पटना: भाकपा माले ने अपने पार्टी सदस्यों व समर्थकों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जनता की सेवा करने को कहा 

पटना: भाकपा माले ने अपने पार्टी सदस्यों व समर्थकों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जनता की सेवा करने को कहा

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भाकपा माले ने महामारी के प्रति गलतफहमियों को दूर कर सचेत रहने को दिया सुझाव

श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, पटना (बिहार)

हम आज बहुत ही कठिन समय से गुजर रहे हैं। सरकार की बदइंतजामी और जनता के जीवन के प्रति गैरजिम्मेदाराना रवैया के कारण चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। हमारे अनेक महत्वपूर्ण साथी बीमार हैं और कई साथी अस्पताल में भर्ती हैं। एक ओर जहां बीमारी के इलाज की बेहतर व्यवस्था के लिए हमें सरकार पर दबाव बनाना है, वहीं आगे बढ़कर जनता की हर तरह की सहायता और सेवा भी करनी है।
1.नासमझी से बचें, डरे नहीं, कोरोना के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं :हमारे बहुत से जिम्मेवार साथी भी कोरोना को या तो पूंजीवादी – साम्राज्यवादी साजिश समझते हैं या इस बीमारी को बहुत ही हल्के रूप में लेते हैं या फिर बुरी तरह डरे रहते हैं। इससे न सिर्फ उनके जीवन पर खतरा पैदा होता है, बल्कि वे दूसरे के लिए भी खतरा बन सकते हैं। जिम्मेदार पद पर आसीन कई साथी सोशल मीडिया तक में पार्टी की आधिकारिक स्थिति से इतर इस बीमारी के बारे में अवैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रचारित करते हैं। कई साथी बीमारी के बारे में इलाज और परहेज से संबंधित स्थापित प्रोटोकॉल का पालन करने से इंकार करते हैं। हमें साथियों को धैर्यपूर्वक समझाना होगा। साथ ही, गैर जिम्मेवार प्रवृत्ति के खिलाफ लड़ना भी होगा और इसके प्रति सख्ती बरतनी होगी। अगर हम खुद अवैज्ञानिक आचरण करेंगे तो जनता को बीमारी के प्रति कैसे सही रुख अपनाने के लिए प्रेरित कर पाएंगे? वैज्ञानिक रुख अपना कर ही हम जनता की बेहतर सेवा भी कर सकते हैं।
यह सच है कि वर्तमान आपदा को अवसर मानकर भाजपा और पूंजीवादी ताकतें अपने हित में इसका इस्तेमाल कर रही हैं। कोरोना काल में अमीर और अमीर होते गए तथा गरीब लोग बेरोजगार व बदहाल होते गए। भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने की भी लगातार कोशिश चल रही है। हमें उनकी इन घृणित कोशिशों का जरूर विरोध करना चाहिए। लेकिन इस आधार पर बीमारी को ही साजिश नहीं मान लेना चाहिए।
जब बीमारी हवा के जरिए फैलने लगी है, तो मास्क ही इसका सबसे कारगर हथियार है। साथियों को निश्चित रूप से अच्छा मास्क(N95) पहनना चाहिए या डबल मास्क (नीचे सर्जिकल मास्क और उसके ऊपर कपड़े का मास्क) इस्तेमाल करना चाहिए। अगर किन्हीं साथी को सर्दी, बुखार, खांसी हो तो तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए, कोरोना की जांच करानी चाहिए और क्वारांटाइन हो जाना चाहिए। आज की स्थिति में जबतक साबित न हो जाए और डॉक्टर कोरोना की संभावना खारिज न कर दे, हमें इसे कोरोना मानकर चलना चाहिए और बहानेबाजी से बचना चाहिए, अन्यथा बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। बीमारी को छुपाना या इसे बहुत हल्के में लेना उचित नहीं है। आज यह पहले किसी समय से ज्यादा संक्रामक और ज्यादा खतरनाक है। साथियों से आग्रह है कि डॉक्टर की मानें, अपनी अक्ल कम लगाएं!
जांच की लचर व्यवस्था के कारण इसमें देर की आम शिकायत है। ऐसी स्थिति में जांच की रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा किए बगैर डॉक्टर की राय के अनुसार जरूरी दवाइयां लेना अवश्य शुरू कर दें।
2. जनता की सेवा करें :हर संकट के समय जनता की सहायता और सेवा में खड़ा रहना कम्युनिस्ट उसूल है। तमाम सावधानी व परहेज का पालन करते हुए हमें जनता से सजीव संपर्क बनाए रखना है और हर तरह से उनकी सहायता करनी है। कोरोना आपदा को केंद्र में रखकर ही हमें अपनी अन्य तमाम सांगठनिक – आंदोलनात्मक जिम्मेवारी पूरी करनी है। इस समय सम्मेलन आदि जन जुटान के कार्यक्रम को स्थगित कर देना चाहिए।

