ऐसे क्या कारण होते हैं जिस वजह से महिलाएं तलाक़ लेने को मजबूर हो जाती है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि जब एक रिश्ते को आगे बढा़ने के बारे में आप सोचते हैं, तो दोनों पार्टनर्स को बराबरी से अपने कदम बढ़ाने होते हैं। हालांकि कई बार एक शादीशुदा रिश्ते में पुरुष ये सोचते हैं कि सारी जिम्मेदारी उठाना एक पत्नी का काम होता है। इसके अलावा वे अपनी वाइफ को कभी भी कैसे भी ट्रीट कर सकते हैं। लेकिन इन कारणों से रिश्ता कब टूटने की कगार पर पहुंच जाता है उन्हें आभास तक नहीं होता।

ऐसे कई कारण हो सकते हैं, जब एक महिला भी यह फैसला लेने पर मजबूर हो जाती है कि उसे अपने पति से तलाक लेना है। किसी भी पत्नी के लिए डिवोर्स का फैसला लेना आसान नहीं होता, लेकिन ऐसे कुछ कारण जो उन्हें इस तरह का निर्णय लेने को विवश कर देते हैं। आइए जानते हैं उन मुख्य कारणों को, जिस वजह से हो सकता है। (फोटोज साभार – इंडिया टाइम्स)

​रिश्ते में बेवफाई मिलना

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि कोई भी रिश्ता कितना भी स्ट्रॉन्ग क्यों न हो, लेकिन उसमें धोखा आ जाए तो उस रिलेशनशिप का कोई वजूद नहीं रह जाता है। एक्ट्रा मैरिटल अफेयर रिश्तों के टूटने का एक ठोस कारण है। शादी के बाद भी पुरुषों में अधिकतर दूसरी महिलाओं के तरफ आकर्षित होने की संभावना ज्यादा देखने को मिलती है। जिस कारण उनका वर्तमान रिश्ता पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर पहुंच जाता है। कोई भी पत्नी बेवफाई नहीं बर्दाश्त कर सकती है और इसी वजह से वह तलाक लेने पर मजबूर हो जाती है।

​सेल्फ रिस्पेक्ट जब होती है तार-तार

एक रिश्ते में महिला और पुरुष दोनों बराबरी के हकदार होते हैं, लेकिन समाज की दकियानूसी सोच आज भी इससे सहमत नहीं होती। जहां एक पति अपनी पत्नी को खुद से कमत्तर समझता है और ऐसे में उसे नीचा दिखाने का एक भी मौका नहीं छोड़ता। ऐसे में एक शादीशुदा रिश्ते में जब लगातार पत्नी अपने आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचता हुआ देखती है, तो वह बुरी तरह से टूट जाती है। लाख कोशिशों के बाद भी जब परिस्थिति नहीं सुधरती तो एक समय ऐसा भी आता है, जब वह डिवोर्स लेने का फैसला लेने पर मजबूर हो जाती है।

​सपनों पर लग जाए जब ताला

आज के वक्त में ज्यादातर महिलाएं वर्किंग होती हैं, ऐसे में शादी के बाद भी वे अपने करियर को जारी रखना चाहती हैं। ऐसा नहीं है कि शादी के बाद विमन्स चीजों की मैनेज करने की कोशिश नहीं करती, काम के साथ वे घर को भी संभालने का हुनर सीख ही जाती हैं। लेकिन जब ससुरालवाले या पति उसके सपनों पर रोक लगाने लगता है, तब उसे पत्नियां चुनौती देती हैं। आधुनिक युग में महिलाएं अपने करियर से समझौता नहीं करना चाहती, जो एक सही कदम भी है। विमन का इंडिपेंडेंट होना कोई गलत बात नहीं है और अगर आपकी पत्नी काम करती है तो आपको गर्व होना चाहिए। मगर उसके सपनों को उससे छीनना तलाक जैसे फैसले पर विचार करने को मजबूर कर देता है।

​मानसिक शोषण करना

इस बात में कोई शक नहीं है कि शादी के बाद एक महिला की कई जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं, हालांकि उसके ऊपर इसका बोझ डाल देना गलत है। पत्नी पर घर के काम का प्रेशर उसे मानसिक रूप से तनाव से ग्रसित कर सकता है। आपको अपनी पत्नी के साथ काम में बराबर से हाथ बंटाना चाहिए, जिससे उनका बोझ कम हो सके। लेकिन जो पुरुष घर का काम करने को छोटा समझते हैं, वे लगातार पत्नी को मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे होते हैं। जिसका एक परिणाम तलाक के रूप में सामने आता है।

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