भारत वास्तव में दुनिया का विश्व गुरु है-यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री एमीन झापरोवा (Ukraine’s Deputy Foreign Minister Emine Dzhaparova) ने कहा कि यूक्रेन ने कभी किसी और देश पर हमला नहीं किया। हम लोग अकारण जंग के पीड़ित हैं। जैसा कि आपके प्रधानमंत्री ने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है और हम इसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से हम एक आक्रामक देश से घिरे हैं। झापरोवा ने सोमवार को विदेश मंत्रालय में सचिव-पश्चिम संजय वर्मा से मुलाकात  भी की।

‘हम भारत को निर्देश नहीं दे सकते’

एमीन झापरोवा ने कहा कि हम भारत को उसके आर्थिक संबंधों को लेकर किसी भी तरह से निर्देश नहीं दे सकते। हमें लगता है कि भारत को अपने संसाधनों को लेकर विविधता लानी चाहिए, न ही सिर्फ ऊर्जा के क्षेत्र में, बल्कि अपनी सैन्य के क्षेत्र में भी लाना चाहिए।

‘भारत को व्यावहारिक होना चाहिए’

यूक्रेन की उप-विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे देश में जब हम सिर्फ रूस पर निर्भर थे तो उन्होंने उसका गलत फायदा उठाया। भारत को सैन्य अनुबंधों, राजनीतिक बातचीत में व्यावहारिक होना चाहिए।

भारत वास्तव में दुनिया का विश्वगुरु है’

एमीन झापरोवा ने कहा कि अगर मेरे राष्ट्रपति की बात प्रधानमंत्री मोदी से होती है तो वे उनको यूक्रेन आने का न्योता जरूर देंगे। मुझे लगता है कि एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भारत वास्तव में दुनिया का विश्वगुरु है और मूल्यों और न्याय के लिए लड़ते हुए हमने यूक्रेन में यही महसूस किया है।यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा आज भारत की यात्रा पर नई दिल्ली पहुंची. उनकी यह यात्रा कई मायनों में दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान, झापरोवा सचिव (पश्चिम), विदेश मंत्रालय (एमईए), संजय वर्मा के साथ बातचीत करेंगी, जिसके दौरान दोनों पक्षों के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने, यूक्रेन की मौजूदा स्थिति और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने की उम्मीद है. मालूम हो कि पिछले साल रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से किसी भी पूर्वी यूरोपीय देश का भारत का यह पहला  आधिकारिक दौरा है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि, यूक्रेन के उप विदेश मंत्री, विदेश राज्य मंत्री और संस्कृत- मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करेंगी और यात्रा के दौरान वह उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विक्रम मिस्री से मिलकर महत्वपूर्ण चर्चा करेंगी.

मालूम हो कि पूर्व में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, रूस-यूक्रेन संघर्ष को केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जा सकता है और ‘भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान करने के लिए तैयार है.’ उन्होंने संघर्ष शुरू होने के बाद से कई बार यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों से बात की है. उन्होंने ये बातें इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी से बातचीत के दौरान भी ये बातें भी दोहराई थी. उन्होंने पिछले साल सितंबर में एससीओ शिखर सम्मेलन में कहा था, ‘आज का युग युद्ध का नहीं है.’ और हमें भोजन, ईंधन की समस्याओं को दूर करने के तरीकों को खोजने की जरुरत है.

 

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