पूर्णिया जिले में रोगी सहायता समूह के सदस्य दे रहे हैं फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को मजबूती
रोग के कारण व बचाव संबंधी उपायों के प्रति ग्रामीणों को कर रहे हैं जागरूक:
रोगग्रस्त लोगों तक जरूरी चिकित्सा सहायता पहुंचाने में निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका:
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
पूर्णिया जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के प्रयासों में तेजी आयी है। स्वास्थ्य विभाग व सहयोगी संस्थाओं की सक्रियता के कारण रोग प्रबंधन व इसके प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण के उपायों को मजबूती मिली है। जरूरी चिकित्सकीय सेवाओं तक मरीजों की आसान पहुंच के उद्देश्य से जिले के 08 प्रखंड में विशेष रूप से फाइलेरिया क्लिनिक संचालित हैं। वहीं समाज की मुख्य धारा से अलग जीवन बसर करने के लिये मजबूर फाइलेरिया व कालाजार मरीजों के लिये रोगी सहायता समूह व नेटवर्क रोग उन्मूलन की दिशा में बेहद प्रभावी साबित हो रहा है। जरूरी चिकित्सकीय सेवाओं तक मरीजों की आसान पहुंच के उद्देश्य से जिले के तीन प्रखंडों में फिलहाल 23 ऐसे समूह संचालित हैं। इसमें क़स्बा में 06, पूर्णिया पूर्व में 07 एवं के नगर में 10 समूह संचालित हैं। समूह के सदस्य आसपास के ग्रामीण व स्कूली बच्चों को रोग से बचाव व इसके प्रबंधन संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करने की मुहिम में जुटे हैं।
फाइलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं रंजीत:
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के डीमीया छतरजान पंचायत में संचालित रोगी सहायता समूह के सदस्य 45 वर्षीय रंजीत कुमार यादव इस अभियान से जुड़ने पर खुशी जाहिर करते हैं। वे कहते हैं कि वर्षों तक फाइलेरिया के असहनीय पीड़ा से गुजरा हूं। इस लिये फाइलेरिया मरीजों की तकलीफ को बखूबी समझता हूं। समूह से जुड़ने के बाद रोगी के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला। रोग को लेकर व्याप्त भ्रांतियां भी दूर हुई हैं। इसीलिए समूह से जुड़ कर अब लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रहा हूं। ताकि अपने परिवार व समाज के किसी दूसरे व्यक्ति को इस असहनीय पीड़ा का सामना न करना पड़े। इसके लिये ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को रोग की जानकारी देते हुए इससे बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक कर रहा हूं।
समूह की मदद से मजबूत हुआ है फाइलेरिया उन्मूलन अभियान: डॉ शरद कुमार
पूर्णिया पूर्व प्रखंड के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरद कुमार ने बताया कि रोगी सहायता समूह की मदद से फाइलेरिया उन्मूलन के प्रयासों को मजबूती मिली है। समूह के सदस्यों को रोग के प्रबंधन व प्रभावित अंगों की देखरेख को लेकर प्रशिक्षित किया गया है। रोगग्रस्त मरीजों को रोग के बारे में समुचित जानकारी व उपलब्ध सरकारी चिकित्सकीय इंतजाम की जानकारी देने में समूह सदस्य अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनके द्वारा ग्रामीणों को हर साल संचालित सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत आवश्यक रूप से दवा सेवन करने के साथ आसपास के माहौल को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है।
लोगों को जागरूक करने में समूह की भूमिका महत्वपूर्ण: डीएमओ
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने बताया कि सहायता समूह समाज के लोगों को रोग नियंत्रण व इससे बचाव के प्रति जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक मच्छरजनित रोग है। इसका कोई समुचित इलाज नहीं लेकिन कुशल प्रबंधन व प्रभावित अंगों की समुचित देखरेख से इससे होने वाली जटिलताओं से बहुत हद तक बचा जा सकता है। वर्ष 2027 तक देश को पूरी तरह फाइलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। लिहाजा इस दिशा में हर स्तर पर सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि इस उपेक्षित बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।
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