आ गई रूस-यूक्रेन वॉर की तारीख!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इससे पहले अमेरिकी नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी थी। इस बार यूक्रेन की सरकार ने हजारों ब्रिटिश लोगों को जल्द से जल्द देश लौटने को कहा। ब्रिटेन का यह मानना ​​है कि रूस यूक्रेन पर कभी भी हमला कर सकता है। सूत्रों का दावा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपना मन बना लिया है! अगले बुधवार,उनकी सेना यूक्रेन में प्रवेश कर सकती है और हमले की पूरी तैयारी है। संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी को डर है कि रूसी सेना उस दिन से यूक्रेनी राजधानी कीव में बमबारी कर सकती है। इसलिए समय रहते पश्चिमी देशों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित घर लौटने का निर्देश दिया है।

ब्रिटिश विदेश कार्यालय के अनुसार एक बार युद्ध छिड़ जाने के बाद यूक्रेन में सभी व्यापारिक गतिविधियाँ ठप हो जाएँगी। उड़ान सेवा बंद रहेगी। क्योंकि पुतिन की सेना हवाई हमले भी कर सकती है। जो लोग देश लौटना चाहते हैं, उनके पास एक और पल बर्बाद करने का समय नहीं है। सूत्रों के अनुसार, मास्को पहले ही यूक्रेन की सीमा पर लगभग 130,000 सैनिकों को तैनात कर चुका है। सभी जरूरी युद्ध सामग्री भी वहीं रखी गई है। इसलिए भले ही रूस युद्ध की शुरुआत से इनकार कर रहा हो लेकिन ऐसी किसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

सूत्रों का दावा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा देश के नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहने के बाद से स्थिति तेजी से बिगड़ी है। डर है कि पुतिन किसी भी समय अपनी सेना को यूक्रेन में प्रवेश करने का आदेश दे सकते हैं। ऐसे में ब्रिटेन ही नहीं यूरोपीय संघ ने भी अपने हर देश के नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने का निर्देश दिया है। खासकर जो लोग किसी आपात सेवा से जुड़े नहीं हैं, उन्हें तुरंत देश लौटने को कहा गया है। रूस-यूक्रेन तनाव के बीच अमेरिका फुल एक्शन मोड में आ गया है। अमेरिका के चार परमाणु बॉम्बर ब्रिटेन पहुंच गए है। बेलारूस में रूस के बॉम्बर के जवाब में अमेरिका ने अपना बॉम्बर भेजा है।

बाइडेन और पुतिन की फोन वार्ता

व्हाइट हाउस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बाइडेन और पुतिन फोन पर वार्ता करने वाले हैं। रोमानिया के कॉन्स्टांटा स्थित काला सागर बंदरगाह में अमेरिका भारी सैन्य सामग्री तैनात कर रहा है, जो इस बात का संकेत है कि अमेरिका वहां सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है। इसके अलावा 1,000 और सैनिक वहां एयरबेस में पहुंच रहे हैं। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण काले सागर में रूस, यूक्रन और तीन नाटो सहयोगियों के सैन्य बेस हैं।

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