भारत को मिला दूसरा पदक.पीवी सिंधु ने बैडमिंटन सिंगल्स में जीता ब्रॉन्ज मेडल.

भारत को मिला दूसरा पदक.पीवी सिंधु ने बैडमिंटन सिंगल्स में जीता ब्रॉन्ज मेडल.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत की महिला स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मुकाबले में चीन की हे बिंगजियाओ को हराकर मेडल अपने नाम किया। पीवी सिंधू ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारत के लिए दूसरा मेडल जीता। रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वीली पीवी सिंधू को सेमीफाइनल मुकाबले में चीनी ताइपे ताई जु यिंग से हार का सामना करना पड़ा था और वो फाइनल में पहुंचने से चूक गई थीं, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेले गए मुकाबले में उन्होंने जीत हासिल कर भारत की सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के बाद वो टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए दूसरा मेडल जीतने वाली खिलाड़ी बनीं।

पीवी सिंधू का ओलिंपिक में ये दूसरा मेडल है। भारत के लिए बैडमिंटन में दो पदक जीतने वाली वो एकमात्र महिला खिलाड़ी बनीं और इतिहास रच दिया। यही नहीं भारत के लिए किसी भी खेल में वो दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट भी बन गई हैं। ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मुकाबल में पीवी सिंधू ने विरोधी खिलाड़ी बिंगजयाओ को पहले गेम में 21-13 से हराया। इसके बाद सिंधू ने दूसरे गेम को भी थोड़े संघर्ष के बाद 21-15 से अपने नाम कर लिया। टोक्यो ओलिंपिक में सिंधू का सफर काफी शानदार रहा। उन्होंने शुरुआत से जीत की लय बरकरार रखी थी। हालांकि सेमीफाइनल में एकमात्र हार मिली थी, लेकिन उन्होंने फिर से वापसी की और देश के लिए पदक जीत लिया।

इस मुकाबले में पीवी सिंधू पूरी तरह से अपनी विरोधी चीन की बिंगजियाओ पर हावी रहीं। हालांकि उन्होंने कुछ गलतियां की जिसकी वजह से उन्हें अंक खाने पड़े, लेकिन आखिरकार उन्हें जीत मिली। पहले गेम में भी एक समय स्कोर 6-6 की बराबरी पर आ गया था तो वहीं दूसरे गेम में भी एक बार स्कोर बराबरी पर आ गया था और सबकी सांसे थम सी गई थी, लेकिन फिर सिंधू ने वापसी करते हुए धमाकेदार अंदाज में जीत दर्ज कर ली।

पीवी सिंधु का तोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल तक का सफर

– पहला मैच (ग्रुप स्टेज): पोलिकारपोवा सेनिया (इजराइल) के खिलाफ 2-0 से जीत

– दूसरा मैच (ग्रुप स्टेज): चेयूंग नगन यि (हांगकांग) के खिलाफ 2-0 से जीत

– तीसरा मैच (राउंड-16): मिया ब्लिचफील्ड (डेनमार्क) के खिलाफ 2-0 से जीत

-चौथा मैच (क्वॉर्टर फाइनल): अकाने यामागुजी (जापान) के खिलाफ 2-0 से जीत

– पांचवां मैच (सेमीफाइनल): ताई जू यिंग (चीनी ताइपे) से 0-2 से हारीं

– छठा मैच (ब्रॉन्ज मेडल): बिंगजियाओ (चीन) के खिलाफ 2-0 से जीत.

 

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