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कौशल, गति और विशालता का बेहतरीन नमूना होगा देश का नया संसद भवन.

कौशल, गति और विशालता का बेहतरीन नमूना होगा देश का नया संसद भवन.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन नया संसद भवन कौशल, गति और विशालता का बेहतरीन नमूना होगा। इसके निर्माण कार्य में हजारों मजदूर दिन रात जुटे हैं। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ का बेजोड़ उदाहरण भी होगा, क्योंकि इसके हर घटक, वास्तुकला से लेकर निर्माण सामग्री तक स्वदेशी है। आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नया संसद भवन अक्टूबर 2022 की समय सीमा में तैयार हो जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह चमत्कार होगा कि इतने कम समय में इतना विशाल भवन बनकर तैयार हो जाएगा, इस तरह की बहुत कम ही मिसालें होंगी।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी।उन्होंने कहा कि चौबीसों घंटे काम चल रहा है। 4,800 मजदूर साइट पर लगाए गए हैं, जबकि देश के विभिन्न हिस्से में 1,200 मजदूर काम कर रहे हैं। देश के 20 स्थानों पर नए संसद भवन से जुड़े काम हो रहे हैं, कही फर्नीचर तैयार किया जा रहा है तो कहीं पत्थरों की कटाई हो रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अगले साल शीतकालीन सत्र नए भवन में होगा।मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र-4 की श्रेणी में आता है लेकिन नए संसद भवन का निर्माण भूकंपीय क्षेत्र-5 को ध्यान में रखते हुए पूरा किया जाएगा और यह पांच सितारा प्लैटिनम की शीर्ष हरित रेटिंग के लिए अर्हता प्राप्त करेगा।

पुराने भवन की ‘जुड़वा बहन’ नए संसद भवन की भव्यता पर उठाए जा रहे सवाल के बारे में पूछे जाने पर मिश्र ने कहा कि नया भवन लाल और पीले पत्थरों की पच्चीकारी के साथ मौजूदा संसद भवन की ‘जुड़वा बहन’ की तरह दिखेगा। उन्होंने कहा कि नई इमारतों में अत्याधुनिक तकनीकी विशेषताएं होंगी, जो इसे साइबर खतरे समेत किसी भी खतरे से सुरक्षित बनाती हैं।

पेड़ों का भी रखा गया ध्यान मिश्र ने नए भवन के निर्माण के लिए पेड़ों के नुकसान से जुड़ी आशंकाओं को भी दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि पेड़ काटे नहीं गए हैं बल्कि उन्हें दूसरी जगह लगाया गया है और उनमें से 80 प्रतिशत पेड़ बचे हुए हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हटाए गए पेड़ों के बदले में 4,400 पौधे लगाए जा रहे हैं।जनता की संसद दिखेगी नई इमारत उन्होंने कहा कि वर्तमान संसद भवन को ‘मीटिंग हाल’ के रूप में बनाया गया था और बाद में इसमें बदलाव कर दो मंजिलें जोड़ी गई थीं, जिसके परिणामस्वरूप धूप नहीं आती थी। नई इमारत आकर्षक और ‘जनता की संसद’ की तरह दिखेगी।

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