अपने उद्बोधन से स्वामी विवेकानंद के पावन स्मृति को नमन करेंगे सीवान के युवा
समाजसेवी अनमोल कुमार के नेतृत्व वाली सोसायटी हेल्पर ग्रुप ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित होगी भाषण प्रतियोगिता
शिक्षाविद् श्री गणेश दत्त पाठक और कवयित्री आरती आलोक वर्मा होंगे भाषण प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्य
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सीवान सोसायटी हेल्पर ग्रुप ट्रस्ट द्वारा गुरुवार को साई हॉस्पिटल के सभागार में राष्ट्रीय युवा दिवस और स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया है। शहर के युवा अपने उद्बोधन से स्वामी विवेकानंद की पावन स्मृति को नमन करेंगे। ट्रस्ट के अध्यक्ष अनमोल कुमार ने बताया कि भाषण प्रतियोगिता का विषय ‘वर्त्तमान दौर में स्वामी विवेकांनद ज्यादा प्रासंगिक हैं’, रखा गया है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रतिभागी को अपने विचार रखने के लिए चार मिनट का समय दिया जाएगा। दिन में 11 बजे शुरू होने वाली स्पर्धा में भागीदारी निः शुल्क रखी गई है। स्पर्धा के निर्णायक मंडल के सदस्य शिक्षाविद गणेश दत्त पाठक और कवियित्री डॉक्टर आरती आलोक वर्मा होंगे। स्पर्धा के विजेताओं को अतिथियों द्वारा सम्मनित किया जाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला अवर निबंधक श्री तारकेश्वर पाण्डेय और विशिष्ट अतिथि प्रख्यात अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामेश्वर कुमार और मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के एहतेशाम अहमद होंगे। अतिथिगण अपने विचार भी प्रस्तुत करेंगे। ट्रस्ट के सचिव अभिमन्यु कुमार ने शहर के छात्रों से इस स्पर्धा में भागीदारी निभाने का अनुरोध किया है ताकि स्वामी विवेकानंद के विचारो से हम अवगत हो सके।
युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं स्वामी विवेकानंद
ज्ञात हो की 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में जन्में नरेन्द्रनाथ दत्त को आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के बाद स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना जाने लगा। प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day 2023) के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि नरेन्द्रनाथ ने बहुत कम उम्र में अध्यात्म का मार्ग अपना लिया था।
साथ ही पश्चिमी संस्कृति में योग एवं वेदांत के विषय में जागृति लाने का श्रेय भी स्वामी विवेकानंद को ही जाता है। जिन्होंने 19वीं शताब्दी में विश्व भ्रमण कर धर्म, ज्ञान और योग की शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया था।बहुत कम उम्र में ही नरेन्द्रनाथ ने अध्यात्म का मार्ग अपना लिया था। आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के बाद उनको स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना जाने लगा।
स्वामी विवेकानंद ने 1897 में कोलकाता में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। वहीं 1898 में गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना भी की थी।
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