चोरों का बढ़ा आतंक, सीवान पुलिस पर उठे सवाल

चोरों का बढ़ा आतंक, सीवान पुलिस पर उठे सवाल

 मालवीय नगर में वरीय अधिवक्ता सह पत्रकार के आवास में हुई चोरी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीवान नगर स्थित मालवीय नगर महादेव थाना क्षेत्र में चोरी की घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही है। नवीन प्रकरण यह है कि वरीय अधिवक्ता सह पत्रकार डॉ. विजय कुमार पांडेय के मालवीय नगर स्थित निजी आवास में पीछे की खिड़की तोड़कर चोरी की घटना को परिणाम दिया गया। ग़ौरतलब है कि इस मोहल्ले में पिछले कुछ समय से निरंतर चोरी की घटनाएं सामने आती रही है। पुलिस प्रशासन के लिए यह शर्मनाक स्थिति होते हुए एक चुनौती भी है। सिवान पुलिस की चौकसी पर तमाम सवाल भी उठ रहे हैं। जिसका जवाब कहीं से मिल नहीं पा रहा है।

कौन है डॉक्टर विजय कुमार पांडेय।

पांडेय जी मूल रूप से सीवान आंदर के निकट धर्मखोर गांव के मूलवासी हैं। आपका पूरा परिवार असम में भी रहता है। आप छात्र जीवन से ही जुझारू प्रवृत्ति के रहे हैं, इसके लिए आपको कई प्रकार के खतरों का सामना करना पड़ा है। आप पिछले 30 वर्षों से मालवीय नगर में अपने द्वारा बनाए गये आवास में रहते है एवं सीवान में वरीय अधिवक्ता हैं। आप सीवान में कई नामचीन संस्थाओं के सदस्य हैं। अध्ययन में मेधावी होने के कारण आपने जय प्रकाश विश्वविद्यालय (सारण) छपरा से इतिहास विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। आपकी पत्नी नगर के स्थानीय महावीर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में वरीय शिक्षिका है। आपके सुपुत्र कृषि प्रौद्योगिकी की पढ़ाई हेतु प्रयागराज में अध्यनरत है।

मुहल्ले के रहवासी और उनकी सुरक्षा

सन् 1980 के दशक में दरौली सहित कई सुदूर गांव से आने वाले व्यक्तियों द्वारा महादेव मुहल्ला में बसावट आई। पहले जलकुंभी से निर्मित पोखरा, जल से आप्लावित खेत एवं छिट-पुट वासियों का यह स्थल था। धीरे-धीरे यह मुहल्ला संभ्रांत क्षेत्र के रूप में विकसित होता गया। आज यहां दूसरी- तीसरी पीढ़ी का भी बसेरा होता जा रहा है एवं निरंतर क्षेत्र का विस्तार हो रहा है। आपसी समन्वय एवं सहमति से नाली व सड़कों का प्रबंध किया गया, जिसे सरकार के द्वारा पूर्ण कराया गया है। पढ़े-लिखे, शिक्षित, सुलझे कामकाजी जनमानस के रूप में इस पूरे कॉलोनी की चर्चा भी होती है। किराए पर रहने वालों की यहां बहुत बड़ी संख्या है और यह उनकी पहली पसंद होती है। कई निजी कार्यालय एवं कोचिंग संस्थान भी इस क्षेत्र में अवस्थित है। इससे यह पता चलता है कि इस मोहल्ले में दिन-रात लोगों का आना-जाना लगा रहता है।

सुरक्षा को लेकर समन्वय का अभाव

महादेवा एवं मालवीय नगर मोहल्ले में सुरक्षा को लेकर आपस में समन्वय का अभाव देखा जा सकता है। विडंबना यह है कि तथाकथित शिक्षित होने के कारण आपस में सहमति का अभाव दिखता है। इसका मूल कारण अर्थ एवं विद्वता है। सभी कोड भाषा एवं ‘हमें इससे क्या मतलब’ की नीति पर कार्य करते हैं। पुलिस प्रशासन भी तभी मदद करेगी जब आप सुदृढ़ होंगे। प्रशासन के लिए अहर्निश सुरक्षा देना दूभर है और ऐसी उनकी प्रवृत्ति भी नहीं है। परन्तु व्यक्ति अपनी असीम ऊर्जा एवं समय सुरक्षा पर व्यय कर रहा है। कोर्ट,कचहरी, विद्यालय, महाविद्यालय और कार्यालय अवस्थित होने के कारण इस मोहल्ले पर अत्यधिक दबाव है।

अब क्या करना होगा?

वरीय अधिवक्ता डॉ. विजय कुमार पांडेय के यहां दिनदहाड़े चोरी की घटना एक बानगी है। ऐसा आपके साथ भी हो सकता है और होता रहा है। इसके रोकने के लिए सभी रहवासी आपस में बैठकर समन्वय स्थापित करें ,
सभी आने-जाने वाले मार्गों पर निगरानी रखी जाए,
संदिग्ध रूप से आने वाले व्यक्ति पर नज़र होनी चाहिए,
घर एवं परिसर को सुरक्षा की दृष्टि से और सुदृढ़ किया जाए,
छोटे बड़े आयोजन कर आपस में संवाद को सुदृढ़ करना आवश्यक है।

बहरहाल इस प्रकार की समस्या हमारे शहरी संस्कृति की देन है, जो निरंतर बनी रहेगी। हमें जागरुक एवं सतर्क रहना होगा। प्रशासन व सरकार पर सुरक्षा को लेकर पूर्ण भरोसा कर लेना हमारी चूक होगी।

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