कोरोना से बचने का एक मात्र उपाय वैक्सीनेशन

 

कोरोना से बचने का एक मात्र उपाय वैक्सीनेशन
जिले भर के सेशन साइट पर 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीका एक्सप्रेस से किया जा रहा टीकाकरण एवं संक्रमण पर जागरूक

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शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के विकास में हमारा दैनिक खान-पान खास महत्वपूर्ण है।

श्रीनारद मीडिया, किशनगंज, (बिहार):

 


जिले में कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ लड़ाई के लिए व्यापक पैमाने पर इंतजाम है। इस महामारी से लोगों को स्थाई निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में है। संक्रमण की गति को बढ़ावा नहीं मिले, इस उद्देश्य से जिले में कोविड-19 वैक्सीनेशन के साथ जाँच की रफ्तार भी तेज कर दी गई। ताकि जल्द से जल्द से अधिक से अधिक लोगों की जाँच हो सके और संक्रमण की रफ्तार को बढ़ावा नहीं मिले। जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 33 नये मामले मिले, वहीं 76 संक्रमित मरीज ठीक भी हुए हैं। अभी जिले में कोरोना के एक्टीव केसों की संख्या 502 है। इस बीच जिले में युद्धस्तर पर कोविड टीकाकरण जारी है। स्वास्थ्य केन्द्रों सहित कुल 07 टीका एक्सप्रेस वाहनों द्वारा गांवों में टीकाकारण कार्य किया जा रहा है। टीका एक्सप्रेस के माध्यम से एक पंचायत क्षेत्र के गांवों में वहां के किसी विद्यालय, भवन या अन्य सार्वजनिक भवनों में एकत्रित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण के साथ-साथ संक्रमण से जागरूक भी किया जा रहा है।

जिले में जारी है 45+ आयुवर्ग का टीकाकरण: सिविल सर्जन
जिले में आज तक 110111 व्यक्ति को प्रथम तथा 28753 व्यक्ति को दूसरी डोज दी गयी है । जिसमे कुल 22192 व्यक्ति जो 18 से 44 वर्ष के आयुवर्ग के है उनका टीकाकरण किया गया है। टीका एक्सप्रेस के द्वारा 45+ वर्ष के कुल 1577 व्यक्ति का टीकाकरण किया गया है। सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया 18-44 वर्ष के लोगो के लिए टीका की आपूर्ति के अभाव में टीकाकरण रुक गया है। जो टीका 07 जून तक जिले को प्राप्त होने की सम्भावना है। टीका प्राप्त होते ही पुनः जिले के 18-44 वर्ष के लोगो के लिए टीकाकरण की शुरुआत की जाएगी।

वैक्सीन पूरी तरह से है सुरक्षित और प्रभावी:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया ग्रामीण स्तर पर कम पढ़े- लिखे लोगों के बीच वैक्सीन को लेकर कुछ भ्रांतियां बैठ गई है कि पता नहीं वैक्सीन लगवाने के बाद क्या होगा ? ऐसे लोगों से अपील करते हुए मैं यह कहना चाहता हूँ कि कोरोना के संक्रमण से बचाव में भारत सरकार द्वारा हमलोगों के बीच उपलब्ध करवाई गई कोवैक्सीन और कोविशील्ड पूरी तरह से सुरक्षित और सौ फीसदी प्रभावी है। इस लिए सभी आयु वर्ग के लोग कोविड वैक्सीन को लेकर मन में पनप रही सभी भ्रांतियों को दरकिनार करके वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं और अपने आस- रहने वाले लोगों को भी वैक्सीन के सुरक्षित और प्रभावी होने की सही जानकारी देकर वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करें।

अपने बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रभाव से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीन जरूरी: सीएस
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए माता-पिता के द्वारा कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद ही आने वाले दिनों में अपने बच्चे को कोरोना वायरस से बचाया जा सकता है। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद किसी भी व्यक्ति के पुनः कोरोना संक्रमित होने की संभावना कम से कम हो जाती है। माता- पिता के कोरोना से मुक्त रहने के बाद उनके बच्चे भी कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं।

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के वैक्सीनेशन के साथ सभी लोग करें इन मानकों का प्रयोग:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया की अभी जिलेवासी वैक्सीनेशन के साथ ही घर से बाहर निकलने की स्थिति में हमेशा मास्क से अपने मुंह एवं नाक को ढकें ताकि ड्रॉपलेट्स के जरिये कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसके साथ ही सभी लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलने की स्थिति में अनिवार्य रूप से शारीरिक दूरी के नियम के तहत एक दूसरे से कम से कम दो गज या छह फीट की दूरी बरतें। सभी लोग एक निश्चित अंतराल के बाद अपने हाथों की सफाई के लिए साबुन या हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें ताकि हाथों के माध्यम से फैलने वाले कोरोना वायरस को वहीं रोका जा सके।

शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के विकास में हमारा दैनिक खान-पाना खास महत्वपूर्ण:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कोरोना महमारी के इस दौर में हम अपने जीवनशैली में बदलाव के लिये मजबूर हैं। व्यक्तिगत स्चछता संबंधी हमारी आदतें व खानपान पहले हमारे पसंद व नापसंद पर आधारित हुआ करते थी। लेकिन बदलते वक्त के साथ आज स्वच्छता, स्वास्थ्य व पोषण का मुद्दा लोगों की प्राथमिकता में शुमार हो चुका है। वैश्विक महामारी ने हमें अपनी खान-पान की आदतें व स्वच्छता संबंधी मामलों पर विशेष ध्यान देने के लिये विवश कर दिया है। अब तक ये स्पष्ट हो चुका है कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के विकास में हमारा दैनिक खान-पान खास महत्वपूर्ण है। बीमारी के दौरान अच्छे खान-पान से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि हम हमेशा पोषण युक्त खाद्य पदार्थ को अपने जीवन में शामिल करें। जो हमें किसी भी रोग से लड़ने के लिये जरूरी शक्ति प्रदान करता है। तो स्वच्छता संबंधी हमारी आदतें हमें अनगिनत बीमारियों से दूर रखता है।

 

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