आस्था, संकल्प और जागरूकता की बह रही भरौली में त्रिवेणी

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भरौली के श्री रामानंद वैष्णव पीठ पर श्री सीताराम महायज्ञ में निहाल हो रही श्रद्धा

✍️गणेश दत्त पाठक

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीवान में जीरादेई प्रखंड के भरौली गांव में इन दिनों आस्था की बयार बह रही है। वहां श्री रामानंद वैष्णव पीठ पर श्री सीताराम महायज्ञ में आस्था का सागर उमड़ रहा है तो श्रद्धा भरपूर निहाल हो रही है। यज्ञ को सनातन परंपरा में सामाजिकता के भाव को ऊर्जस्वित करने वाला माना जाता रहा है लेकिन भरौली में तो आस्था, संकल्प और जागरूकता की त्रिवेणी बह रही है। जब लाफिंग बुद्धा ने उपस्थित श्रद्धालुजन के सम्मुख हास्य की बयार बहाई तो श्रद्धा प्रफुल्लित हो गई और ऐसे लगा जैसे यज्ञ देवता ने खुश होकर अपनी असीम कृपा से भरौली को अभिसिंचित कर दिया है क्योंकि वहां उपस्थित हर श्रद्धालुजन के चेहरे पर आनंद ही आनंद था।

यज्ञकुंड की परिक्रमा कर रहे हजारों श्रद्धालुजन

श्री सीताराम महायज्ञ में सुबह शाम पूजन अर्चन श्रद्धा भाव से हो रहा है तो आस्था का सैलाब भी उमड़ रहा है। यज्ञ कुंड की परिक्रमा कर श्रद्धालुजन तृप्त होते जा रहे हैं। यज्ञाध्यक्ष श्री श्री 1008 रामनारायण दास महाराज जी के स्नेहिल मंगल आशीष और यज्ञाचार्य श्री अरविंद मिश्रा जी के
आस्थमय मार्गदर्शन में यज्ञ देवता पूजित हो रहे हैं तो वहां मनोरंजन, संकल्प और जागरूकता की त्रिवेणी भी बह रही है।

बह रही अविरल ज्ञान गंगा

कभी रास लीला हो रही है तो बच्चों के खेलने वाले चरखे भी चल रहे हैं। कभी अग्निशमन विभाग के कर्मचारी अग्नि से बचाव के गुर सीखा रहे हैं तो कभी लाफिंग बुद्धा नागेश्वर दास लोगों को हंसा हंसा कर जिंदगी का संदेश देते दिख रहे हैं। कभी कभी माता पिता और गुरु को सम्मान देने का संकल्प भी लिया जा रहा है। कुल मिलाकर
भरौली में अविरल ज्ञान गंगा बह रही है।

हंसना ही आरोग्य की गारंटी

बुधवार को लाफिंग बुद्धा नागेश्वर दास ने श्रद्धालुओं को हंसने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना था कि हंसना ही आरोग्य की गारंटी है। जितना आप हसेंगे उतने ही प्रसन्नचित रहेंगे। उतने ही रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग से बचे रहेंगे। उनका कहना था कि हंसने से परिवार में भी प्रेम बढ़ेगा। इस अवसर पर राष्ट्र सृजन अभियान के महासचिव श्री ललितेश्वर कुमार, मुझे यानी गणेश दत्त पाठक, प्रधानाचार्य कृष्णकुमार सिंह को यज्ञाचार्य और यज्ञाध्यक्ष द्वारा मंगल आशीष प्रदान किया गया। इस अवसर पर अंकित मिश्रा, नंदू राय, नागेंद्र सिंह, राजेश सिंह, अभिषेक कुमार, मुन्ना चौहान आदि उपस्थित रहे।

ऐतिहासिक है भरौली पीठ

गौरतलब है की प्राचीन भरौली मंदिर की विशेष ऐतिहासिक महता रही है। शोधार्थी कृष्णकुमार सिंह बताते हैं कि हिरणायवती यानी सोना नदी के किनारे बसे इस गांव में कभी भगवान बुद्ध के आने के भी साहित्यिक संकेत मिलते हैं। गांव के लोग बताते है कि यह मंदिर राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचार से बचने के लिए क्रांतिकारियों के लिए सुरक्षित स्थल रही थी। यहां कभी भगत सिंह भी आए थे। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जो बगल के गांव जीरादेई के निवासी थे। हमेशा आते रहते थे।

भरौली के श्री रामानंद वैष्णव पीठ में मुझे भी बेहद सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति हुई। यज्ञ देवता प्रसन्न हो और क्षेत्र को अपने असीम सकारात्मक ऊर्जा से अभिसिंचित करें, ऐसी कामना जरूर उत्पन्न हुई।

जय सियाराम.

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