छठ करते ही नाइजीरियाई कैदी को मिली रिहाई.

छठ करते ही नाइजीरियाई कैदी को मिली रिहाई.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पिछले दिनों छठ के मौके पर मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस जेल में एक नाइजीरियन बंदी सोलोमोन अलीगिव्यू के छठ करते हुए फोटो वायरल हुआ था. सोलोमोन अलीगिव्यू और युगवुम सिनाची ओनिया दोनों कैदी को भारतीय कोर्ट ने रिहा कर दिया है. सोलोमोन अलीगिव्यू की माने तो यह छठी मैया का आशीर्वाद है.

तीन साल से बिहार की जेल में कैद दोनों नाइजीरियन बंदी को रिहाई की उम्मीद नहीं थी, लेकिन हाइकोर्ट ने दोनों को रिहा कर दिया है. विदेशी अधिनियम उल्लंघन मामले में जेल में बंद नाइजीरिया के युगवुम सिनाची ओनिया ने कहा कि छठ पूजा करने के महज एक सप्ताह के अंदर उच्च न्यायालय ने हमारी रिहाई का आदेश दे दिया है, यह सब छठ मैया की कृपा है.

युगवुम सिनाची ने बताया कि पिछले महीने 17 अक्टूबर को उनके पिता का देहांत हो गया है, उनका पार्थिव शरीर अबतक फ्रिज में रखा गया है, ताकि अपने वतन लौटकर युगवुम अपने पिता का अंतिम दर्शन कर सकें.

युगवुम को अपने परिवार की बहुत याद आ रही थी. उनके परिवार में उनकी पत्नी के और एक बेटी है. इसके अलावा इनके 5 भाई और 1 बहन हैं. पत्रकारों से बात करते हुए युगवुम ने कहा कि छठ पूजा की यादों से जुड़ी फ़ोटो को भी उसने सहेज कर रखा है. युगवुम ने छठ पूजा के दौरान पहने गये कपड़ों को सहेज के रखा है, साथ ही गले में सनातन का प्रतीक रुद्राक्ष और कमर में कमरबंध धागा भी पहना है.

युगवुम ने बताया कि उन्हें इन सब से सुकून मिलता है. जब भी डिप्रेशन में होते हैं तो रुद्राक्ष से उन्हें बहुत सुकून मिलता है. छठी मैया की महिमा का खूब बखान करते हुए युगवुम ने कहा कि ये सब छठी मैया की ही देन है जो मैं वापस अपने वतन जा रहा हूं और वहां अपने देश मे भी 5 सालों तक इस पूजा को करूंगा. बिहार के अनुभवों को लेकर दोनों ने कहा कि बिहार एक राज्य हैं जहां के नागरिक बहुत अच्छे हैं.

करीब तीन साल पहले सीतामढ़ी में विदेशी अधिनियम उल्लंघन मामले में दोनों पकड़े गए थे. इसके बाद इन्हें कोर्ट के आदेश पर विदेशी अधिनियम के तहत सीतामढ़ी जेल में बंद कर दिया गया था. कुछ माह पूर्व दोनों को शिफ्ट करके मुजफ्फरपुर आये थे. इस साल छठ पर्व पर युगवुम सिनाची ओनिया ने जेल में ही छठ व्रत कर सब का ध्यान खींचा था.

कागज़ी कार्रवाई पूरी करने के बाद दोनों को जेल से रिहा किया गया है. जेल से रिहा होने के बाद दोनों को दिल्ली दूतावास जाना था, लेकिन दूतावास ने दोनों को कोलकाता या लखनऊ जाने की सलाह दी है. दोनों को कोलकाता स्थित विदेशी नागरिक विभाग के कार्यालय भेजने की कवायद की जा रही है.

टाउन थाने में मीडिया से बात करते हुए सोलोमोन अलीग्वियु ने हिंदी में बताया कि वो नाइजीरिया के वेदर शहर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, वहीं युगवुम सिनाची ओनिया खेती करते हैं और पॉल्ट्री फार्म चलाते हैं. तीन साल पहले भटककर दोनों भारत आ गये थे.

Leave a Reply

error: Content is protected !!