाला, रफीकी और रहरयार खान में अटैक किया। हमने उनको साफ-साफ बता दिया कि आक्रामकता को न माफ किया जाएगा न बर्दाशत। हमारे पास उनके हर बेस पर हर सिस्टम को तबाह करने की क्षमता है। हम चाहते हैं कि हमारे दुश्‍मन आगे तनाव बढ़ाने की कोशिश ना करें।” एयर मार्शल ए.के. भारती

एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, “8 और 9 की रात को, 22:30 बजे से ही, हमारे शहरों पर ड्रोन, मानवरहित हवाई वाहनों का बड़े पैमाने पर हमला हुआ, जो श्रीनगर से शुरू होकर नलिया तक गया… हम तैयार थे और हमारी हवाई रक्षा तैयारियों ने सुनिश्चित किया कि जमीन पर या दुश्मन द्वारा नियोजित किसी भी लक्षित लक्ष्य को कोई नुकसान न पहुंचे।”
उन्होंने कहा, “एक संतुलित और संतुलित प्रतिक्रिया में, हमने एक बार फिर लाहौर और गुजरांवाला में सैन्य प्रतिष्ठानों, निगरानी रडार साइटों को निशाना बनाया… ड्रोन हमले सुबह तक जारी रहे, जिनका हमने मुकाबला किया। जबकि ड्रोन हमले लाहौर के नजदीक कहीं से किए जा रहे थे, दुश्मन ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दी थी, न केवल उनके अपने विमान बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान भी, जो काफी असंवेदनशील है और हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।”

‘पाकिस्तान ने कई नाकाम कोशिश की’

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि जमीन पर, हमने भारतीय वायुसेना के साथ एक एकीकृत ग्रिड स्थापित करने के लिए वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक परिसंपत्तियों की तैनाती जैसे कुछ उपाय भी किए हैं और मैंने आपमें से कुछ लोगों को हवाई घुसपैठ को नकारने और उसका मुकाबला करने के लिए इस तरह की संरचना के लाभों के बारे में बहुत कुछ कहते और सुनते देखा है।

उन्होंने कहा, “हमने भूमि, समुद्र और वायु क्षेत्रों में अपने बलों की आवाजाही को शामिल करने के लिए तैनाती भी की। 9-10 मई की रात को ड्रोन और विमानों द्वारा इसी तरह की घुसपैठ देखी गई और इस बार हवाई क्षेत्रों और कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण रसद प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का एक ठोस प्रयास किया गया, हालांकि एक बार फिर असफल रहा और एकीकृत भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना की वायु रक्षा द्वारा बहादुरी और कुशलता से इसका खंडन किया गया।”

भारत-पाकिस्तान तनाव: नौसेना ने तत्काल समन्वित प्रतिक्रिया का नेतृत्व किया

प्रेस कॉफ्रेंस के नेवी डीजी वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप (सीबीजी), सतही बल, पनडुब्बियां और विमानन परिसंपत्तियों को भारतीय रक्षा बलों की संयुक्त संचालन योजना के अनुरूप पूरी युद्ध तत्परता के साथ तुरंत समुद्र में तैनात किया गया था।

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा निर्दोष पर्यटकों पर किए गए कायराना हमलों के बाद, भारतीय नौसेना के वाहक युद्ध समूह, सतही बल, पनडुब्बियों और विमानन परिसंपत्तियों को पूरी तरह से युद्ध की तैयारी के साथ तुरंत समुद्र में तैनात किया गया था… हमने आतंकवादी हमले के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में कई हथियारों की फायरिंग के दौरान समुद्र में रणनीति और प्रक्रियाओं का परीक्षण और परिशोधन किया।”

“हमारे बल उत्तरी अरब सागर में निर्णायक और निवारक मुद्रा में पूरी तत्परता और क्षमता के साथ तैनात रहे, ताकि हम अपने चुने हुए समय पर कराची सहित समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला कर सकें। भारतीय नौसेना की अग्रिम तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को रक्षात्मक मुद्रा में रहने के लिए मजबूर किया, ज्यादातर बंदरगाहों के अंदर या तट के बहुत करीब, जिस पर हमने लगातार नजर रखी। हमारी प्रतिक्रिया पहले दिन से ही संतुलित, आनुपातिक, गैर-उग्र और जिम्मेदार रही है, जैसा कि हम कह रहे हैं, भारतीय नौसेना पाकिस्तान द्वारा किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का निर्णायक रूप से जवाब देने के लिए विश्वसनीय निवारक मुद्रा में समुद्र में तैनात है” वाइस एडमिरल एएन प्रमोद, नेवी डीजी

सीजफायर कैसे हुआ? DGMO ने दी जानकारी

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “10 मई की सुबह, जब हम पिछली रात की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए एक साथ बैठक कर रहे थे, मुझे पाकिस्तान में अपने समकक्ष से हॉटलाइन पर संदेश मिला, जिसमें मुझसे बातचीत करने की इच्छा जाहिर की गई थी।”

“चूंकि हमारा प्रारंभिक मकसद आतंकी शिविरों पर हमला करना था और उसके बाद के दिनों में हमारी सभी कार्रवाई पाकिस्तान वायु सेना और उसकी सेना की ओर से घुसपैठ और उल्लंघन के जवाब में थी, इसलिए यह फैसला लिया गया कि मैं अपने समकक्ष से बात करूंगा। कल दोपहर साढ़े तीन बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ से मेरी बातचीत हुई और इसके परिणामस्वरूप 10 मई को शाम 5 बजे से दोनों पक्षों द्वारा सीमा पार से गोलीबारी और हवाई घुसपैठ बंद हो गई।” लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, DGMO

बता दें समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से कहा कि सेना प्रमुख ने 10 मई को भारत-पाक के बीच हुई सहमति के किसी भी उल्लंघन पर जवाबी कार्रवाई के लिए पूर्ण अधिकार दे दिए हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखला गया था पाकिस्तान

भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक सटीक और सुनियोजित सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। भारतीय सेना ने इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठनों, जैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के ठिकानों को तबाह किया।
7 मई 2025 को शुरू हुए इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इनमें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर और मुरिदके, साथ ही PoK में मुजफ्फराबाद, कोटली और अन्य इलाके शामिल थे। भारतीय सेना का कहना है कि ये कार्रवाई सटीक थी और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने या नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया।

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