12th फेल फिल्म को युवा वर्ग को तो 4-5 बार तो देखना ही चाहिए,क्यों?

12th फेल फिल्म को युवा वर्ग को तो 4-5 बार तो देखना ही चाहिए,क्यों?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

फिल्म को खुरचिए सच्चाई सतह के नीचे दबी पड़ी है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सिनेमा, कला, किताबें, गाने ये सब समाज के दर्पण हैं. इनका असर दोतरफा है. ये सब समाज से प्रभावित हैं.पर इन सब माध्यमों का असर समाज पर भी पड़ता है. खासकर सिनेमा का क्योंकि इसके दर्शक ज्यादा हैं और लोग अक्सर इसमें दिखाई गई बातों को सच मान लेते हैं. फिल्मों का फैशन और विचारों पर गहरा असर पड़ता है.

फिल्म पहली नजर में गरीबी से उबरकर ऊंचाई छूने और संघर्ष करके कामयाबी हासिल करने की कहानी लगती है, जिसमें हिंदी मीडियम का एक स्टूडेंट तमाम बाधाएं पार करके आईएएस अफसर बनता है. ये उत्साह और जोश बढ़ाने वाली फिल्म है, जो उम्मीद जगाती है. इसमें ये भी दिखाया गया है कि प्रेम किस तरह से कुछ कर दिखाने का जज्बा पैदा कर सकता है. ये फिल्म हार नहीं मानूंगा का संदेश देती है.

जहाँ हर तरफ एनिमल मूवी का हाइप बना हुआ है उस हाइप मे 12th फेल जैसी मास्टर पीस मूवी दब कर रह गई क्योंकि मूवी मे कोई गंदे सीन नहीं थे दो चार किसिंग सीन नहीं थे ग्लैमरस नहीं था लेकिन जो 12th फेल मूवी मे था शायद वो एनिमल मे नहीं था।

मनोज शर्मा की वास्तविक जीवनी पर आधारित इस फिल्म को आज के युवा वर्ग को तो 4-5 बार तो देखना ही चाहिए की कैसे 12th की परीक्षा मे चिटिंग ना होने से एक लड़का जो 12th मे फेल होता है और फिर कैसे मध्यप्रदेश के चंबल से एक लड़का डीएसपी बनने का सपना लिए निकलता है जिसे बस इतना मालूम होता है कि उसे डीएसपी बनने के लिए PCS की तैयारी करनी पड़ती है और फिर उसे जब पता चलता है कि डीएसपी से भी बड़ा कोई पद होता है जिसे पाने के लिए आईएएस की परीक्षा पास करनी होती है तो वह खाली हाथ अपने अड़ियल सोच के साथ निकल पड़ता मुखर्जी नगर की गलियों मे जहाँ वो अपने संघर्षों की पटकथा लिखता है ।

लाईब्रेरी मे एक छोटी सी नौकरी और फिर उसके बाद चक्की की मशीन मे काम करते हुए अपने आखिरी और चौथे प्रयास मे हिन्दी माध्यम से आईपीएस बनता है जिसके संघर्षों मे उसकी प्रेमिका श्रद्धा का साथ मूवी को अलग लेवल पर ले जाता है मूवी के एक सीन मे जब श्रद्धा कहती है “तुम कहते थे न मनोज की अगर मैं आई लव यू बोल दूं तो तुम मेरे लिए दुनियाँ पलट दोगे तो मनोज जाओ अब पलट दो दुनियाँ” या फिर इंटरव्यू से पहले का वो सीन जब श्रद्धा के पत्र को मनोज पढ़ता है जिसमें लिखा होता “मनोज तुम चाहे आईपीएस ऑफिसर बनो या चक्की मे काम करो मैं सारी जिंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ विल यू मैरी मी मनोज” श्रद्धा का किरदार देखने के बाद लगता है कि ऐसी पसंदीदा स्त्री हर पुरूष के जीवन मे होनी चाहिए जिसके लिए फिर कोई मनोज किसी श्रद्धा के लिए पूरी दुनियाँ पलट दे।

खैर फिर रिज़ल्ट के आने से पहले की वो म्यूजिक बैकग्राउंड के साथ चल रहीं अटल बिहारी वाजपेयी जी की पंक्तियाँ “टूटे हुए सपने की सुने कौन सिसकी अंतर को चीर ब्यथा पलकों पर ठिठकी आँसू ना बहाऊंगा सिर्फ मुस्कुराऊंगा कह देना भाग्य से मैं कल लौट आऊंगा”।

‘12th फेल’ को सिनेमाघरों में लिमिटेड तरीके से रिलीज़ किया गया था. ये फिल्म देशभर में कुल 600 स्क्रीन्स पर लगी थी. बावजूद इसके फिल्म ने जबरदस्त कमाई की. 29 दिसंबर को इसे डिज़्नी+हॉटस्टार पर स्ट्रीमिंग के लिए रिलीज़ किया गया. डिज़्नी+हॉटस्टार के कॉन्टेंट हेड गौरव बैनर्जी के मुताबिक ओटीटी रिलीज़ के मात्र तीन दिनों में ये फिल्म 2023 में हॉटस्टार पर सबसे ज़्यादा देखी जाने वाली फिल्म बन गई है.

Leave a Reply

error: Content is protected !!