ट्रंप का दावा है कि हमने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराई है

ट्रंप का दावा है कि हमने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराई है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव को दूर कर सीजफायर कराने में कितनी भूमिका निभाई है, इसको लेकर भारत सरकार की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इसका श्रेय लेने को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्तेजित दिख रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भारत व पाकिस्तान के बीच शनिवार को सीजफायर को लेकर बनी सहमति के लिए दोनों देशों के नेताओं की भूरी-भूरी तारीफ की। साथ ही उन्होंने कश्मीर मुद्दे के समाधान करने की पेशकश एक बार फिर कर डाली। 12 घंटे में यह दूसरी बार है कि राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से भारत व पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने को लेकर अपनी पीठ थपथपायी है।

ट्रंप लेना चाह रहे सीजफायर का क्रेडिट

जबकि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि सीजफायर पर पहुंचने के लिए दोनों देशों के बीच सीधी बात हुई है। भारत को यह बात भी नागवार गुजर रही है कि राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के साथ उसे एक ही तराजू पर तौल रहे हैं। आधिकारिक तौर पर इस बारे में वैसे अभी कुछ नहीं कहा गया है।

सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा है कि, ‘मुझे भारत व पाकिस्तान के अटल मजबूत नेतृत्व पर गर्व है जिनके पास इस बात को समझने व जानने की पर्याप्त बुद्धिमता, ताकत व दूरदर्शिता है कि मौजूदा आक्रामक को समाप्त करने का यह सही समय है, नहीं तो इससे काफी ज्यादा विध्वंस और मौतें होती। लाखों ईमानदार और अच्छे लोगों की मौत हो जाती। आप लोगों ने अपने वीरतापूर्ण काम से अपनी परंपरा को मजबूत किया है।

ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया

  • ट्रंप ने लिखा कि ‘मुझे इस बात का गर्व है कि अमेरिका ने आप दोनों को इस एतिहासिक व वीरतापूर्ण नर्णय पर पहुंचने के लिए मदद की। हालांकि अभी इस बारे में मेरी कोई बात नहीं हुई है लेकिन मैं इन दोनों महान देशों के साथ कारोबार में काफी वृद्धि करने जा रहा हूं। इसके अलावा, मैं आप दोनों के साथ काम करूंगा कि अगर हजारों साल बाद कश्मीर को लेकर किसी समाधान पर पहुंचा जा सकता हो। भारत व पाकिस्तान के नेतृत्व को एक बेहद अच्छा काम करने के लिए भगवान इनका भला करे।’
  • अमेरिकी नेताओं ने पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ, पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर से भी बात की थी। तब भी अमेरिका ने कहा था कि भारत व पाकिस्तान के बीच किसी तटस्थ जगह पर व्यापक मुद्दे पर बात होगी। भारत इससे इनकार करता है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि किसी दूसरी जगह व अन्य मुद्दों पर बात किये जाने की कोई संभावना नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे तनाव के बाद शनिवार को सीजफायर पर सहमति बनी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने ही दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराई है। लेकिन भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया था। भारत ने साफ कर दिया था कि पाकिस्तान ने फोन कर भारत से सीजफायर की गुजारिश की थी। अब समाचार एजेंसी एएनआई ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट से हवाले से दावा किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच बातचीत हुई थी, जिसमें पीएम ने वेंस को दो टूक शब्दों में भारत का स्टैंड समझा दिया था।

‘गोली चली, तो गोला चलाएंगे’

पीएम मोदी ने जेडी वेंस से कहा कि ‘अगर पाकिस्तान कुछ करता है, तो इस बार जवाब और भी विनाशकारी और सख्त होगा।’ पीएम ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। अगर वहां से गोली चलेगी, तो यहां से गोला चलेगा।

सूत्रों के हवाले से ये भी दावा किया गया है कि दोनों देशों के एनएसए और विदेश मंत्रियों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। केवल पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से बात की थी। दुनिया को ये भी संदेश दिया गया कि इस बार पहले ही तरह बातचीत नहीं होगी, पाकिस्तान यह भी अच्छे से समझ ले।

कश्मीर को लेकर स्टैंड क्लियर

सूत्रों के हवाले कहा गया कि भारत के हर हमले में पाकिस्तान को जबरदस्त नुकसान पहुंचा। हर वार के बाद पाकिस्तान की स्थिति और बुरी होती जा रही थी। पाकिस्तान बैटल के हर राउंड में हार रहा था। भारत ने विश्व को यह स्पष्ट कर दिया कि हम पीड़ितों और अपराधियों को समान नहीं मान सकते।सूत्रों ने बताया कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर पर हमारा स्टैंड क्लियर है। केवल एक मुद्दा बचा है और वो ये है कि गुलाम जम्मू-कश्मीर को वापस लेना। इस बारे में कोई बातचीत नहीं होगी। अगर वह आतंक पर बात करेंगे, तो हम तैयार हैं। हमे किसी के मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। बता दें कि तीनों सेनाओं की तरफ से आज शाम 6:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी।

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