जम्मू-कश्मीर के परिसीमन, विकास और चुनाव पर वार्ता.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक (All Party Meet) आज संपन्न हुई. बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू-कश्मीर के नेता कल से ही दिल्ली पहुंच रहे थे. इस बैठक में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 14 से ज्यादा नेताओं को आमंत्रित किया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ हुई सर्वदलीय बैठक का एजेंडा सार्वजनिक न किए जाने से स्पष्ट हो गया है कि वार्ता का दायरा सीमित नहीं होगा। सभी अपने दिल की बात खुलकर कह सकेंगे, ताकि जम्मू-कश्मीर में शांति, स्थिरता, सुरक्षा और विकास के स्थायी वातावरण की बहाली का रोडमैप बन सके और राजनीतिक प्रक्रिया को गति दी जा सके। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के करीब दो साल के बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्य के नेताओं के साथ बातचीत की जा रही है।

बैठक के लिए जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को बुलाया गया है। इनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, निर्मल सिंह, सज्जाद लोन, भीम सिंह भी शामिल हैं। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा केंद्र सरकार के अन्य कई अफसर भी मौजूद है

– कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि बैठक में हमने कांग्रेस की तरफ़ से सरकार के सामने 5 बड़ी मांगे सरकार के सामने रखी। सरकार राज्य का दर्ज़ा जल्दी बहाल करे। हमने बैठक में कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने की बात भी बोली। केंद्र सरकार जल्द से जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाएं। बैठक में अधिकतर पार्टियों ने कहा कि 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

– सूत्रों के हवाले से, पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी प्रतिभागियों के सुझाव और इनपुट सुने। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि सभी प्रतिभागियों ने अपने ईमानदार विचार साझा किए। यह एक खुली चर्चा थी जो कश्मीर के बेहतर भविष्य के निर्माण के इर्द-गिर्द घूमती है।

– पीएम मोदी से जम्मू-कश्मीर नेताओं की मुलाकात पर जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने कहा कि पीएम ने सभी को परिसीमन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए कहा। हमें भरोसा दिलाया गया है कि यह चुनाव का रोडमैप है। पीएम ने यह भी कहा कि हम राज्य की बहाली के लिए प्रतिबद्ध हैं। वार्ता आज अच्छे माहौल में हुई। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं के हमारे मुद्दे सुने। पीएम ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी। अनुच्छेद 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस पर क्या बात होती। दुख तो हुआ इसकी शिकायत जरूर लोगों ने की लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी।

– जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक खत्म हुई।

– बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक की तस्वीरें सामने आईं हैं। तस्वीरों में गृह मंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आजाद, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला समेत तमाम नेता दिखाई दे रहे हैं। पीएम सभी का हाथ जोड़कर स्वागत कर रहे हैं।

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक 7, लोक कल्याण मार्ग से शुरू हो रही है। बैठक में पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और जम्मू-कश्मीर के अन्य नेता मौजूद हैं।

– पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं बैठक में जा रहा हूं। मैं वहां मांगों को रखूंगा और फिर आपसे बात करूंगा। महबूबा मुफ्ती उनकी पार्टी की अध्यक्ष हैं, उन्होंने जो कहा उस पर मैं क्यों बोलूं।

– कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, गुलाम अहमद मीर और तारा चंद प्रधानमंत्री आवास पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

– प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक से पहले सीपीआइ-एम के नेता युसुफ तारीगामी ने कहा कि यहां विधानसभा चुनाव कराने से किसने रोका? हमारी आवाम के सामने यह भी मुद्दा है कि हमारी एक दूसरे से नाराजगी हो सकती है लेकिन हम अलग नहीं होना चाहते। सरकार ने बिना किसी से पूछे केंद्रशासित प्रदेश में बदल दिया और बांट दिया।

– नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला दिल्ली में पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के आवास पर पहुंचे।

– नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला दिल्ली में अपने आवास पर पहुंचे। वह आज बाद में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक में भाग लेंगे।

– समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार जम्मू-कश्मीर के नेताओं की महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक से पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी से मुलाकात की और घाटी में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की।

– भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के जम्मू-कश्मीर नेताओं के साथ बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी मुख्यालय पहुंचे।

 

– जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम मोदी की बैठक पर जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष भीम सिंह ने कहा, ‘मुझे आमंत्रित किया गया है। मान्यताप्राप्त पार्टियां को बुलाया गया है। लोगों के हक, इंसाफ, एकता, भाईचारा, भारत से मजबूती के बारे में बोलना है।चुनाव, लोकतंत्र, मानवाधिकार का सवाल है।’

–  नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के लिए श्रीनगर में अपने आवास से रवाना हुए।

 

– डोगरा फ्रंट ने जम्मू में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह विरोध मुफ्ती के उस बयान के खिलाफ है जो उन्होंने गुपकार की बैठक के बाद दिया था कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे में एक हितधारक है। उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए।’

बैठक के लिए जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को बुलाया गया

बैठक के लिए जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को बुलाया गया है। इनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा चार पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, मुजफ्फर हुसैन बेग, डा. निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता भी शामिल हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र रैना भी इसमें शामिल हैं। अन्य नेताओं में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मा‌र्क्सवादी (माकपा) नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी और पैंथर्स पार्टी के प्रो. भीम सिंह को आमंत्रित किया गया है।

अलगाववादियों व पाक को स्पष्ट संदेश

पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। इससे केंद्र सरकार ने अलगाववादियों और उनके आका पाकिस्तान को संदेश दिया है कि कश्मीर पूरी तरह से भारत का आंतरिक मुद्दा है और इस पर वह सिर्फ और सिर्फ जम्मू-कश्मीर के उन दलों से बात करेगी, जो भारतीय संविधान में आस्था रखते हुए जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। बैठक उस पुरानी कश्मीर नीति में भी बदलाव की पुष्टि करती है, जिसमें हालात सामान्य बनाने के लिए मुख्यधारा के दलों की उपेक्षा कर अलगाववादियों व उनसे संबधित संगठनों को विश्वास में लेने, उनसे बातचीत की प्रक्रिया को अपनाया जाता रहा है।

बेहतरी का रास्ता बनेगा

कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ और पत्रकार आसिफ कुरैशी ने कहा कि इस बैठक का कोई ठोस नतीजा बेशक न निकले, लेकिन हर मुददे पर खुलकर बात होगी। बैठक जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए एक नया रास्ता तैयार करेगी।

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