वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में B20 की क्या भूमिका है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत के प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में G20 संस्कृति मंत्री स्तरीय बैठक का समापन किया, जिसमें सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा, प्रत्यावर्तन पर प्रकाश डालने और संपत्तियों पर खतरों को संबोधित करने पर सहमति बनी।

  • इसके अलावा प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में बिज़नेस 20 (B20) इंडिया 2023 शिखर सम्मेलन को भी संबोधित किया।

G20 संस्कृति सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:

  • सांस्कृतिक विरासत पर संकट:
    • “काशी कल्चर पाथवे” दस्तावेज़ ने सांस्कृतिक विरासत के लिये विभिन्न खतरों की पहचान की, जिसमें लूटपाट, सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी, सांस्कृतिक स्थलों का विनाश, अवशेषों का अपमान आदि शामिल हैं।
  • सांस्कृतिक खतरों का प्रभाव:
    • इन खतरों से सांस्कृतिक संपत्तियों की अपरिवर्तनीय हानि हो सकती है, सामाजिक-सांस्कृतिक प्रथाओं में बाधा आ सकती है और लोगों तथा समुदायों के सांस्कृतिक, मानवीय, आर्थिक एवं सामाजिक अधिकारों पर प्रभाव पड़ सकता है।
  • अवैध ऑनलाइन व्यापार पर चिंता:
    • G20 देशों के संस्कृति मंत्रियों ने सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी को सक्षम करने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के उदय के बारे में चिंता व्यक्त की और इस मुद्दे के समाधान के लिये नियमों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
  • सांस्कृतिक संपत्ति और संगठित अपराध के बीच संबंध:
    • मंत्रियों ने सांस्कृतिक संपत्ति के विनाश और तस्करी तथा विशेष रूप से युद्ध की स्थितियों में धनशोधन, भ्रष्टाचार, कर चोरी एवं आतंकवाद के वित्तपोषण जैसे संगठित अपराधों के बीच संबंध पर प्रकाश डाला।
  • सांस्कृतिक विनाश के विरुद्ध एकता:
    • सभी प्रतिभागी राष्ट्रों ने विशेष रूप से युद्ध परिदृश्यों में सांस्कृतिक विरासत के जान-बूझकर या संपार्श्विक विनाश के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित की, जो शांति और सतत् विकास में बाधा डालते हैं।
  • विकास के लिये जीवंत विरासत के प्रति प्रतिबद्धता:
    • G20 देशों ने सतत् विकास के लिये जीवंत विरासत (पूर्वजों से विरासत में मिली और हमारे वंशजों को हस्तांतरित) का दोहन करने के लिये संस्थागत और नीतिगत ढाँचे को मज़बूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
  • प्रधानमंत्री का संग्रहालय:
    • भारत के प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में “प्रधानमंत्री संग्रहालय” पर प्रकाश डाला, जो भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करता है और “युग-युगीन भारत” राष्ट्रीय संग्रहालय के विकास पर ज़ोर दिया, जो भारत के 5,000 साल से अधिक के इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा। 

बिज़नेस 20 (B20):

