महात्मा गांधी सेतु के दोनों लेन पर शीघ्र गाड़ियां चलने लगेंगी.

महात्मा गांधी सेतु के दोनों लेन पर शीघ्र गाड़ियां चलने लगेंगी.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया राकेश कुमार सिंह,सीवान

महात्मा गांधी सेतु की पश्चिमी लेन पर गाड़ियां चलने लगींं है।महात्मा गांधी सेतु की पूर्वी लेन लगभग बनकर तैयार है। इसे इस माह के अंत तक चालू कर दिया जाएगा। अगले हफ्ते पुल के लोकार्पण की तैयारी चल रही है। हालांकि अभी तक डेट फाइनल नहीं हुई है। लोकार्पण समाराेह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आने की भी चर्चा है। फिलहाल पश्चिमी लेन से ही दोनों ओर से गाड़ियां चल रही हैं, जिससे कभी-कभी भीषण जाम की समस्या पैदा हाे जाती है।पूर्वी लेन के चालू होते ही पटना-हाजीपुर के बीच की दूरी 15 मिनट में तय हाेगी। विभागीय अफसरों के मुताबिक 31 मई तक पूर्वी लेन के बचे काम को पूरा कर लिया जाएगा और वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी। दाेनाें लेन चालू होने के बाद वन-वे ट्रैफिक का संचालन होगा। गाड़ियां बिना रुके पटना और हाजीपुर के बीच की दूरी को कुछ ही मिनटों में तय कर लेंगी।

सभी 46 पायों को जोड़ा गया

5.575 किमी लंबे सेतु की मजबूती के लिए विशेष डिजाइन के तहत तैयार किया गया है। पुल के 46 पायों को हेड गार्डर के जरिए ज्वाइंट किया गया है। पूर्वी लेन के बीच वाले हिस्से में करीब 100 मीटर की बाउंड्री वाॅल का काम बचा है, जो एक-दो दिन में ही बन जाएगा। इसी तरह कुछ हिस्सों में एक्सपेंशन जॉइंट का काम बाकी है, जिसे हफ्तेभर में पूरा करने की बात इंजीनियरों ने कही है। इसके बाद रंग-रोगन समेत अन्य सभी कार्य 15-20 दिन में पूर्ण कर लिया जाएगा।

दोनों लेन चालू होने पर जाम से मिलेगी निजात, निर्माण पर 1382 करोड़ रुपए खर्च

 

गांधी सेतु को अनुबंध के अनुसार 42 महीने में बनना था। लेकिन कोरोना काल में काम बाधित हाेने से करीब चार साल का वक्त लग गया। सेतु के जर्जर होने के बाद पहले पश्चिमी लेन को बनाया गया। इस लेन का लोकार्पण 30 जून 2020 को किया गया था। इसके बाद ही पूर्वी लेन को बनाने की दिशा में शुरुआत हुई। इसे बनाने के लिए साल 2017 में अनुबंध हुआ था। पूरी परियोजना की लागत 1382 करोड़ रुपए है।

पश्चिमी लेन पहले ही हो चुका है चालू

सेतु को नए सिरे से बनाने से पहले निर्माण एजेंसियों ने यहां वाहनों के ट्रैफिक वॉल्यूम का सर्वे किया। वर्ष-2016 में इस सेतु से गुजरने वाले वाहनों की संख्या 24 घंटे में 64 हजार थी। लेकिन अब इसमें तेजी से वृद्धि हुई है।पुल से एक मिनट में औसतन 52 वाहन पुल से गुजरे। ऐसे में 24 घंटे के दौरान 74,880 गाड़ियां सेतु से पार हो रही हैं। इनमें 60 फीसदी से अधिक बड़े वाहन जैसे बस व ट्रक शामिल हैं। विभागीय अफसरों ने भी माना है कि पांच-छह साल में ट्रैफिक का दबाव बढ़ा है।

पूर्व ट्रैफिक एसपी पीके दास ने कहा कि सेतु की दोनों लेन चालू होने पर 30-40 साल तक जाम से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन इसके लिए कुछ बेहतर इंतजाम करने होंगे। उन्होंने कहा कि
सेतु पर गाड़ी राेकने पर पूरी तरह से रोक रहे। दोनों छोर पर चेकिंग पाॅइंट के नाम पर गाड़ियों को रोकने की व्यवस्था बंद हो।ओवरटेकिंग करने पर जुर्माने का प्रावधान हो। सेतु पर कोई गाड़ी खराब हो जाए, तो उसे तुरंत हटाने का इंतजाम हाे। सीसीटीवी कैमरे लगाकर ट्रैफिक कंट्रोल की मॉनिटरिंग की व्यवस्था हो।तो जाम से मुक्ति संभव है।

पुल की विशेषता

? सेतु की लंबाई 5.575 किमी।
?30 जून 2020 को पश्चिमी लेन चालू।
?इसके बाद पूर्वी लेन का काम शुरू।
?दाेनाें लेन बनाने पर 1382.4 करोड़ खर्च ।

2024 तक नया फोरलेन पुल बनाने का लक्ष्य

महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बन रहे नए फोरलेन पुल का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2024 तक रखा गया है। इसके बनने के बाद पटना-हाजीपुर के बीच 8 लेन की सुविधा मिल जाएगी।पूर्वी लेन का अधिकतर काम पूरा हाे गया है। 31 मई से पहले बचे काम हाे जाएंगे। लोकार्पण की तिथि अभी तय नहीं हो सकी है। लेकिन इस महीने से ही लोगों को इसकी सुविधा मिल जाएगी।

Leave a Reply

error: Content is protected !!