जानें क्या है भारत में मिला कोरोना का ‘डबल म्यूटेंट’ वैरिएंट, कितना खतरनाक और क्यों है ये चिंता का कारण ?

जानें क्या है भारत में मिला कोरोना का ‘डबल म्यूटेंट’ वैरिएंट, कितना खतरनाक और क्यों है ये चिंता का कारण ?

श्रीनारद मीडिया, रोहित मिश्रा, सेंट्रल डेस्क

देश कोरोना महामारी के खिलाफ लगातार जंग लड़ रहा है। इस बीच, एक बार फिर से देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। इनमें महाराष्ट्र, पंजाब देश के पांच राज्यों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है। देश एक ओर कोरोना के बढ़ते मामलों से चिंता में है तो दूसरी ओर एक और नये खतरे ने सरकार और देश की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। देश में कोरोना वायरस के एक नए ‘डबल म्यूटेंट’ वेरिएंट का पता चला है। देश के 18 राज्यों में कई ‘वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न्स’ (VOCs) पाए गए हैं। इसका मतलब ये है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस के अलग-अलग रूप पाए गए हैं जो एक बड़ा खतरा बन सकते हैं। इन कोरोना वैरियंट में ब्रिटेन, दक्षिण अफ़्रीका, ब्राज़ील के साथ-साथ भारत में पाया गया नया ‘डबल म्यूटेंट’ वैरिएंट भी शामिल है।

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आखिर क्या है भारत मेें मिला डबल म्यूटेंट वैरिएंट ?

देश में मिले डबल म्यूटेंट वैरिएंट को लेकर अभी शुरुआती जानकारी ही सामने आई है। भारत में पहली बार डबल म्यूटेंट वैरिएंट का पता चला है। डबल म्यूटेंट वैरिएंट को लेकर एक जानकारी ये सामने आई है कि कोरोना का ये प्रकार तेजी से फैलता है यानि ये ज्यादा संक्रामक है।  साथ ही यह शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र से बचने में भी सक्षम है। यह नया ‘डबल म्यूटेंट’ वैरिएंट शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र से बचकर बॉडी में संक्रामकता के स्तर को बढ़ाता है। हालांकि अभी इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि देश में बढ़ रहा संक्रमण, कोरोना के इस नए वैरिएंट की वजह से ही है।

कितना खतरनाक है डबल म्यूटेंट वैरिएंट ?

डबल म्यूटेंट वैरिएंट इसलिए खतरनाक है क्योंकि ये शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र से ना सिर्फ बच सकता है बल्कि ये शरीर में तेजी से संक्रमण भी फैलाता है। ये वैरियंट इसलिए भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसमें वायरस के एक ही रूप में दो बदलाव हुए हैं। स्पाइक प्रोटीन में बदलाव के चलते इसकी संक्रामकता में इजाफा हो सकता है और इसके स्वरूप में हुए दूसरे बदलाव के चलते यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सफल रहता है। हालांकि, अभी इसको लेकर अभी अध्ययन जारी है और इसको लेकर ज्यादा जानकारी आने वाले समय में आएगी।

जानें म्यूटेशन और वैरियंट में अंतर

किसी भी वायरस में लगातार बदलाव होता रहते है और यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। वायरस अपना रूप बदलकर अपनी आंतरिक संरचना में बदलाव करता रहता है। कोई भी वायरस जब रूप बदलता है तो वह पूरा नहीं होता उसके कुछ न कुछ घटक छूट जाते हैं और इसे ही हम म्यूटेशन कहते हैं। जब उस म्यूटेशन का इंसानों पर असर होता है तो उसे वैरिएंट(Variant) कहा जाता है।

देश में नए कोरोना वैरियंट के अब तक 771 मामले

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 771 ऐसे मामले हैं, जो नए वैरिएंट से जुड़े हैं। इनमें ब्रिटेन के कोरोना वैरिएंट के 736 मामले, दक्षिण अफ्रीका वाले वैरिएंट के 34 मामले और ब्राजील वाले वैरिएंट का एक मामला शामिल है। कोरोना के नए वैरिएंट के मामले महाराष्ट्र, केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी मिले हैं।

कोरोना का यह नया वैरिएंट दुनिया के 16 अन्य देशों में भी पाया गया है, जिसमें ब्रिटेन, डेनमार्क, सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने 10 नेशनल लैब का एक ग्रुप बनाया था, जो कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट की जीनोम सिक्वेंसिंग कर रही हैं। सरकार का कहना है कि यह नया वैरिएंट ही भारत में संक्रमण के मामले बढ़ा रहा है, इसे समझने के लिए अभी और शोध की जरूरत है।

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