UPSC टॉपर शुभम कुमार से जानते हैं,P.T एग्जाम में सफलता के मूल मंत्र.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

UPSC का प्रीलिम्स एग्जाम रविवार को आयोजित होगा। ऐसे में प्रीलिम्स में शामिल हो रहे छात्रों के लिए यह समय आत्मविश्वास बढ़ाने का है। यही समय आपके लिए निर्णायक होगा। एग्जाम के लिए हर एक पल काफी अहम है। सफलता के लिए लॉस्ट टाइम में आपकी तैयारी को लेकर दैनिक भास्कर ने UPSC टॉपर शुभम कुमार ने विशेष बातचीत की है। टॉपर ने कई ऐसे टिप्स दिए हैं। जिस पर लास्ट टाइम में अमल कर सफलता हासिल की जा सकती है।

अंतिम समय ही निर्णायक
शुभम कुमार का मानना है कि चाहे तैयारी हो या फिर एग्जाम अंतिम समय काफी निर्णायक होता है। इस समय कोई नया काम नहीं करना है। लॉस्ट डे अधिक नहीं पढ़ना है। पूरी तरह से रिलैक्स रहना है। एग्जाम के पहले रात में अच्छी नींद लेना है, जिससे मॉर्निंग में आप एग्जाम देते समय फ्रेश रहें। अगर किसी कारण से अच्छी नींद नहीं आई है तो मॉर्निंग में इस पर ध्यान नहीं दें। ऐसा सोचना है कि मैं अच्छी तरह से सो चुका हूं और मेरा ब्रेन पूरी तरह से लाइट है, मैं एग्जाम में अच्छे से शामिल होने को तैयार हूं। खुद को पॉजिटिवली मोटिवेट करते रहना है।

मास्क पर भी देना होगा ध्यान
शुभम का मानना है कि कपड़ों से भी एग्जाम में काफी प्रभाव होता है। लूज कपड़े एग्जाम में पहनकर जाएं। मास्क को एक दिन पहले ही पहनकर ट्राई कर लें, अधिक देर तक लगाने से काम में दर्द या सांस लेने में तकलीफ तो नहीं हो रही। पेन को पहले से इस्तेमाल करें ताकि एग्जाम में वह फंसे नहीं। एग्जाम देने ऐसे लूज कपड़े पहनकर जाएं जो आपको सहज बनाए रखें। एग्जाम हॉल में 30 से 40 मिनट पहले पहुंच जाएं। वहां बैठकर खुद को कंफर्ट महसूस कर लें, इसके बाद डीप ब्रीथिंग करें जिससे पेपर देने में ध्यान का भटकाव नहीं हो। एग्जाम हाल में जाने से पहले अपनी पसंद का चाकलेट खा सकते हैं या काफी पी सकते हैं। इससे मूड अच्छा रहता है।

पॉजिटिव एनर्जी के साथ एग्जाम हॉल में जाएं
आत्मविश्वास के साथ एग्जाम दें, ऐसा नहीं सोचना है कि पेपर कठिन है, इस बार नहीं हो पाएगा। अगर पेपर कठिन है तो सभी के लिए है। इससे कटऑफ भी नीचे जाता है। एग्जाम के दौरान और एग्जाम के पहले अंतिम समय में निगेटिव बातों से पूरी तरह से खुद को दूर रखना है। अगर साथ में कोई साथी पॉजिटिव मोटीवेट करने वाले हैं तो उनके साथ एग्जाम सेंटर तक जाएं। वाटर बोतल, पेन, घड़ी सब पहले से व्यवस्थित कर लें, ताकि एग्जाम के दिन हड़बड़ी नहीं हो। अगर आप इस ट्रिक से कांफिडेंट रहेंगे तो 10 मार्क्स एक्स्ट्रा कर पाएंगे।

हर प्रश्न को दिमाग से पढ़ना है
शुभम का कहना है कि हर एक प्रश्न को हल करते समय लास्ट टाइम में हड़बड़ाना नहीं है। आत्मविश्वास के साथ एक एक प्रश्न को अच्छे से पढ़कर सॉल्व करना है। आपने तैयारी की है, बस यही विश्वास बनाए रखना है कि आप अच्छा करेंगे। प्री एग्जाम में 30 से 35 प्रश्न 100 प्रतिशत विश्वास होता है, इससे अधिक प्रश्नों को लेकर डाउट होता है। ऐसे में आप आत्मविश्वास के साथ ध्यान से परीक्षा देंगे तो इंटेलिजेंस गेसिंग कर पाएंगे।