संकट की इस घड़ी में पूरे राज्य में हमारे साथी अनेक तरह से जनता को राहत पहुंचाने की पहलकदमी ले रहे हैं। कई जगह साथियों ने हेल्प नंबर जारी किया है, अस्पतालों का दौरा किया है और अस्पताल में हेल्प कैम्प लगाया है और जरूरतमंदों की सहायता की है। पार्टी के विधायक भी लगातार बीमार लोगों की सहायता में लगे हुए हैं।

पटना में आज से इस संदर्भ में निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं : (क) कोविड हेल्प सेंटर : चौबीसों घंटा खुला रहने वाला 3 डेडीकेटेड नंबर जारी किया गया है। फेसबुक और ट्वीटर पर भी अकाउंट खोला गया है। यह 13 नंबर विधायक दल कार्यालय से संचालित हो रहा है। फोन अटेंड करने के लिए टीम बनाई गई है। (ख) हेल्प कैम्प : तीन बड़े अस्पतालों (पटना एम्स, पीएमसीएच और एनएमसीएच) में हेल्प कैम्प लगाया जाएगा और मरीजों की यथासंभव सहायता की जाएगी। (ग)मोबाइल दस्ता : अनेक मामले ऐसे आ रहे हैं, जहां पूरा परिवार ही संक्रमित हो गया है या फिर घर में कोई अकेला बीमार बुजुर्ग हैं जिन्हें रोजमर्रे की जरूरत के लिए सहायता चाहिए। ऐसे लोगों की सहायता के लिए फिलहाल दो मोटरसाइकिल सवार मोबाइल टीम बनाई गई है। (घ) हमारे पास यद्यपि पार्टी समर्थक डाक्टरों की कमी है, फिर भी जो भी है और ऐसे जितने नंबर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं, फोन से चिकित्सकीय सहायता के लिए डाक्टरों का नंबर जारी किया जा रहा है। पटना नगर कमिटी और आइसा – इनौस के नौजवान साथियों ने अभी इसे शुरू किया है। अनुभव और संसाधन बढ़ने के साथ पहलकदमी को और व्यापक तथा और समृद्ध किया जाएगा।

अन्य जिलों में भी व्यापक दायरे में इस तरह की पहलकदमी ली जानी चाहिए। विधायक साथियों को बीमार लोगों की सहायता की विशेष कोशिश करनी चाहिए।

इस बीच पार्टी के तमाम कार्यालय जरूर खुले रखने होंगे। हमें अपने पार्टी आधार सहित पार्टी कार्यकर्ताओं की जरूरी सहायता करने पर भी ध्यान रखना होगा।
3. पार्टी के राज्य आपदा कोष में सहयोग करें : आपदा की लगातार बढ़ती स्थिति के कारण जनता से लेकर संगठन तक की सहायता के लिए आपदा कोष की जरूरत है। इस बार परिवार के सभी सदस्य एक साथ बीमार पड़ जा रहे हैं। इस वजह से रोज कमाने – खाने वाले लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो जा रहा है। पार्टी के भी अनेक साथी बीमार हैं। बहुत से साथी निजी रूप से खर्च वहन कर रहे हैं, लेकिन बहुत बड़े खर्च की जरूरत कभी भी पड़ सकती है। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। वर्तमान और पूर्व विधायक साथियों सहित जिला कमेटियों को इसमें जरूर सहयोग करना चाहिए।
आभार:राज्य कार्यालय,भाकपा(माले)

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