प्रशांत किशोर मानसिक रूप से कमजोर है- मंगल पाण्डेय

प्रशांत किशोर मानसिक रूप से कमजोर है- मंगल पाण्डेय

प्रशांत किशोर लीडर नहीं डीलर हैं: शीला मंडल

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow
1001467106
1001467106
previous arrow
next arrow

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने शुक्रवार को राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वह मानसिक रूप से कमजोर हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले प्रशांत किशोर की आलोचना करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने उनके अनशन को जनता का ध्यान खींचने के लिए नाटक बताया है।

प्रशांत किशोर को मानसिक जांच की जरूरत

स्वास्थ्य मंत्री पांडे ने कहा कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर मैं बड़ी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि प्रशांत किशोर को मानसिक जांच की जरूरत है। कोइलवर में हमारे पास एक अच्छा मानसिक अस्पताल है। उन्हें वहां आना चाहिए और मैं उन्हें अस्पताल ले जाऊंगा। स्वास्थ्य मंत्री ने आगे भी प्रशांत किशोर पर हमला बोलते हुए कहा कि किशोर भले ही “नारेबाज” हों, लेकिन उनमें नेतृत्व के गुण नहीं हैं।

समाप्त किया था अनशन

जन सुराज संस्थापक प्रशांत किशोर ने गुरुवार को प्रतीकात्मक रूप से केला खाकर अपना अनशन समाप्त किया था। अनशन समाप्त करने के बावजूद किशोर ने आगे के आंदोलन की योजना की घोषणा की। जिसमें पटना के एलसीटी घाट पर टेंट सिटी स्थापित करना भी शामिल है। जिला प्रशासन ने शुरू में निर्माण पर रोक लगाई, लेकिन बाद में एक अस्थायी शिविर के लिए अनुमति दे दी है। अंत में एक टेंट सिटी बनाई गई।प्रशांत किशोर ने कथित अनियमितताओं को लेकर बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन किया था।

गांधी मैदान के प्रतिबंधित क्षेत्र में विरोध करने के लिए गिरफ्तार किए गए जन सुराज संस्थापक को 7 जनवरी को जमानत पर रिहा कर दिया गया और पूरे घटनाक्रम ने महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया।सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के सदस्यों सहित राजनीतिक विरोधियों ने प्रशांत किशोर की आलोचना की है। उनके कार्यों को प्रचार स्टंट बताया गया है।पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पटना उच्च न्यायालय में तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर करके बीपीएससी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।

गौरतलब है कि पिछले साल 13 दिसंबर को राज्य भर के 912 केंद्रों पर आयोजित बीपीएससी परीक्षा में पटना के कुम्हरार में बापू केंद्र में अनियमितताओं के बाद कदाचार के आरोप लगे थे।

जवाब में, बीपीएससी ने उक्त केंद्र के लिए परीक्षा रद्द कर दी थी और 4 जनवरी को फिर से परीक्षा आयोजित की थी। हालांकि, आंदोलनकारी अभ्यर्थी प्रणालीगत खामियों का आरोप लगाते हुए सभी केंद्रों पर परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

नीतीश सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल ने गुरुवार को जनसुराज नेता प्रशांत किशोर पर एक बार फिर से हमला बोला है। उन्होंने प्रशांत किशोर के लिए विवादित बयान दिए। इस बयान से सियासी घमासान मच सकता है।

प्रशांत किशोर लीडर नहीं डीलर हैं: शीला मंडल

शीला मंडल ने कहा कि प्रशांत किशोर लीडर नहीं डीलर हैं। जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने यह बात कही। परिवहन मंत्री ने कहा कि जनता प्रशांत किशोर के भ्रमजाल में कभी नही फंसेगी। बिहार के छात्र व युवा को विकास में विश्वास है।। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति उनकी अटूट आस्था है। हाल ही में चार सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद जो परिणाम आया उससे सब कुछ स्पष्ट हो चुका है। विपक्ष को जनता ने नकार दिया।

शीला मंडल ने शराबबंदी को लेकर भी प्रशांत किशोर को घेरा था

बता दें कि नीतीश कुमार की मंत्री शीला मंडल ने प्रशांत किशोर को शराबबंदी पर खरी-खोटी सुनाई थी। दरअसल, प्रशांत किशोर शराबबंदी कानून को हटाने की बात कर रहे थे जिसपर नीतीश की मंत्री शीला मंडल बुरी तरह भड़क गई थीं।शीला मंडल ने कहा था कि प्रशांत किशोर ने अब अपना असली चेहरा दिखाया है। प्रशांत किशोर को ये नहीं पता है कि शराबबंदी से कितनी महिलाओं का घर बसा है। चौक-चौराहे पर शराब पीने वाले लोगों पर शिकंजा कसा है। वे शराब पीकर हुड़दंग मचान के साहस नहीं कर सकते। समाज में शांति का माहौल कायम हुआ है।

कौन हैं शीला मंडल?

शीला कुमारी मंडल बिहार राज्य में मधुबनी जिले के फुलपरास विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल की। वह वर्तमान में बिहार सरकार में परिवहन और संचार मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। शीला मंडल अक्सर विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं।

नीतीश कुमार ने बिहार के बच्चों को ठगा

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के कलाकार बच्चों ने गांधी मूर्ति बनाई लेकिन उसके उसे पैसे नहीं मिले। बच्चों ने बहुत मेहनत से बनाया था लेकिन इस व्यवस्था ने उनलोगों के साथ अन्याय कर दिया। बच्चों ने अपना पैसा लगाकर और उधार मांगकर इस मूर्ति को बनाया था लेकिन उसे कुछ नहीं दिया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!