आज हो रहा है ‘बीवर मून’ का दर्शन

आज हो रहा है ‘बीवर मून’ का दर्शन

30 प्रतिशत ज्यादा होगी इसकी चमक

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

आज पूर्णिमा का दिन है और इस दिन चांद अपने पूर्ण रूप में दिखाई देता है।

नवंबर का महीना काफी खास है क्योंकि इस महीने में कई सारी खगोलीय घटनाएं होने जा रही है। आज पूर्णिमा का जो चांद दिखाई देगा वह भी बहुत खास होने वाला है क्योंकि यह सुपर बीवर मून कहा जा रहा है। खगोल विदो के लिए यह बहुत आकर्षक का केंद्र है।

WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
previous arrow
next arrow
WhatsApp Image 2025-08-14 at 5.25.09 PM
00
previous arrow
next arrow

आज का चांद वर्ष का सबसे बड़ा और चमकदार चंद्रमा होने वाला है। जानकारी के मुताबिक यह सामान्य से 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकीला रहेगा। पूर्णिमा का चांद प्लीएडिज तारा समूह के पास पहुंच रहा है और 16 नवंबर की सुबह यह इसके सामने से गुजरेगा। बुधवार के दिन चंद्रमा पृथ्वी के करीब होगा जिसकी वजह से इसकी चमक बढ़ी हुई दिखाई देगी।

पूर्णिमा का सुपर बीवर मून 

नवंबर की पूर्णिमा को बीवर मून या फ्रास्टी मून कहा जाता है। दरअसल इस महीने में उत्तरी अमेरिकी बीवर आने वाली ठंड के लिए अपनी जगह तैयार कर भोजन जमा करते हैं। यह जंगली जानवरों के लिए मौसमी भजन तलाश करने का आखिरी मौका होता है।

होगी कई खगोलीय घटनाएं

खगोलीय घटनाओं का जो कम इस महीने चलने वाला है उसमें धूमकेतु लेमन भी दिखाई देगा। इसकी चमक बहुत ज्यादा हो सकती है। यह बृहस्पति परिवार का सदस्य है जो दक्षिण पश्चिम आकाश में शनि से 20 डिग्री ऊपर दाएं और दिखाई दे सकता है। यह 5 साल 7 महीने में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है। नवंबर के अंत में पृथ्वी के करीब से गुजरता है और टेलिस्कोप की मदद से आसानी से देखा जा सकता है।

कैसा दिखता है सुपरमून

पूर्णिमा का ये चांद डियर रटिंग मून भी कहा जाता है। आपको बता दें कि चांद की पृथ्वी के चारों ओर घूमने की कक्षा गोल नहीं अंडाकार होती है। इसकी वजह से चांद तभी पृथ्वी के करीब तो कभी दूर चला जाता है। जब यह सबसे नजदीकी बिंदु पर होता है तो ज्यादा बड़ा दिखाई देता है जिसकी वजह से इसे सुपरमून कहते हैं। आज दिखाई देने वाला चांद पृथ्वी से केवल 3,57,000 किलोमीटर की दूरी पर रहेगा जो पूरे साल में सबसे कम है।

कितनी बजे दिखेगा चांद

आज का ये सुपरमून भारत में शाम 6:30 बजे के करीब दिखाई देगा। इसके लिए बादलों का साफ होना जरूरी है। अगर धुंध वगैरह नहीं रहेगी तो इसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है। अगर आप एक अद्भुत खगोलीय घटना को देखना चाहते हैं तो आज शाम के लिए तैयार रहिए।

क्या है बीवर मून 
अंतरिक्ष में पृथ्वी का सबसे नजदीकी साथी 5 नवंबर को कहीं ज्यादा बड़ा और नजदीक दिखाई देने वाला है। यह 2025 का सबसे नजदीकी सुपरमून होने वाला है। इसे बीवर मून भी कहते हैं। इसका ऐसा नाम क्यों पड़ा है, इसके पीछे की वजह भी जान लेते हैं। दरअसल, नवंबर में उत्तरी अमेरिका में बीवर यानी ऊदबिलाव आने वाले ठंडे महीनों के लिए अपने बिल तैयार करते हैं। इस समय वे अपने लिए खाना इकट्ठा करते हैं और उसे अपने बिलों में भर लेते हैं। बीवर के लिए भोजन इकट्ठा करने का यह आखिरी मौका होता है। क्योंकि इसके बाद वहां ठंड बढ़ जाती है। इसलिए बीवर मून का वहां खास महत्व हो जाता है।

कैसे दिखता है बीवर सुपरमून
इसे “फ्रॉस्ट मून” और “डियर रटिंग मून” भी कहा जाता है। इसी समय उत्तरी अमेरिका, खासकर उत्तरपूर्वी क्षेत्र में ठंड और बर्फबारी शुरू हो जाती है। कल यह शानदार नजारा आसमान में दिखाई देने वाला है। चांद की पृथ्वी के चारों ओर घूमने की कक्षा, जिसे ऑर्बिट भी कहते हैं, पूरी तरह गोल नहीं होती। यह अंडाकार होती है।

इसी वजह से कभी-कभी चांद पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है और कई बार दूर चला जाता है। चांद जब अपने सबसे नजदीकी बिंदु पर होता है तो ज्यादा बड़ा दिखाई देता है जिसे सुपरमून कह देते हैं। कल दिखाई देने वाला चांद पृथ्वी से महज 3,57,000 किलोमीटर की दूरी पर रहेगा जो पूरे साल में सबसे कम दूरी है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!