कालाजार के प्रति सामुदायिक जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग की विशेष पहल, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किया जा रहा है जागरूक

कालाजार के प्रति सामुदायिक जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग की विशेष पहल, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किया जा रहा है जागरूक

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• कालाजार प्रभावित गांवों में चल रहा है विशेष अभियान
• नाइट ब्लड सर्वे की दी गयी जानकारी
• कालाजार उन्मूलन के लिए सतर्कता और जागरूकता जरूरी

श्रीनारद मीडिया, गोपालगंज  (बिहार):

कालाजार उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। कालाजार उन्मूलन में सामुदायिक जागरूकता काफी आवश्यक है। सामुदायिक जागरूकता के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पीसीआई संस्था के सहयोग से कालाजार प्रभावित गांवों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। नुक्कड़ नाटक के कालाकारों के द्वारा कालाजार से बचाव, इलाज तथा उसके लक्षण के बारे में नाटक का मंचन कर जानकारी दी जा रही है। इस दौरान विभाग का प्रयास तथा उपलब्ध सुविधाओं को भी दर्शाया जा रहा है। जिले के अंतर्गत हथुआ प्रखंड के एकडंगा गांव एवं लाइन बाजार में कालाजार जन जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण की अध्यक्षता में नुक्कड़ नाटक की शुरुआत की गई। कालाजार के प्रति नाटक के माध्यम से समुदाय को कालाजार के लक्षण जैसे 2 सप्ताह से अधिक बुखार हो सकता , कालाजार भूख कम लगना कमजोरी महसूस होना इत्यादि के ऊपर नाटक के माध्यम से समुदाय को जागरूक किया एवं चमड़ी वाला कालाजार पर भी विस्तार पूर्वक दर्शाया गया। मुखिया के साथ साथ सभी वार्ड सदस्य, जीविका सदस्य, आशा, सेविका, विकास मित्र के अलावा समुदाय के लोग की काफी भीड़ थी। इस दौरान वीडीसीओ प्रशांत कुमार, वीबीडीसी अमित कुमार, बीसीएम उमाशंकर जी , एसएमसी मंजूर इलाही एवं पीसीआई के आरएमसी बच्चू आलम भी उपस्थित थे।

10 गांवों में होगा नुक्कड़ नाटक का मंचन:

इस नुक्कड़ नाटक का गोपालगंज जिला के बरौली, के रूपानछप, मिली बिराईचा, बखरौर जड़ी, डंगसी, बढ़िया बैकुंठपुर ब्लॉक के मगलपुर, खैराजाम एवम मांझा में धरमप्रासा में मंचन किया जाएगा।

सतर्कता और जागरूकता जरूरी:
डीएमओ डॉ. सुषमा शरण ने बताया कि कालाजार उन्मूलन के लिए सतर्कता और जागरूकता जरूरी है। यदि कालाजार लक्षण वाले व्यक्ति दिखें तो उन्हें तत्काल जांच कराने तथा सरकारी अस्पताल पर इलाज कराने की सलाह दें। उन्होंने मरीजों से आह्वान किया है कि यदि उनके गांव व घर के आस-पास कालाजार के लक्षण वाले व्यक्ति दिखें तो इसकी सूचना आशा कार्यकर्ता व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को दें, ताकि उनकी भी जांच व उनका उपचार हो सके।

कैसे फैलता है कालाजार:
वीबीडीसी अमित कुमार ने बताया कि कालाजार की वाहक बालू मक्खी के काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है। रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है। लक्षण दिखने पर मरीज को चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी में मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है।

कालाजार के लक्षण :
• लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना
• वजन में लगातार कमी होना
• दुर्बलता
• मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।

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