Breaking

कंजेक्टिवाइटिस होने पर परेशान होने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता:

कंजेक्टिवाइटिस होने पर परेशान होने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की आवश्यकता:

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

 

आंखों का लाल होना, कीचड़ आना, जलन या खुजली होना रोग के सामान्य लक्षण: सिविल सर्जन

जिले में अभी तक 575 मरीजों की हुई पहचान: एपीडेमियोलॉजिस्ट

बीमारी की शिकायत मिलने पर एक सप्ताह तक अलग रहने के लिए की गई अपील:

 

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया (बिहार):

कंजेक्टिवाइटिस यानी आंखों में रेडनेस, आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वैसे तो यह हर उम्र के लोगों को परेशान कर रहा है। लेकिन छोटे छोटे उम्र के मासूमों को आसानी से शिकार बना रहा है। दरअसल आई फ्लू से संबंधित शिकायत को लेकर प्रत्येक दिन दर्जनों मरीज इलाज के लिए जिला मुख्यालय स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल के ओपीडी पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही जिले के रूपौली और बायसी में बढ़ते मामलों को लेकर जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट करते हुए विशेष रूप से एहतियात बरतने के लिए आवश्यक दिशा – निर्देश दिया है। जिसके बाद प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम गठित कर भेजा गया है। जहां लोगों की जांच के साथ ही समुचित इलाज की कवायद तेज कर दी गई है। जिसे के सभी सरकारी अस्पतालों में बीमारी से संबंधित दवा का पुख़्ता इंतजाम कर दिया गया है।

 

एक से दूसरे में फैलने वाला आई फ्लू संक्रमित बीमारी: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि
जिले में आंखों का लाल होना, कीचड़ का आना, जलन या खुजली होने की शिकायत मिल रही है। आई फ्लू के दौरान किसी के करीब जाने से बचना चाहिए। क्योंकि यह एक तरह से संक्रमित बीमारी है। जो एक से दूसरे में फैलता है। यदि आपकों भी आंख आया है तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ दिन बाद यह ठीक हो जाता है। इसके लिए आपकों कुछ अंतराल पर आंखों को ठंडे और ताजे पानी से धोते रहना चाहिए। इस तरह की शिकायत आने के बाद घर से बाहर नही जाएं। ज्यादा आवश्यकता होने पर ही घर से बाहर जाएं लेकिन आंखों पर काला चश्मा पहनना नहीं भूलें। चिकित्सकों से परामर्श लेने के बाद ही दवा का सेवन करना उचित होगा। साथ ही उनके द्वारा बताए गए आई ड्रॉप को ही आंखों में डालना सबसे अच्छा है।

 

जिले में अभी तक 575 मरीजों की हुई पहचान: एपिडेमियोलॉजिस्ट
एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के महामारी रोग विशेषज्ञ (एपिडेमियोलॉजिस्ट) नीरज कुमार निराला ने बताया कि जिले में फ़िलहाल 575 मरीज़ मिलने की सूचना है। जिनको सभी तरह की दवा उपलब्ध करा दी गई है। आई फ्लू के मरीज को अपनी आंखों को हाथ नहीं लगाना चाहिए। रोगी से हाथ मिलाने, उसके उपयोग की चीजों को अलग कर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। संक्रमित आंख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा महज भ्रम है। क्योंकि यह बीमारी सिर्फ संपर्क में आने से ही फैलती है। तीन दिनों में आराम नहीं होने की स्थिति में किसी नेत्र विशेषज्ञ से आंखों की जांच कराने की अपील की जा रही है। इसके इलाज की सुविधा जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों सहित एचडब्ल्यूसी में उपलब्ध हैं।

 

बीमारी की शिकायत मिलने पर एक सप्ताह तक अलग रहने के लिए की गई अपील:
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलेवासियों से अपील की गई है कि किसी भी स्कूल के बच्चों के आंख लाल होने की शिकायत मिलती है तो बच्चे के अभिभावक और संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक या शिक्षक तत्काल किसी चिकित्सक से परामर्श लेंगे। इसके बाद दवा या आई ड्रॉप उपलब्ध कराते हुए घर पर ही कम से कम एक सप्ताह तक इलाजरत रहेंगे। इस दौरान बच्चे को स्कूली शिक्षा से अलग रहने के लिए सलाह दी जानी चाहिए। ताकि उसका संक्रमण दूसरे बच्चें या अन्य लोगों में नहीं फैले।

यह भी पढ़े

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का मातृभाषा के जरिए आर्थिक सम्बल

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई रोगी कल्याण समिति की बैठक , कोई नया प्रस्ताव नहीं

पानापुर की खबरें – विधायक ने किया कला मंच का उद्घाटन 

PM Modi को मिलेगा लोकमान्य तिलक पुरस्कार,क्यों?

प्रेमचंद का साहित्य युगांतकारी है- प्रो.प्रसून दत्त सिंह

ग्रापए की तहसील इकाई गठित, धीरज मिश्रा को मिली कमान

बिहार : पटना में पार्षद के पति को अपराधियों ने मारी गोली

Leave a Reply

error: Content is protected !!