राजद विधायक रीतलाल यादव ने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राष्ट्रीय जनता के विधायक रीतलाल यादव ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. रीतलाल के साथ उसके भाई ने भी कोर्ट में आत्मसर्पण किया है. अभी हाल ही में पुलिस ने पटना से सटे दानापुर समेत कुछ अन्य जगहों पर राजद विधायक के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. इसके बाद अब विधायक रीतलाल यादव ने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है. एक बड़े बिल्डर ने रीतलाल यादव पर रंगदारी मांगने और उन्हें जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने उनके ठिकानों छापेमारी की थी.

जेल भेजा गया रीतलाल

आरजेडी विधायक रीतलाल यादव को जेल भेज दिया गया है. पटना का बेऊर जेल रीतलाल यादव का नया ठिकाना है. रीतलाल यादव ने कोर्ट में कहा कि उनकी जान को खतरा है. इससे पहले दानापुर कोर्ट में सरेंडर करने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है और उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है. रीतलाल यादव ने कहा कि अगर उनकी जान बचेगी तब बो बेल के लिए अपील फाइल करेंगे.

रीतलाल यादव ने अपनी हत्या के साजिश का आरोप लगाते हुए कहा है कि बिल्डर और प्रशासन मुझे मिलकर मारना चाहती है. मुझे फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि दानापुर विधानसभा चुनाव हम नहीं लड़े इसके लिए यह चाल चली जा रही है. मुझे डर है कि कोर्ट से जेल आने जाने के क्रम में मेरी हत्या ना करवा दी जाए. रीतलाल ने बिहार पुलिस के कई अधिकारी पर भी आरोप लगाया है.

जान से मारने की धमकी देने का आरोप

रीतलाल यादव को लेकर शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उन्हें पिछले कई दिनों से आरोपी से जबरन वसूली और जान से मारने की धमकी वाले फोन आ रहे थे. यह भी आरोप है कि आरोपियों ने संपत्ति से जुड़े कुछ दस्तावेजों में जालसाजी की है. शिकायतकर्ता पटना के खगौल इलाके में एक अपार्टमेंटमें का निर्माण कर रहे हैं.

पटना के पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) शरत आर एस ने कहा था कि प्राथमिकी दर्ज करने और सक्षम अदालत से तलाशी वारंट प्राप्त करने के बाद, पुलिस ने जनप्रतिनिधि के दानापुर परिसर और उसके सहयोगियों से जुड़े स्थानों पर छापेमारी की थी. पुलिस अधीक्षक ने उस वक्त बताया था कि सभी आरोपी फरार हैं और पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है. आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है.

कई जगहों पर हुई थी छापेमारी

रीतलाल यादव दानापुर विधानसभा सीट से राजद के विधायक हैं. इससे पहले शुक्रवार को पटना में जबरन वसूली के एक मामले की जांच के तहत विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के विधायक रीतलाल यादव और उनके करीबी सहयोगियों से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. पुलिस के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी थी.

अधिकारी ने बताया था कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने 10 लाख रुपये से अधिक नकद, 77 लाख रुपये के चेक, छह खाली चेक, संपत्तियों की खरीद-बिक्री से संबंधित 14 दस्तावेज और 17 चेकबुक बरामद किए गए थे. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अवकाश कुमार ने बताया था कि पटना के एक बिल्डर की शिकायत के आधार पर यादव और पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद दानापुर एवं राजधानी में 11 जगहों पर छापेमारी की गई थी.

जान बचेगी तब न…बेल लेंगे या नहीं लेंगे।’ नीतीश कुमार के बिहार का सीएम बनने से पहले पटना के दानापुर एरिया में रीतलाल यादव का ‘सिक्का’ चलता है। दानापुर एरिया में सरकार की ओर से करोड़ों के कई डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इस इलाके में रिएल एस्टेट कारोबारियों ने भी करोड़ों रुपए इनवेस्ट किया है। दानापुर में रेलवे का डीआरएम ऑफिस है।

मतलब, रीतलाल जैसे लोगों के लिए नोट छापने का पूरा मौका। सालों से अपने तीन भाइयों के साथ रीतलाल ‘सब कुछ’ मैनेज कर रहे हैं। क्राइम और ठेकेदारी में सीढ़ियां चढ़ते रीतलाल यादव को राजनीतिक शरण लालू यादव की पार्टी आरजेडी में मिली। फिलहाल, दानापुर विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी के विधायक हैं। मगर, नीतीश के 20 साल के शासन में पहली बार रीतलाल को अपनी जान का डर सता रहा है। लिहाजा, अपने तीन भाइयों के साथ कोर्ट में सरेंडर करना बेहतर समझा।

कोर्ट में मुस्तैद दिखे रीतलाल के ‘आदमी’

कोर्ट में सरेंडर करने और जेल जाने से पहले रीतलाल यादव ने जो बातें वो काफी चौंकाने वाली रही। चारों तरफ घेरे पुलिस वाले रीतलाल की बातों को सिर्फ सुन रहे थे। ऐसा लग रहा था कि सिक्योरिटी के पहले लेयर में रीतलाल के लोग उनको घेरे हुए हैं। पुलिस वाले तो दूसरी लेयर में थे। रीतलाल ने मन भर अपनी बात मीडिया वालों को बताया। पुलिस वाले बिल्कुल ही रीतलाल को ‘डिस्टर्ब’ नहीं कर पाए। मीडिया में बयान देने के बाद ही अपने मन मुताबिक रीतलाल यादव गए। पुलिस वाले चाहकर भी बिना रीतलाल की मर्जी के उन तक नहीं पहुंच पाए। रीतलाल के आदमी पीछे से मुस्तैद दिखे ताकि पुलिस वाले बयान देने में खलल पैदा न करें।

 

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