स्मार्ट क्लासरूम की तरह स्मार्ट शिक्षक आवश्यक – राष्ट्रपति मुर्मु

स्मार्ट क्लासरूम की तरह स्मार्ट शिक्षक आवश्यक – राष्ट्रपति मुर्मु

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
previous arrow
next arrow

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारत को ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति बनाने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) में जो परिकल्पना की गई है, उसके लिए जरूरी है कि हमारे शिक्षकों की पहचान भी विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में हो। शिक्षण संस्थानों और शिक्षकों को इसके लिए बढ़-चढ़कर योगदान देना है। इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे है लेकिन अभी बहुत आगे जाना है।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि शिक्षकों के निर्णायक योगदान से भारत आने वाले दिनों में ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठित होगा। राष्ट्रपति मुर्मु ने शुक्रवार को शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। इस मौके पर उन्होंने शिक्षण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 81 शिक्षकों को भी पुरस्कृत किया। इनमें स्कूली शिक्षा के 45, उच्च शिक्षा के 21 और कौशल विकास से जुड़े 15 शिक्षक शामिल थे।

विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण की जरूरत पर दिया जोर

इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित शिक्षा मंत्रालय से जुड़े राज्य मंत्री और अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि स्मार्ट ब्लैकबोर्ड, स्मार्ट क्लासरूम व दूसरी आधुनिक सुविधाओं का अपना महत्व है लेकिन स्मार्ट शिक्षक भी जरूरी है। स्मार्ट शिक्षक वैसे शिक्षक होते हैं जो अपने विद्यार्थियों के विकास से जुड़ी जरूरतों को ठीक से समझते हैं। स्नेह व संवेदनशीलता के साथ अध्ययन की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाते हैं।

राष्ट्रपति ने इस मौके पर विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण की जरूरत पर जोर दिया और शिक्षकों से कहा यह उनका मुख्य कर्तव्य है। नैतिक आचरण करने वाले संवेदनशील और कर्तव्यनिष्ठ विद्यार्थी उन विद्यार्थियों से बेहतर होते है, जो प्रतिस्पर्धा, किताबी ज्ञान और स्वार्थ के लिए ही तत्पर रहते है।

बेटियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें सरकारें: मुर्मु

बेटियों की अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु ने बेटियों की सुविधाओं और सुरक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखने पर जोर दिया। केंद्र, राज्य सरकारों, विद्यालयों के प्रबंधकों व शिक्षकों से कहा कि वे बेटियों की सुविधाओं और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। शिक्षकों से कहा कि बालिकाएं प्राय: संकोची होती है ऐसे में वह उन पर और कम सुविधा सम्पन्न पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चों पर अधिक ध्यान दें।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भोजन, वस्त्र और आवास की तरह शिक्षा भी व्यक्ति के सम्मान और सुरक्षा के लिए आवश्यक है. उन्होंने कहा किसमझदार शिक्षक बच्चों में सम्मान और सुरक्षा की भावना जगाने का काम करते हैं.अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने एक शिक्षक के रूप में अपने समय को याद किया और उस दौर को अपने जीवन का एक अत्यंत सार्थक काल बताया.

समर्पित शिक्षकों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका: राष्ट्रपति

राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सक्षम बनाती है. गरीब से गरीब पृष्ठभूमि के बच्चे भी शिक्षा की शक्ति से प्रगति के आसमान को छू सकते हैं. बच्चों की उड़ान को शक्ति प्रदान करने में स्नेही और समर्पित शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यह है कि उनके छात्र उन्हें जीवन भर याद रखें और परिवार, समाज और देश के लिए सराहनीय योगदान दें.

एक अच्छे शिक्षक में भावनाएं और बुद्धि होती है: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि छात्रों का चरित्र निर्माण एक शिक्षक का प्राथमिक कर्तव्य है. नैतिक आचरण का पालन करने वाले संवेदनशील, जिम्मेदार और समर्पित छात्र, उन छात्रों से बेहतर होते हैं, जो केवल प्रतिस्पर्धा, किताबी ज्ञान और स्वार्थ में रुचि रखते हैं. एक अच्छे शिक्षक में भावनाएं और बुद्धि दोनों होती हैं. भावनाओं और बुद्धि का समन्वय छात्रों पर भी प्रभाव डालता है.

‘सबसे महत्वपूर्ण है स्मार्ट शिक्षक’

राष्ट्रपति ने कहा कि स्मार्ट ब्लैकबोर्ड, स्मार्ट क्लासरूम और अन्य आधुनिक सुविधाओं का अपना महत्व है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण स्मार्ट शिक्षक है. स्मार्ट शिक्षक वे शिक्षक होते हैं, जो अपने छात्रों के विकास की जरूरतों को समझते हैं. स्मार्ट शिक्षक स्नेह और संवेदनशीलता के साथ अध्ययन की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाते हैं. ऐसे शिक्षक छात्रों को समाज और राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं.

‘बालिकाओं की शिक्षा ही महिला नेतृत्व विकास’

राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 2025 में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा को सर्वोच्च महत्व दिया जाना चाहिए. बालिकाओं की शिक्षा में निवेश करके, हम अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के निर्माण में एक अमूल्य निवेश करते हैं. उन्होंने कहा कि बालिकाओं को सर्वोत्तम संभव शिक्षा प्रदान करना महिला-नेतृत्व विकास को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी तरीका है.

संबोधन में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के विस्तार और वंचित वर्ग की बालिकाओं को विशेष शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने पर जोर देती है, लेकिन शिक्षा से जुड़ी किसी भी पहल की सफलता मुख्यतः शिक्षकों पर निर्भर करती है.

राष्ट्रपति ने शिक्षकों से कहा कि वे लड़कियों की शिक्षा में जितना अधिक योगदान देंगे, शिक्षक के रूप में उनका जीवन उतना ही सार्थक होगा. उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे लड़कियों सहित उन सभी छात्रों पर विशेष ध्यान दें, जो अपेक्षाकृत शर्मीले हैं या कम सुविधा प्राप्त पृष्ठभूमि से आते हैं.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!