देशरत्न की धरती सीवान के मेधावी छात्र रूपेश ने पहले ही प्रयास में सिविल जज बनकर किया गांव का नाम रौशन

देशरत्न की धरती सीवान के मेधावी छात्र रूपेश ने पहले ही प्रयास में सिविल जज बनकर किया गांव का नाम रौशन

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क


देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली सीवान ज़िलें के एक मेधावी छात्र ने कठिन परिश्रम के बदौलत बिहार न्यायिक सेवा के अंतर्गत सिविल जज बनकर गांव से लेकर जिला एवं पूरे बिहार का नाम रौशन किया है। गरीब किसान के घर जन्में एवं ग्रामीण क्षेत्रों के गंवई पारिवारिक माहौल में परिवरिश होने वाले रूपेश बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में पहले प्रयास में ही अपनी परचम लहराया हैं।

बिहार ही नही बल्कि पूरा देश ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवाओं को देश का भविष्य मानते हैं। शायद यही कारण है कि प्रतिभा क़भी जगह और सुविधा की मोहताज नही होती है। अपनी कठिन परिश्रम और उचित मार्गदर्शन के बलबूते सुविधाविहीन लोग कामयाबी के शिखर को छूने में कामयाब होते हैं। इसको शत-प्रतिशत चरितार्थ करके दिखाया है

 

-गांव के बुनियादी विद्यालय से हुई रूपेश के पढ़ाई की शुरुआत:
सिवान ज़िलें के बड़हरिया प्रखंड के पलटूहाता गांव निवासी किसान पिता धनंजय सिंह एवं माता विमल देवी के पुत्र रूपेश कुमार अपनी दो बड़ी बहनों के बाद छोटे होने के कारण इनका बचपन बहुत ही ज़्यादा पारिवारिक माहौल में व्यतीत हुआ था। इसी कारण इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही राजकीय बुनियादी विद्यालय में हुई।

लेकिन पड़ोसी ज़िलें गोपालगंज के माधोपुर स्थित डीपी उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की जबकिं प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के रामजयपाल महाविद्यालय से इंटर (विज्ञान) वहीं राजेंद्र महाविद्यालय छपरा से स्नातक (गणित) विषय से पास करने के बाद पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से विधि स्नातक एवं विधि स्नातकोत्तर पास करने के बाद वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौरान वर्ष 2021 में आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यूजीसी नेट पास करने के साथ ही बिहार न्यायिक सेवा 2020 में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

-सभी तरह की परीक्षाएं प्रथम प्रयास में ही प्रथम श्रेणी से पास होने का मिला सौभाग्य: रूपेश

परीक्षा में सफ़ल होने के बाद रूपेश ने बताया कि मैट्रिक की परीक्षा से लेकर विधि स्नातकोत्तर तक का परिणाम प्रथम श्रेणी से ही पास किया हूं। इसके साथ ही माता-पिता, अभिभावक, गुरुजनों एवं दोस्तों के प्यार, मार्गदर्शन और सहयोग के कारण पहले ही प्रयास में सभी तरह की परीक्षाएं पास करने का गौरव भी हासिल हुआ है।

इसके पीछे कहीं न कहीं बाबा विश्वनाथ की कृपा है। क्योंकि खाली समय बाहर निकल कर भ्रमण करने से अच्छा इनके सानिध्य में रहना पसंद करता हूं। अपने सफ़लता का श्रेय अपने माता, पिता, दोनों दीदी एवं समस्त परिवार के अलावा गुरू व मार्गदर्शक को देते हुए बताया कि पढ़ाई के दौरान बहुत ज्यादा तकलीफ़ एवं संघर्ष करना पड़ा है। लेकिन हमने उसी को सबल बनाते हुए 12 से 16 घंटों तक अध्ययन कर इस मुक़ाम को हासिल किया हैं।

-लोगो ने दिया बधाई:

इनके चयनित होने पर मार्गदर्शक के रूप में सहयोग करने वाले गया ज़िलें में पदस्थापित न्यायिक दंडाधिकारी कमलेश कुमार एवं लखीसराय में पदस्थापित न्यायिक दंडाधिकारी पप्पू कुमार पंड़ित, राजेन्द्र महाविद्यालय छपरा के प्राचार्य प्रो सुशील कुमार श्रीवास्तव, रामजयपाल महाविद्यालय छपरा के प्राचार्य डॉ इरफ़ान अली, राजकुमार राय, रिबेल के निदेशक विक्की आनंद, वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, सुदीश कुमार चुनचुन, पीयूष पराशर, सुशांत कुमार रोहित, साकेत श्रीवास्तव, निखिल शाही, विकाश समर आनंद सहित कई अन्य मार्गदर्शक, अभिभावक एवं दोस्तों ने बधाई दिया है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!