बारिश में प्रशासन के डूबने की वार्षिक परम्परा है
क्या प्रशासन ने बरसात के पानी में तैरने की तैयारी शुरू कर दी है?
श्रीनारद मीडिया स्टेट डेस्क
हमारा देश समृद्ध लोक एवं नागरिक परम्पराओं की धरती है। स्थापित, प्रसिद्ध लोकतान्त्रिक परम्पराओं में, बरसाती पानी में, प्रशासन के डूबने की वार्षिक परम्परा उल्लेखनीय है। बारिश आती है तो नगरपालिकाएं और प्रशासन इक्कठे डूबने का कार्यक्रम बनाते हैं लेकिन इस साल मानसून जल्दी आने के कारण बेचारी नगरपालिका को पहले डूबना पड़ा और प्रशासन पीछे रह गया । कुछ इलाके हमेशा की तरह बेशर्म बने रहे इस बार भी नहीं डूबे । पानी में कई फुट डूबे हुए दर्जनों घरों ने, नेताओं और पार्षदों को भी डूब मरने के लिए प्रेरित किया लेकिन स्वार्थ और ढीठपन के चलते उन्होंने ऐसा नहीं करना चाहा।
कुछ लोगों ने मिलकर कार्यकारी अधिकारी को फोन कर स्थिति बारे शिकायत की लेकिन उन्होंने अनुभव की बाहों में स्थिति संभालते हुए फ़रमाया, आजकल लोग हर किसी चीज़ को बम से उड़ाने की झूठी धमकी देते रहते हैं। किसी पर भी विशवास करना मुश्किल हो गया है। बरसात का पानी हर कहीं घुसने की अफवाहें भी उड़ने लगी हैं। आपके क्षेत्र में पानी घुस आने बारे सच्चाई, किसी ने भी हमारे संज्ञान में नहीं लाई। अब बिना संज्ञान में लाए या आए हम कोई कार्रवाई कैसे कर सकते हैं। आखिर सरकारी मामला है, संज्ञान में आएगा तो उचित कारवाई अवश्य की जाएगी।
लोगों को उनका व्यवहार लटकाऊ लगा तो वे अध्यक्ष से मिलने गए। अध्यक्ष ने उन्हें सम्मानपूर्वक बिठाया, प्लास्टिक के छोटे कप में चाय पिलवाई और समझाया, आप सभी सकारात्मक सोचिए, इंद्रदेवजी की कृपा हुई, जिन्होंने बारिश का आशीर्वाद दिया। इतनी गरमी में पारा नीचे आ गया, आपकी बिजली बची, मौसम बढ़िया हो गया। तीन चार किस्म के पकौड़े बनवाइए और अपने पड़ोसियों सहित बैठकर खाइए। ज़िंदगी अच्छी लगने लगेगी और भारतीय संस्कृति भी खुश हो जाएगी। दो वरिष्ठ नागरिक नाराज़ होकर बोले, तीन साल पहले नगरपालिका ने हमारे मोहल्ले की गली को सीमेंट डालकर पक्का करवा दिया था तब से थोड़ी सी बारिश में भी पानी हमारे घरों में घुस जाता है।
अध्यक्ष ने पानी से बचते बचाते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की, आपकी गली में जब फर्श डाला गया था तब हमारी सरकार नहीं थी। घबराएं नहीं, हम गहरी जांच करवा रहे हैं कि हमारे शासन से पहले क्या क्या गलत किया गया है। आपको जानकर खुश होना चाहिए कि हम इसे एक मिशन की तरह ले रहे हैं, विकास ज़ोरदार तरीके से दोबारा शुरू हो चुका है।
क्षेत्र के उचित विकास बारे पहले से बेहतर जगह पर बैठकें करने जा रहे हैं जिसमें गहन विचार विमर्श होगा। आपको समझना चाहिए, अच्छे काम को करने में वक़्त लगता है। यह तो ऊपर वाले की ग़लती के कारण ही इस साल बरसात वक़्त से पहले आ गई है। कुदरत ने इस बार कोहराम मचा रखा है लेकिन आप चिंता न करें। हमने शहर में पहली बार आपदा कंट्रोल रूम खोला है।
हम शीघ्र ही, बेहद आदरणीय विधायकजी से इसका उद्घाटन करवाएंगे। अगर किसी का घर डूब गया तो घबराएं नहीं, चाहे पुलिस को रस्सों के सहारे भेजना पड़े, उन्हें भेजकर, उन्हीं रस्सों के सहारे निकालकर बचा लेंगे। प्रशासन से नकद मदद भी दिलवाएंगे। चिंता न करें, हम बैठे हैं न। हम पूरी तरह तैयार हैं। कुछ दिन में सब कुछ सामान्य करवा देंगे, अध्यक्ष नामक सिंहासन ने कहा।
प्रशासन ने बरसात के पानी में तैरने की तैयारी शुरू कर दी थी। अगले दिन खबर छपी कि प्रशासन द्वारा उच्च क्वालिटी की नावें खरीदने का आदेश दे दिया है। अगर ज़्यादा बारिश के कारण किसी मोहल्ले में तैरने की ज़रूरत पड़ी तो नाव ट्रक में लाद कर फ़ौरन भिजवा दी जाएगी। इस सन्दर्भ में नाव चलाने का प्रशिक्षण लेने चार कर्मचारियों को मुंबई भेजा जा रहा है।
ऐसा लग रहा था कि अगले साल प्रशासन पानी में नहीं डूबेगा,पर यह नहीं हुआ.
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