प्रश्न को हल करने का शुभम का ट्रिक
शुरुआत में उन्हीं प्रश्नों को हल करना है जो 100 प्रतिशत कॉन्फिडेंस वाले हों। इसमें लगभग 30 प्रश्न हो जाएंगे। एक घंटे बीतने के बाद दूसरे घंटे में वापस एक एक प्रश्नों का पढ़ना शुरू करें। इस बार उन प्रश्नों काे करना होता है जो दो ऑप्शन के बीच में डाउट वाले हैं। इसके बाद बबलिंग करने का काम OMR सीट पर करें। फिर तीसरे स्टेप में जाना है जो बाकी के 20 से 25 प्रश्न हैं, जिसमें एक उत्तर डाउट है बाकी पर कांफीडेंट नहीं उन प्रश्नों को करना होता है। ऐसे में लगभग 90 से 95 प्रश्न हल हो जाएंगे। इससे मार्क्स मैक्सिमम हो पाते हैं।

शुभम का कहना है कि वह ऐसा ही करते थे, बस 5 से 6 प्रश्न छोड़ते थे और वही प्रश्न छोड़ते थे जिसमें वह खुद को कमजोर पाते थे। उनका कहना है कि हर छात्र किसी न किसी क्षेत्र में कमजोर होता है। प्रश्न वही छोड़ें, जिसमें आप स्ट्रांग नहीं हों और उन प्रश्नों के बारे में आपको कोई आइडिया नहीं हो।

इस ट्रिक पर भी दें ध्यान
शुभम का कहना है कि वह सामान्य तौर पर ऐसे प्रश्नों को हर हाल में हल करते थे जिसमें वह 4 में दो ऑप्शन डाउट वाले होते थे। क्योंकि, जो पॉजिटिव अंक है वह प्लस टू होता है और जाे निगेटिव होता है वह माइनस वन थर्ड होता है। अगर मेरे तीन में से एक भी ऑप्शन सही हो जाते हैं और दो गलत भी हो जाते हैं तो मेरा ओवरऑल पॉजिटिव मार्क्स ही रहेगा। वह इस ट्रिक को यूज करते हुए जेनरली ज्यादा से ज्यादा अटेंम्ट करने की कोशिश करते थे।

ध्यान रहे हर प्रश्न पर बराबर समय दें
शुभम का कहना है कि वह एग्जाम के दौरान घड़ी पर हमेशा ध्यान रखते थे। यह देखना होता है कि कहीं एक प्रश्न पर ज्यादा टाइम तो नहीं दे रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि हर प्रश्न को अच्छे से पढ़े। हड़बड़ी या जल्दबाजी न करें। कभी कभी ऐसा होता है जो हमने पढ़ा है वहीं प्रश्न आ जाता है, लेकिन हम हड़बड़ी में गलत कर देते हैं। पढ़ा हुआ प्रश्न आने पर भी अच्छे से पढ़कर गलत ऑप्शन को छांटकर राइट ऑप्शन सिलेक्ट करना है। अब कुछ घंटे ही बाकी हैं तो कुछ भी नया नहीं पढ़ना है।

शुभम परीक्षा के दिन मार्निंग में कुछ प्रश्नों को हल करते थे जो पिछले साल UPSC ने पूछे थे। उसके 5 से 6 प्रश्न सुबह परीक्षा हॉल में जाने से पहले हल करने से परीक्षा हाल में जाकर नया नहीं लगता है। माइंड का फ्लो प्रश्नों को सॉल्व करने के लिए बन जाता है।

लास्ट 30 मिनट पर पूरा फोकस
शुभम का कहना है कि अंतिम 30 मिनट काफी अहम होता है। इसमें हो सकता है कि आपके पास बहुत प्रश्न बाकी हो, इसमें ऐसे प्रश्न होते हैं जो फाइनली पढ़ने के बाद ट्रिक नहीं किए गए होते हैं। लास्ट के आधे घंटे में बिना किसी हड़बड़ी के इसे हल करना चाहिए। एग्जाम में इंटेलिजेंस ग्रेसिंग करना होता है, कॉमन सेंस लगाना होता है। ध्यान रखना है कि 4 ऑप्शन में 3 गलत हैं। इन्हें अलग कर राइट आंसर तक पहुंचना होता है, इसलिए कॉमन सेंस पर ध्यान देना है।

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