नागरिक सुरक्षा संहिता पर केविवि में व्याख्यान का हुआ आयोजन

नागरिक सुरक्षा संहिता पर केविवि में व्याख्यान का हुआ आयोजन

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मीडिया अध्ययन विभाग महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता – 2023 विषयक संगोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया ।

कार्यक्रम के संरक्षक विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव रहे । वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अंजनी कुमार झा ने की । मुख्य अतिथि हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता एवं परीक्षा नियंत्रक प्रो. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव रहे ।

स्वागत उद्बोधन देते हुए मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. साकेत रमण ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के संदर्भ में एक जुलाई 2024 से कानून में होने वाले परिवर्तन की विस्तृत जानकारी होनी आवश्यक है, ताकि अपने अधिकारों को लेकर भविष्य के पत्रकार सजग हो सकें। उन्होंने भारतीय न्याय संहिता के लाभों के लेकर भी चर्चा की तथा अपनी विचार व्यक्त करते हुए विषय प्रवेश कराया ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि नई संसद हमारी वास्तविक स्वतंत्रता का परिचायक है । यह संसद और भारतीय नागरिक संहिता 2023 भारत के स्वतंत्र विचार को स्थापित करता है । उन्होंने भारतीय नागरिक संहिता, भारतीय दंड संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता पर प्रकाश डालते हुए सीआरपीसी के कमियों को समझाया। साथ ही फॉरेंसिक जांच, इलेक्ट्रॉनिक संचार उपकरणों के माध्यम के पेशी तथा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की महत्ता को भी बताया.

पारिस्थितिक जन्य साक्ष्य के रूप मोबाइल फोन की भी एक बड़ी भूमिका है । प्रो. श्रीवास्तव ने आय से अधिक संपत्ति, भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित संपत्ति तथा डाटा प्रोटेक्शन एक्ट का भी संक्षिप्त विवरण दिया । उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस की समझ विकसित कर पत्रकारिता के विद्यार्थियों को भी क्राइम बीट की खबरों के लिए नया नजरिया मिलेगा ।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 संविधान से दासता के प्रभाव को खत्म करने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा । उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को सुरक्षा संहिता की जानकारी होना आवश्यक है । उन्होंने साइबर क्राइम तथा संवैधानिक अधिकारों को लेकर चर्चा की ।

आयोजन समिति में डॉ. परमात्मा कुमार मिश्रा, डॉ. सुनील दीपक घोड़के एवं डॉ. उमा यादव सामिल रहे । संचालन प्राची श्रीवास्तव, अतिथि परिचय आशीष कुमार जबकि धन्यवाद ज्ञापन मुस्कान सिंह ने दिया । कार्यक्रम में प्रतीक कुमार, आकाश सिंह राठौर,आर्यन सिंह, रुचि भारती, अंजली चौधरी व रविशंकर मिश्रा ने सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थी, शोधार्थी तथा शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक अधिकारी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

error: Content is protected !!