गया के डायट संस्थान में विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

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प्रशिक्षण शिविर में जिले के सभी 16 प्रखंडों के 64 प्रतिभागियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण: नोडल
किशोरावस्था के दौरान शुरुआती दौर में शारिरिक बदलाव होना लाजिमी: डीईओ
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम को आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत किया गया हैं शामिल: प्राचार्या

श्रीनारद मीडिया, गया, (बिहार):

राज्य स्वास्थ्य समिति के निदेशक द्वारा दिये गए आवश्यक दिशा-निर्देश के आलोक में ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के सभागार में “स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम” से संबंधित विषय पर प्रखंड साधन सेवियों को पांच दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण दिया जाना है। इस प्रशिक्षण शिविर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से ज़िले के विभिन्न प्रखंडों से प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं केयर इंडिया स्वास्थ्य प्रबंधक भाग लेंगे। प्रशिक्षण शिविर का विधिवत उद्घाटन ज़िला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम, डायट की प्राचार्या प्रिया भारती, प्रशिक्षण शिविर के नोडल पदाधिकारी सह व्याख्याता प्रो जैनेन्द्र कुमार दोस्त, प्रशिक्षक विजय भाष्कर, नरेंद्र कुमार, अमित कुमार, सुश्री चित्रलेखा, विनय कुमार व परवेज़ आलम के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

किशोरावस्था के दौरान शुरुआती दौर में शारीरिक बदलाव होना लाजिमी: डीईओ
जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने बताया किशोर एवं किशोरियों में किशोरावस्था के उनके शरीर में काफ़ी कुछ बदलाव होने लगता है। जिसको लेकर सीमित एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ से संबंधित जानकारी के अभाव में वे नई-नई चुनौतियों जैसे: प्रजनन स्वास्थ्य, चोट एवं हिंसा तथा डिजिटल चुनौतियों का सामना करते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2013-16) के अनुसार देश की 26.89 लड़कियों की शादी 18 वर्ष के पहले कर दी जाती है। 15 से 19 साल की लड़कियां सर्वेक्षण के समय या तो मां बन चुकी होती है नही तो वह गर्भवती हो जाती है, वहीं 15 से 24 वर्ष तक सिर्फ 58% लड़कियां माहवारी के दौरान स्वस्थ्य कर विधि का उपयोग करती हैं और 15 से 24 साल की एक तिहाई से अधिक (3756) विवाहित महिलाएं अपने पति द्वारा शारीरिक, यौन या भावनात्मक हिंसा का शिकार होती हैं। 15 से 19 आयुवर्ष तक की लगभग 54% किशोरियों एवं 29% किशोर एनीमिया के शिकार हो जाते हैं।

स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम को आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत किया गया है शामिल: प्राचार्या
ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की प्राचार्या प्रिया भारती ने बताया जीवन के शुरुआत में ही बच्चों को उनके स्वास्थ्य एवं उत्तम व्यवहार को लेकर तरह-तरह से सलाह दी जाती है। ताकि वह अपने स्वस्थ्य के प्रति सचेत रहें। इसी को ध्यान में रखते हुए “स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम” को भारत सरकार के आयुष्मान भारत कार्यक्रम के एक घटक के रूप में शामिल किया गया है। स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन और विकास मंत्रालय, भारत सरकार की एक संयुक्त पहल है।

प्रशिक्षण शिविर में जिले के सभी 16 प्रखंडों के 64 प्रतिभागियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण: नोडल
ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के व्याख्याता सह प्रशिक्षण शिविर के नोडल पदाधिकारी डॉ जैनेन्द्र कुमार दोस्त ने बताया प्रशिक्षण शिविर में जिले के सभी 16 प्रखंडों के बीसीएम एवं केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक सहित 64 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस शिविर के दौरान सभी प्रतिभागियों को स्कूलों में बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण के संबंध में उचित जानकारी एवं बच्चों के जीवन में स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करना। बच्चों एवं किशोरों के शुरुआत दौर में ही बीमारियों का पता लगाना।कुपोषित और एनीमिक बच्चों की पहचान कर उचित इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में रेफर करना। स्कूलों में शुद्ध पेयजल के उपयोग को बढ़ावा देना एवं किशोरियों में सुरक्षित मासिक धर्म के लिए स्वच्छ प्रथाओं को बढ़ावा देना। स्वास्थ्य और कल्याण राजदूतों के माध्यम से योग और ध्यान को बढ़ावा देना, बच्चों के लिए स्वास्थ्य, कल्याण और पोषण पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करना सहित कई अन्य विषयों पर विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।

 

 

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