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लगातार प्रगाढ़ हो रही इजरायल-भारत मैत्री. - श्रीनारद मीडिया

लगातार प्रगाढ़ हो रही इजरायल-भारत मैत्री.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हम इजरायल और भारत के राजनयिक संबंधों के 30 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। पिछले वर्ष सितंबर में इजरायल के राजदूत के रूप में अपनी रोमांचक यात्रा शुरू करने के लिए मैं नई दिल्ली पहुंचा था। इजरायल के राजनयिकों के लिए भारत सबसे दिलचस्प और महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है, क्योंकि भारत में इजरायल के कई मित्र हैं। दोनों देशों के लोगों के बीच बहुत प्रेम, आदर और गहरी दोस्ती है।

29 जनवरी, 1992 को औपचारिक रूप से राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से इजरायल और भारत ने मिलकर जो हासिल किया है, वह अभूतपूर्व है। हमारी दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच का संबंध हजारों वर्ष पुराना है। भारत का यहूदी समुदाय इन संबंधों की आधारशिलाओं में से एक है। यहूदी पीढिय़ों से भारत में शांति के साथ रह रहे हैं। उन्हें कभी भी उत्पीडऩ या विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। सबको अपनाने वाला भारतीय समाज उन्हें फलने-फूलने और अपना अभिन्न अंग बनने की इजाजत देता है। इसे ही हम ‘अतुल्य भारत’ के रूप में जानते हैं।

बीते 30 वर्षों के दौरान भारत के साथ इजरायल के द्विपक्षीय संबंध कई क्षेत्रों में प्रगाढ़ हुए हैं। स्वास्थ्य, कृषि, जल, व्यापार, विज्ञान एवं तकनीक, अनुसंधान एवं विकास, रक्षा, कला-संस्कृति, पर्यटन एवं अंतरिक्ष इनमें प्रमुख हैैं। भारत हमारा अब केवल घनिष्ठ मित्र ही नहीं है, बल्कि एक सामरिक साझेदार भी है। दोनों देशों के राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के साथ अनेक उच्च स्तरीय दौरों से यह स्पष्ट भी हो जाता है। आने वाले वर्षों में और अधिक उच्च स्तरीय दौरों की योजना है।

हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत हमारे प्रमुख साझेदारों में से एक है। आज हमारे द्विपक्षीय संबंध जिन क्षेत्रों में केंद्रित हैं, वे हिंद प्रशांत में समग्र रूप से इजरायल के निरंतर हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैश्विक महामारी कोविड पर काबू पाना, आतंकवाद से लडऩा, व्यापार का विस्तार और जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाले खतरों से निपटना दोनों देशों की आज प्राथमिकता है।

महामारी की शुरुआत के बाद से इजरायल ने कई संयुक्त योजनाओं पर भारत के साथ मिल कर काम किया है। इस दौरान हमने चिकित्सा उपकरणों का भी आदान-प्रदान किया। साथ ही नि:शुल्क महिला स्वास्थ्य क्लिनिक की व्यवस्था की है। दोनों देश वैक्सीन प्रमाणपत्रों की आपसी मान्यता पर भी सहमत हुए हैं। इससे दोनों देशों की आपसी समझबूझ और मजबूत हुई है। इसकी बदौलत हम स्वास्थ्य सेवा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने सहयोग को और मजबूत बनाना जारी रख सकते हैं। हमने रक्षा समेत सहयोग के अन्य क्षेत्रों में भी निरंतर प्रगति की है।

भारतीय सैन्य अधिकारियों ने इजरायल की कई उच्च स्तरीय यात्राएं करने के साथ इजरायली वायु सेना द्वारा आयोजित ब्लू फ्लैग सैन्य अभ्यास में भागीदारी की। ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के शुरू होने से पहले से ही इजरायल ‘मेक इन इंडिया, मेक विद इंडिया (भारत में बनाओ, भारत के साथ बनाओ)’ के पक्ष में रहा है। वास्तव में दोनों देश समझ चुके हैं कि लंबे समय तक दोस्ती बनाए रखने के लिए साझेदारी की जड़ों को निरंतर पोषित करना होगा। इसे अकादमिक सहयोग के स्तर पर भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

हमें एक दूसरे को समृद्ध करते हुए अपने साझा ज्ञान के क्षितिज का विस्तार करना चाहिए। इजरायल में 10 प्रतिशत विदेशी छात्र भारतीय हैं। इसमें और बढ़ोतरी कैसे हो, इस पर बात चल रही है। और अधिक युवा छात्रों तक पहुंचने के लिए हम अगले पांच वर्षों में नई दिल्ली के आसपास के इलाकों में मोबाइल कक्षा की सुविधा प्रदान करने वाली बस को प्रायोजित करेंगे। इजरायल एक स्टार्टअप राष्ट्र है। हमारे पास प्रौद्योगिकी में भारत से साझा करने और सीखने के लिए बहुत कुछ है। हमने दोनों देशों की स्टार्टअप्स और टेक कंपनियों के बीच व्यावसायिक उपक्रमों में पर्याप्त वृद्धि भी देखी है।

हरित ऊर्जा भी एक और ऐसा क्षेत्र है, जहां हमें सहयोग को मजबूत बनाने पर गर्व है। हाल में इजरायल भारत नीत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हुआ है। दोनों देश मिलकर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक युद्ध में अहम भूमिका निभा सकते हैं। कृषि और जल भारत के साथ हमारी साझेदारी के महत्वपूर्ण पहलू हैं। ड्रिप सिंचाई तकनीक भारत में कृषि विकास में अहम भूमिका निभा रही है। भारत-इजरायल कृषि परियोजना के तहत इसे विकसित किया गया है। यह विश्व की सबसे बड़ी कृषि परियोजना है, जिसमें इजरायल की सरकार शामिल है।

जल के क्षेत्र में भारत में इजरायल नीत कई परियोजनाएं चल रही हैं। बुंदेलखंड, उत्तर प्रदेश की प्रमुख जल परियोजना सबसे हाल की है। कई इजरायली कंपनियां पहले से ही आधुनिक तकनीक के माध्यम से भारत में जल प्रबंधन में परिवर्तन ला रही हैं। जल के क्षेत्र में अपने सहयोग को और बढ़ाने के लिए हमने पहली बार जल संसाधन प्रबंधन के विशेषज्ञ के रूप में एक विशेष दूत को नियुक्त किया है, जो भारत में सरकारी अधिकारियों और उद्योगों के साथ मिल कर काम करेगा। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना जारी रखें और द्विपक्षीय सहयोग के असीमित दायरे का पूरा उपयोग करते रहें।

हमारे युवा, ज्ञान आधारित समाज और अर्थव्यवस्थाएं हमें द्विपक्षीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मानव और भौतिक संसाधन प्रदान कर रहे हैं। हमारे संबंधों की नींव काफी मजबूत है। इस पर हम अपने रिश्ते की ऊंची इमारत खड़ी कर सकते हैं।

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