झारखंड में बेरोजगारों को 5000 रुपए प्रोत्‍साहन भत्‍ता के लिए शुरू हुई प्रक्रिया.

झारखंड में बेरोजगारों को 5000 रुपए प्रोत्‍साहन भत्‍ता के लिए शुरू हुई प्रक्रिया.

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कोरोना का असर: बाबा बासुकीनाथ मंदिर में स्‍पर्श पर रोक.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

झारखंड में शिक्षित बेरोजगारों को संबल देने के इरादे से सरकार ने प्रोत्साहन भत्‍ता देने का ऐलान किया है। इसके लिए एक अप्रैल से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। योजना के तहत तकनीकी रूप से प्रशिक्षित बेरोजगारों को साल में एक बार पांच हजार रुपये प्रोत्साहन भत्ता दिया जाना है।

मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना नाम से शुरू की गई इस योजना के तहत राज्य में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित और नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी से प्रमाणित बेरोजगार जो किसी भी रोजगार या स्वरोजगार में नहीं हैं उन्हें साल में एक बार मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत पांच हजार रुपये श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से दिया जाएगा। दूसरी ओर विधवा, परित्यागता, दिव्यांग, आदिम जनजाति को 50 प्रतिशत अतिरिक्त यानि 7500 रुपये बतौर प्रोत्साहन दिया जाएगा। नेशनल स्किल डेवलपमेंट एजेंसी के तहत विभिन्न विभाग कौशल प्रशिक्षण कराते हैं। सभी विभागों से प्रशिक्षितों की संख्या एकत्र की जा रही है। प्रोत्साहन भत्ता का लाभ वर्ष 2021-22 के दौरान मिलेगा।

जाहिर है कि यदि आप युवा हैं और इस योजना का लाभ उठा सकने की अर्हता रखते हैं तो आवेदन कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि इसकी प्रक्रिया क्‍या है। मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के लिए जो भी अभ्‍यर्थी अपना आवेदन जमा कर रहे हों, उन्‍हें एफिडेविट के जरिये सही सूचनाओं के बारे में उद्घोषणा करनी होगी। आवेदन में सिर्फ और सिर्फ सही और सटीक जानकारी देना बेहद जरूरी है। आगे की जांच-पड़ताल में यदि आवेदकों की ओर से कोई गलत जानकारी देने का प्रमाण मिलता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रोत्‍साहन भत्‍ता के लिए ये है जरूरी

आवेदक अपना मोबाइल नंबर तैयार रखें
आवेदन के लिए आधार कार्ड जरूरी है
अभ्‍यर्थी का बैंक में खाता (खाता नंबर) होना अनिवार्य है
आवेदक का बैंक अकाउंट आधार से निश्चित तौर पर लिंक होना चाहिए
अभ्‍यर्थी के पास सरकारी संस्‍थान का तकनीकी योग्यता प्रमाण पत्र होना जरूरी है
आवेदक स्‍पेशल कैटेगरी से हों, तो उन्‍हें विधवा, परित्यक्ता, आदिम जनजाति, दिव्यांग आदि का प्रमाण पत्र देना होगा
बेरोजगारी भत्ता के लिए नियोजनालय का रजिस्‍ट्रेशन नंबर जरूरी है। तीन साल पुराना होने पर नवीकरण आवश्‍यक है
आवेदकों को अपने स्थायी पता का प्रमाण पत्र, स्थानीयता प्रमाण पत्र देना जरूरी है
अभ्‍यर्थियों को यह शपथ पत्र देना होगा, जिसमें उसके किसी रोजगार से नहीं जुड़ने और स्वरोजगार नहीं करने की सत्‍यता प्रमाणित की गई हो
आवेदक झारखंड के स्थानीय निवासी होने पर ही बेरोजगारी भत्‍ता के हकदार होंगे.

झारखंड सरकार ने दुमका सहित विभिन्‍न जिलों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनज़र प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बाबा बासुकीनाथ मंदिर में स्‍पर्श पूजा पर रोक लगा दी है। श्रद्धालु अब यहां अरघा विधि से ही पूजा कर सकेंगे। इस विधि से पूजा के लिए मंदिर में ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन कराना होगा। इस बारे में आपदा प्रबंधन विभाग और राज्‍य सरकार ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है। 

गुरुवार को उपायुक्त राजेश्वरी बी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में हुई बैठक में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए। अधिकारियों को निर्देश मिला कि कोरोना प्रोटोकॉल और गाइडलाइन का सख्‍ती से पालन किया जाए। कहा गया कि दुमका समेत पूरे राज्य में स्थिति भयावह नहीं हो, इसके लिए तत्‍काल आवश्‍यक कदम उठाए जाएं।

सोशल डिस्‍टेंसिंग टूटने पर सील होंगे शॉपिंग मॉल
उपायुक्त ने सभी दुकानदारों, शॉपिंग मॉल संचालकों, पेट्रोल पंप मालिकों और फुटपाथ पर रोजगार करने वालों को अपने यहां आने वाले लोगों से सामाजिक दूरी का पालन, मास्क का प्रयोग आदि नियमों का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि ग्राहकों के बीच सामाजिक दूरी बनी रहे, इसे ध्यान में रखते हुए मार्किंग भी कराई जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं होने की स्थिति में 15 दिनों तक के लिए दुकान सील भी की जा सकती है।

ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन के बाद सीमित संख्‍या में कर सकेंगे दर्शन 
उपायुक्‍त ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए बासुकीनाथ मंदिर में अगले आदेश तक के लिए तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या टोकन सिस्टम कराने वाले सिर्फ एक हजार श्रद्धालु ही हर दिन अरघा व्यवस्था के तहत दर्शन कर सकेंगे। स्पर्श पूजा पर अगले आदेश तक रोक रहेगी।। पंजीकृत श्रद्धालुओं को ही मंदिर परिसर में सामाजिक दूरी के साथ आने की अनुमति दी जाएगी। 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 5 वर्ष से कम आयु वाले बच्‍चों के साथ बीमार लोगों के मंदिर में प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी है।

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