शारीरिक बीमारी से अधिक खतरनाक है मानसिक बीमारी – डॉ. अविनाश चन्द्र
श्रीनारद मीडिया, महराजगंज (सिवान):

रूट केयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित “रोग जागरूकता एवं स्वास्थ्य जांच शिविर” में
प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अविनाश चन्द्र ने कहा कि
“आज शारीरिक बीमारियाँ जितनी खतरनाक नहीं हैं,
उससे कहीं अधिक खतरनाक है मानसिक बीमारी —
क्योंकि यह बीमारी व्यक्ति के आत्मविश्वास, सोच और जीवन की दिशा को भीतर से खोखला कर देती है।”
उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली, तनाव, अवसाद और चिंता जैसी समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं।
यदि मन अस्थिर हो जाए तो शरीर का कोई भी उपचार स्थायी राहत नहीं दे सकता।
इसलिए मानसिक संतुलन, आत्मबल और सकारात्मक सोच बनाए रखना
स्वस्थ जीवन की पहली शर्त है।
डॉ. चन्द्र ने कहा कि
“रूट केयर फाउंडेशन का यह अभियान केवल इलाज का नहीं,
बल्कि रोगों से पहले जागरूकता पैदा करने और समाज में स्वस्थ सोच जगाने का प्रयास है।”

उन्होंने फाउंडेशन के संस्थापक एवं दिल्ली एम्स के चिकित्सक डॉ. मंजेश पांडे के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि
“डॉ. पांडे ने अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच भी समाजसेवा को जीवन का उद्देश्य बनाया है।
दिल्ली में रहकर भी वे अपनी मातृभूमि और जन्मस्थली के प्रति सच्ची निष्ठा और प्रेम रखते हैं।”
साथ ही उन्होंने कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मुकुल कुमार पाठक का विशेष धन्यवाद करते हुए कहा कि
उनके मार्गदर्शन और समर्पण से यह स्वास्थ्य शिविर सफल और प्रभावी रूप से संपन्न हुआ।
डॉ. चन्द्र ने रूट केयर फाउंडेशन के सभी कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों और ग्रामीण जनता का भी आभार व्यक्त किया,
जिन्होंने मानवता की इस सेवा को उत्सव का रूप दिया।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर
डॉ. अविनाश चन्द्र को उनके मानवीय दृष्टिकोण, संवेदनशील विचार और समाजसेवा में योगदान हेतु सम्मानित किया गया।
शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तचाप, शुगर व अन्य जांचों का निःशुल्क लाभ प्राप्त किया।
डॉ. अविनाश चन्द्र ने अपने समापन संदेश में कहा —
“मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है, और सेवा ही सबसे बड़ी साधना।”
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