नक्सलियों ने सड़क निर्माण बेस कैंप पर किया हमला

नक्सलियों ने सड़क निर्माण बेस कैंप पर किया हमला

जेसीबी मशीन फूंकी और पोस्टर चस्पा कर दी यह धमकी

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श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल ने कहा कि घटना को नक्सलियों की करतूत का रूप देने की कोशिश की गई है। प्रारंभिक जांच में यह नक्सलियों की हरकत नहीं लग रही है, बल्कि असामाजिक तत्वों की साजिश प्रतीत होती है,औरंगाबाद के अति नक्सल प्रभावित मदनपुर थाना क्षेत्र में सीआरपीएफ कैंप तक सड़क निर्माण कार्य में लगे कंस्ट्रक्शन कंपनी के बेस कैंप पर बुधवार देर रात संदिग्ध नक्सलियों ने हमला कर दिया।

घटना में एक जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया गया और पोस्टरबाजी के जरिए चेतावनी दी गई। यह घटना मदनपुर के दक्षिणी उमंगा पंचायत के चिल्हमी गांव के पास हुई। बेस कैंप पर हमला और धमकी जानकारी के अनुसार, मैन बिगहा मोड़ से चिल्हमी गांव होते हुए सीआरपीएफ कैंप तक सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है।

निर्माण कार्य में सुविधा के लिए सड़क निर्माण कंपनी ने चिल्हमी गांव के पास बेस कैंप बनाया था। रात में अज्ञात हमलावरों ने बेस कैंप पर धावा बोला और वहां मौजूद कर्मचारियों को एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद उन्होंने बेस कैंप में खड़ी जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया।घटना के बाद बेस कैंप की दीवारों पर लाल और हरे रंग के स्केच पेन से लिखे पोस्टर चिपकाए गए। इन पोस्टरों में माओवादी विचारधारा और गरीब-मजदूरों के शोषण के खिलाफ नारे लिखे गए। पोस्टर में ‘लाल सलाम’, ‘गरीब मजदूर एक हैं’ और ‘सामंतवादी पूंजीवादी दलाल मुर्दाबाद’ जैसे नारे शामिल थे।

पोस्टर पर ‘रीजनल कमिटी माओवादी (मध्य)’ का नाम लिखा गया है।चश्मदीदों की जुबानी सामने आई कहानी सड़क निर्माण कंपनी के कर्मचारी छोटू कुमार ने बताया कि रात में कुछ लोग बेस कैंप पर आए और उन्हें धमकाते हुए कमरे में बंद रहने को कहा। डर के मारे सभी कर्मचारी कमरे में बंद हो गए। काफी देर बाद जब वे बाहर निकले तो उन्होंने जेसीबी मशीन को जलता हुआ पाया और दीवार पर पोस्टर चिपका देखा। रात का अंधेरा होने के कारण वे हमलावरों की पहचान नहीं कर सके।पुलिस की कार्रवाई और प्रारंभिक जांच घटना की सूचना मिलते ही औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल, सदर एसडीपीओ अमित कुमार और मदनपुर थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे।

 

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और पोस्टरों को जब्त किया। पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल ने कहा कि घटना को नक्सलियों की करतूत का रूप देने की कोशिश की गई है। प्रारंभिक जांच में यह नक्सलियों की हरकत नहीं लग रही है, बल्कि असामाजिक तत्वों की साजिश प्रतीत होती है। पोस्टर में लिखी गई बातों और कर्मियों द्वारा बताए गए हमलावरों के हुलिया में भी मेल नहीं है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में दहशत का माहौल घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है।

 

हालांकि, पुलिस ने कहा है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने निर्माण कंपनी के कर्मियों और अन्य संभावित गवाहों से विस्तृत जानकारी ली है।इलाके में बढ़ी सुरक्षा
घटना के मद्देनजर इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीआरपीएफ कैंप तक सुगम संपर्क के लिए बनाए जा रहे सड़क को लेकर क्षेत्र में पहले से ही संवेदनशीलता थी। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है, ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके।

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