क्या जहर का प्रयोग रेव पार्टियों में होता था?

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होंठ-जीभ पर कटवाने पर 6-7 दिन असर रहता है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिग बॉस ओटीटी 2 विनर और मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव को रविवार पार्टी में ड्रग्स (सांप के जहर) का इस्तेमाल करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पूछताछ के दौरान एल्विश ने अपना अपराध कबूल करते हुए रहा है कि उन्होंने अपनी रेव पार्टियों में सांप के जहर का इस्तेमाल किया है।

अब मशहूर यूट्यूबर पर वन्यजीव अधिनियम (Wildlife Act) मामले के साथ ही नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। एल्विश के खिलाफ लगाए गए कड़े कानून की ‘धारा 29’ नशीली दवाओं से जुड़ी साजिशों जैसे खरीद-फरोख्त से संबंधित है।

क्या है सांप के जहर का नशा?

सांप के जहर की लत का मतलब है, पार्टियों में ऐसे सांपों का जानबूझकर इस्तेमाल करना, जिनसे नशा होता है। अधिकतर रेव पार्टियों में ऐसे सांप देखने को मिल जाते हैं। इस तरह के जहर से कई तरह की स्वास्थ्य परेशानियां होने की संभावना रहती है। इन सांपों के जहर का इस्तेमाल कई तरह की विषायुक्त पदार्थ बनाने के लिए किया जाता है। कहीं से सांप का जहर लेना, अपने पास रखना या मनोरंजन के लिए इसका इस्तेमाल करना भारत समेत कई देशों में गैर-कानूनी है। ऐसा इसिलए है, क्योंकि इससे मौत होने की संभावना रहती है।

क्या सांप के जहर की लत लग सकती है?

सांप के जहर की लत को लेकर ज्यादा रिसर्च नहीं किया गया है। हालांकि, कहा जाता है कि इसका प्रभाव काफी गंभीर हो सकती है। इसके लकवा, रक्तस्राव और ऑर्गन फेल्यर जैसे दुष्प्रभाव होते हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सांप का जहर कोई लत नहीं है, लेकिन इसके बहुत ही गंभीर और नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। कुछ सांपों के जहर में न्यूरोटॉक्सिन प्रकृति होती है, जो एनाल्जेसिया यानी किसी दर्द के एहसास को खत्म करने के लिए लिया होता है। एनाल्जेसिया ओपिओइड जैसे नशीले पदार्थों का ज्यादा गंभीर प्रभाव नहीं होता है और न ही इसको जानलेवा माना जाता है। यही कारण है कि इस पदार्थ को डॉक्टरों द्वारा दिया जाता है।

एल्विश ने क्या किया?

यूपी पुलिस ने पिछले साल नवंबर में सांप तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें सांप के जहर का सप्लाई करने के आरोप में चार सपेरों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में फोरेंसिक जांच में जब्त किए गए सैंपल में कोबरा और करैत प्रजाति के जहर के इस्तेमाल का खुलासा हुआ।

पुलिस की कार्रवाई मेनका गांधी के एनजीओ पीपल फॉर एनिमल्स की शिकायत के बाद हुई। दरअसल, एनजीओ के एक सदस्य ने स्टिंग ऑपरेशन किया और सांप के जहर के लिए एल्विश से संपर्क किया था। हालांकि, उस समय एल्विश ने सभी आरोपों का खंडन किया था, लेकिन चल रही जांच के दौरान पुलिस को एल्विश का दो सांपों के साथ एक वीडियो मिला, जिसके बाद मामले में तेजी आ गई। आखिर में एल्विश को मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया, जहां उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है और कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

सांप के जहर से नशा!
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिक आधार पर सांप के जहर से शराब जैसा नशा नहीं होता। हालांकि, नर्वस सिस्टम पर असर के चलते ऐसे कई लक्षण शरीर पर देखें जा सकते हैं, जिन्हें नशा माना जाता है। ये स्थिति जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन्स से बन सकती है, जो न्यूरोट्रांसमिशन पर असर डाल सकता है। कहा जाता है कि इसका असर 6-7 दिनों तक रह सकता है।

कैसे लिया जाता है जहर?
कहा जाता है कि जहर से नशा करने वाले पहले सांप को कैमिकल का इंजेक्शन लगाते हैं। इसके बाद वह जानबूझकर सांप से खुद को होंठ या जीभ पर कटवाते हैं। अब जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन्स नर्वस सिस्टम पर असर डालता है और नर्व सिग्नल के ट्रांसमिशन को प्रभावित करता है। इसके चलते मांसपेशियों में कमजोरी और कई मानसिक और शारीरिक असर होते हैं।

किन सांपों का होता है इस्तेमाल
रिपोर्ट में 2014 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की तरफ से जारी पेपर के अनुसार, नशे के आदि नाजा नाजा (कोबरा), बंगारुस सेरुलियस (आम करैत) और ओफियोड्रिस वर्नालिस का इस्तेमाल करते हैं। इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी में साल 2021 में प्रकाशित एक स्टडी से पता चलता है कि सर्पदंश के 60 फीसदी मामले ड्राय होते हैं।

कैसे होता है नशा
एक स्टडी में बताया गया है कि जब सांप का जहर रक्तप्रवाह से साथ मिलता है, तो यह सेरोटोनिन, ब्रेडिकिनिन समेत कई अन्य रसायन छोड़ता है। इनमें से कई रसायनों का असर नशा करने वाले के दिमाग पर हो सकता है। इसके बाद नींद आना या मानसिक रूप से शांत महसूस होता है।

 

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