  • परिचय:
    • B20 वैश्विक व्यापार समुदाय को शामिल करने वाला आधिकारिक G20 संवाद मंच है।
    • B20, वैश्विक आर्थिक एवं व्यापार नियंत्रण पर वैश्विक व्यापार नेताओं के दृष्टिकोण को संगठित करने में अग्रणी भूमिका निभाता है।
      • यह संपूर्ण G20 व्यापारिक समुदाय की एकीकृत आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है।
    • प्रत्येक वर्ष G20 प्रेसीडेंसी द्वारा एक B20 अध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है जिसे B20 शेरपा (प्रतिनिधि) और सचिवालय द्वारा समर्थन प्रदान किया जाता है।
    • B20 का लक्ष्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये आवर्ती राष्ट्रपति पद की प्राथमिकताओं के अनुरूप कार्रवाई योग्य नीति हेतु सिफारिशें प्रदान करना है।
    • B20 सर्वसम्मति-आधारित नीति अनुशंसाओं के लिये ज़िम्मेदार टास्क फोर्स (TFs) और एक्शन काउंसिल (ACs) के माध्यम से संचालित होता है।
    • ये सिफारिशें G20 एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लिये निर्देशित होती हैं।
  • B20 इंडिया 2023 की थीम:
    • B20 इंडिया की थीम ‘R.A.I.S.E’ है यानी ज़िम्मेदार (Responsible), त्वरित (Accelerated), नवोन्मेषी (Innovative),टिकाऊ (Sustainable),न्यायसंगत व्यवसाय(Equitable Businesses)।
      • इसका उद्देश्य समावेशी वैश्विक मूल्य शृंखला (GVCs), ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन, वित्तीय समावेशन तथा आगामी रोज़गार जैसे क्षेत्रों में वैश्विक भागीदारों के साथ सहयोग करना है।
  • B20 इंडिया के सदस्य:
    • इसके सदस्यों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस और मैक्सिको हैं।
  • B20 इंडिया शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:
    • राष्ट्रों को बाज़ार के रूप में देखने के प्रति सावधानी:
      • भारत के प्रधानमंत्री ने वैश्विक व्यवसायों में शामिल देशों को मात्र बाज़ार मानने के संबंध में आगाह किया।
      • लाभदायक बाज़ार की स्थिति बनाए रखने के लिये उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों को संतुलित करने के महत्त्व पर बल दिया।
    • वैश्विक आपूर्ति शृंखला व्यवधान और भारत का समाधान:
      • इसमें कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में अपरिवर्तनीय व्यवधानों की ओर इशारा किया गया।
      • संकट के समय ऐसी आपूर्ति शृंखलाओं की दक्षता पर सवाल उठाया।
      • वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में व्यवधानों को संबोधित करने हेतु भारत को एक भरोसेमंद समाधान के रूप में प्रस्तुत किया गया।
        • भारत की तकनीकी क्षमता पर प्रकाश डाला गया जिससे आपूर्ति शृंखलाओं को प्रबंधित और अनुकूलित करने के लिये नवीन समाधान तथा डिजिटल उपकरण अपनाने की क्षमता का संकेत मिलता है।
    • व्यावसायिक दृष्टिकोण पर पुनर्विचार:
      • पारंपरिक “ब्रांड और बिक्री” दृष्टिकोण को पुनः शुरू करने का समर्थन किया गया।
        • लोगों की क्रय-शक्ति में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया।
      • पाँच वर्षों में 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने एवं एक नया उपभोक्ता आधार तैयार करने में भारत की सफलता पर प्रकाश डाला गया।
    • अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता सेवा दिवस:
      • उत्पादकों एवं खरीदारों के मध्य विश्वास बढ़ाने के लिये एक वार्षिक “अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता सेवा दिवस” ​​का सुझाव दिया गया।
        • वैश्विक स्तर पर प्रस्तावित व्यवसायों को उपभोक्ताओं की भलाई और बाज़ार की अखंडता के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करने हेतु एकजुट होने पर बल दिया गया।
    • क्रिप्टोकरेंसी और AI नैतिक विचार:
      • क्रिप्टोकरेंसी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा उत्पन्न उभरती चुनौतियों का समाधान किया गया।
        • सभी हितधारकों की चिंताओं को दूर करने के लिये एक एकीकृत वैश्विक ढाँचे की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
      • एल्गोरिदम पूर्वाग्रह और सामाजिक प्रभाव सहित AI से जुड़े नैतिक विचारों पर चर्चा की गई।
      • नैतिक रूप से AI का विस्तार सुनिश्चित करने के लिये वैश्विक व्यापार समुदायों और सरकारों के बीच सहयोग का समर्थन किया गया।
    • चुनौतियाँ और अवसर:
      • व्यवसायों और समाज से ग्रह (Planet) पर निर्णयों के प्रभाव का विश्लेषण करने का आग्रह किया।
      • इस बात पर बल दिया गया कि जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संकट, खाद्य आपूर्ति शृंखला असंतुलन और साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों का जवाब व्यापार एवं मानवता के भविष्य को आकार देगा।
    • B20 टास्क फोर्स की सिफारिशें:
      • टास्क फोर्स ने चार प्रमुख सिफारिशें की हैं:
        • वैश्विक सतत् विकास लक्ष्य (SDG) त्वरण।
        • ‘वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं’ के वित्तपोषण के लिये फंड (जलवायु, ऊर्जा, जैव विविधता और महासागर प्रदूषण में भौगोलिक रूप से परिवर्तनीय SDG परियोजनाओं पर प्रारंभिक बल के साथ)।
        • SDG वित्तपोषण के लिये घरेलू वित्तीय क्षेत्रों का क्षमता निर्माण।
        • समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिये वित्त तक MSME की पहुँच में सुधार और पूंजी की लागत को कम करना।
        • स्वास्थ्य देखभाल, ऊर्जा और डिजिटल बुनियादी ढाँचे पर अधिक ध्यान केंद्रित करना।
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