संवर्धन कार्यक्रम के तहत 90 प्रतिशत अतिकुपोषित बच्चों को किया जा सकता है ठीक 

संवर्धन कार्यक्रम के तहत 90 प्रतिशत अतिकुपोषित बच्चों को किया जा सकता है ठीक

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

गंभीर कुपोषित बच्चों के विरुद्ध व्यापक अभियान से संबंधित दो दिवसीय कार्यशाला हुआ समापन:
कृत्यानंद मॉडल को जिले सहित पूरे राज्य में होगा लागू:
कार्यक्रम को दस चरणों में किया जाएगा संपादित:

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

संवर्धन कार्यक्रम के तहत 90 प्रतिशत अतिकुपोषित बच्चों को किया जा सकता है ठीक। उक्त बातें समुदाय स्तर पर देखभाल एवं उपचार प्रबंधन (संवर्द्धन) कार्यक्रम के तहत आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण शिविर के समापन के मौके पर रविवार को पोषण अभियान के जिला समन्वयक देवाशीष घोष ने कहीं। दरअसल वर्ष 2019 में राज्य का पहला मॉडल पूर्णिया के कृत्यानंद नगर में लागू किया गया था। जिसको ज़िले सहित पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। क्योंकि संवर्धन कार्यक्रम के तहत समुदाय आधारित देखभाल से कुपोषित बच्चों में सुधार एवं कुपोषण से होने वाली मृत्यु की संभावना बहुत कम होती है। यूनिसेफ़ की ओर से प्रशिक्षक के रूप में सुपर्णा रॉय एवं वृंदा किराडू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा की ओर से मेघा सिंह, ज्योति कुमारी, विजया, सीफार के धर्मेंद्र रस्तोगी एवं यूनिसेफ़ के तनुज कौशिक सहित ज़िले के कसबा, जलालगढ़, अमौर, बायसी, बैसा एवं श्री नगर प्रखंड की सीडीपीओ, बीएचएम, बीसीएम एवं संबंधित प्रखंडों की एक-एक महिला पर्यवेक्षिका एवं आंगनबाड़ी सेविका हुई थी शामिल।

संवर्धन कार्यक्रम से अतिकुपोषित बच्चे हो सकते हैं ठीक: देबाशीष
जिला समन्वयक देबाशीष घोष ने बताया कि अति गंभीर कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य करने के लिए पोषण पुनर्वास केन्द्रों (एनआरसी) में भेजा जाता है। लेकिन वर्तमान समय में 10 प्रतिशत ही अति गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भेजने की आवश्यकता होती है। हालांकि 90 प्रतिशत बच्चे समुदाय आधारित देखभाल से ही पूरी तरह से स्वस्थ हो सकते हैं। जिसको लेकर संवर्धन कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। जिसमें अति गंभीर कुपोषित बच्चों को समुदाय आधारित देखभाल की जाएगी। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वेस्टिंग (लंबाई के अनुसार वजन) की पहचान, रोकथाम, प्रबंधन और बच्चों के भोजन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। संवर्धन कार्यक्रम 5 चरणों में आगे बढ़ेगा। जिसमें कार्यक्रम का जिला स्तरीय शुभारंभ, क्षमतावर्धन प्रशिक्षण, दवाओं एवं लोजिस्टिक्स की व्यवस्था, चयनित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यक्रम का क्रियान्वयन तथा कार्यक्रम का पर्यवेक्षण रिपोर्टिंग एवं समीक्षा को किया जाएगा शामिल।

 

कार्यक्रम को दस चरणों में किया जाएगा संपादित:
संवर्धन कार्यक्रम को कुल 10 चरणों में संपादित किया जाएगा। जिसमें सामुदायिक मोबिलाईजेशन एवं सभी बच्चों की पोषण स्थिति का आंकलन, चिकित्सीय जांच, भूख की जांच, अति गंभीर कुपोषित बच्चों के प्रबंधन के तरीके, दवाइयां, पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, संवर्धन कार्यक्रम के दौरान पोषण की निगरानी, संवर्धन कार्यक्रम से छुट्टी देने के बाद फोलोअप शामिल है। साथ ही समुदाय आधारित देखभाल को मजबूती देने के लिए आरोग्य दिवस घर पर बच्चों की देखभाल एवं गृह भ्रमण में सेविका एवं आशा द्वारा दी जाने वाली परामर्श को मजबूत किया जाएगा।

यह भी पढ़े

प्राथमिक शिक्षक संघ दरौली की बैठक में कई मुद्दाें पर हुई चर्चा 

गुठनी के बलुआ में  कामगार सहायता सूचना केंद्र के तहत जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

बीडीओ ने खुद किया धान की फसल की कटनी

सोमवार की शाम को होगा ऑल इंडिया मुशायरे का आयोजन

Leave a Reply

error: Content is protected !!