कोविड का टीका संक्रमण से बचाव के लिए सबसे प्रभावशाली एवं उपयुक्त हथियार हो रहा है साबित

कोविड का टीका संक्रमण से बचाव के लिए सबसे प्रभावशाली एवं उपयुक्त हथियार हो रहा है साबित

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लोगों के टीकाकरण कराने से खत्म होगी महामारी, कोविड का टीका है पूर्ण सुरक्षित:
टीकाकरण के बाद के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराएँ नहीं:
संक्रमित व्यक्ति संक्रमण से मुक्त होने के तीन महीने ले सकते कोरोना टीका:

श्रीनारद मीडिया‚ किशनगंज, (बिहार)

किशनगंज जिले में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। वर्तमान में सिर्फ 50 व्यक्ति ही संक्रमित हैं। लेकिन अभी भी खतरा पूरी तरह से टला नहीं है। कोरोना वायरस से संक्रमित हुए लोग ठीक भी हो रहे हैं। जिले में कुल 10191 व्यक्ति संक्रमित हुए थे जिसमें से 10114 व्यक्ति संक्रमण से ठीक भी हुए है। जिले की रिकवरी रेट 99.2 प्रतिशत है लेकिन अभी भी सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। स्वस्थ हो चुके मरीजों को अभी भी सचेत रहने की जरूरत है और इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण दोबारा अपनी चपेट में ले सकता है। संक्रमण की धीमी रफ़्तार को देखते हुए इस समय और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि मौसम भी बदल रहा है। वर्तमान समय में कोविड-19 से बचाव के लिए कोविड-19 का टीका सबसे प्रभावशाली एवं उपयुक्त हथियार साबित हो रहा है। वहीं, देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की गंभीरता के बाद कोरोना टीके की उपयोगिता एवं प्रभाव अधिक उजागर हुयी है। विशेषज्ञों ने आने वाले समय में देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी जताई है, जिसके मद्देनजर कोविड-19 टीकाकरण की गति बढ़ाने एवं अधिक से अधिक लोगों को टीकाकृत करने के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग भी निरंतर प्रयासरत है। लेकिन सिर्फ़ टीका बनने से कोरोना को हराना संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए सभी को टीका लगवाना भी जरूरी है।

कोविड का टीका है पूर्ण सुरक्षित:
जिले में कोविशील्ड टीके लोगों को लगाए जा रहे हैं। लेकिन सोशल मीडिया एवं अन्य अप्रमाणिक माध्यमों से कोविड-19 वैक्सीन के प्रभाव पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित देश के अन्य प्रमाणिक संस्थानों जैसे (आईसीएमआर एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय) ने इस बात को स्पष्ट किया है कि प्रयोगशालाओं में कई चरण की जाँच के बाद ही आम लोगों के लिए टीके की स्वीकृति की गयी है। टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है एवं कोरोना महामारी को रोकने के साथ कोरोना के कारण होने वाली मौतों को रोकने में सबसे अधिक प्रभावशाली भी है। वहीं जिले में अभी तक कुल लक्ष्य 1098575 के आलोक में 224582 व्यक्ति को टीका का प्रथम डोज दिया जा चुका है तथा 34965 व्यक्ति ने दूसरी डोज भी ली है और सभी लोग स्वस्थ एवं सुरक्षित हैं। किसी को कोई प्रकार की असुविधा नहीं हुई है।

टीकाकरण के बाद के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराएँ नहीं: सीएस
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने कहा कोविड टीकाकरण के बाद कुछ सामान्य साइड इफेक्ट हो सकते हैं। जैसे- बाँह में दर्द होना एवं थोड़ा फूल जाना, हल्का बुखार का आना, जी मचलाना, सिर दर्द होना, ठंड लगना, थकान का होना एवं मांसपेशियों में दर्द होना। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सामान्य साइड इफ़ेक्ट होने पर टीकाकरण के बाद थोड़ा आराम करें, जिससे स्वयं साइड इफ़ेक्ट में कमी आ जाएगी। यदि इसके बाद भी साइड इफ़ेक्ट से कोई घबराहट हो तो चिकित्सक से सलाह लें। हालाँकि, चिकित्सक से सलाह लेने की स्थिति आम तौर पर नहीं आती है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि टीकाकरण के बाद होने वाले साइड इफेक्ट को सकारात्मक रूप से लिया जाना चाहिए। टीकाकरण के बाद सामान्य साइड इफ़ेक्ट यह बताते हैं कि आपकी इम्युन सिस्टम कार्य कर रही है।

कोरोना से संक्रमित व्यक्ति संक्रमण से मुक्त होने के तीन महीने बाद ले सकता है टीका: सीएस
सिविल सर्जन श्री नंदन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक घर में रहते हुए पूरी तरह से अपने घरों या आसपास में सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है। ताकि स्वयं को सुरक्षित रखते हुए कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश में यह बताया गया है कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति संक्रमण से मुक्त होने के तीन महीने बाद कोरोना का टीका ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति टीके का पहला डोज लेने के बाद संक्रमित होता है तो उस स्थिति में भी संक्रमण से उबरने के तीन महीने बाद ही कोरोना का टीका ले सकता है। टीकाकरण के बाद भी कोविड सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा।

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