जब भगवान विष्णु ने शिव को अर्पित कर दिए अपने नेत्र, इसके बाद की कथा है दिलचस्प

जब भगवान विष्णु ने शिव को अर्पित कर दिए अपने नेत्र, इसके बाद की कथा है दिलचस्प

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

धार्मिक ग्रथों में भगवान विष्णु के कई नाम के उल्लेख हैं. श्री हरि के इन्हीं नामों में से एक है कमल नयन. भगवान विष्णु का नाम कमल नयन क्यों पड़ा, इसके बारे में पौराणिक कथाओं में वर्णन किया गया है. लेकिन भगवान विष्णु के इस नाम के पीछे की कथा बहुत रोचक और हैरान करने वाली है. जानते हैं इस बारे में.

असुरों से परेशान थे देवता गण

पौराणिक कथाओं के अनुसार, असुरों के अत्याचार से परेशान होकर देवताओं ने भगवान विष्णु से इसके निदान की प्रार्थना की. जिसके बाद भगवान विष्णु ने शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या आरंभ कर दी. उन्होंने मंत्रोच्चारण के साथ शिवलिंग पर कमल का पुष्प चढ़ाना शुरू कर दिया. कहते हैं कि भगवान विष्णु ने शिव को 1000 कमल का पुष्प चढ़ाने का संकल्प लिया था.

विष्णु की परीक्षा लेने के लिए शिव ने रखा था फूल

जब श्री हरि 999 कमल के पुष्प अर्पण किए तो उन्हें लगा कि एक हजार में से एक पुष्प गायब है. भगवान विष्णु के काफी खोजने के बाद भी वह पुष्प नहीं मिला. जब भगवान विष्णु को वह पुष्प नहीं मिला तो उन्होंने अपने नेत्र शिव को अर्पित कर दिए. यही कारण है कि भगवान विष्णु का नाम कमल नयन पड़ा. कहते हैं कि शिव ने ऐसा भगवान विष्णु की परीक्षा लेने के लिए किया. कहते हैं कि इसके बाद ही शिव ने भगवान विष्णु को तीनों लोगों के पालन की जिम्मेदारी सौंपी. साथ ही शिव ने भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र प्रदान किया. जिसके बाद विष्णुजी ने सुदर्शन चक्र से असुरों का संहार कर देवताओं को सुख प्रदान किया.

यह भी पढ़े

खुशखबरी! अब राशन कार्ड नहीं होने पर भी मुफ्त में मिलेगा अनाज, फटाफट जानें प्रक्रिया

पचरुखी के संविदाकर्मी काला पटी लगाकर जताया विरोध

  पत्नी को पराए मर्दों से शारीरिक संबंध बनाने की लग गई है लत : पति ने सुनाई आपबीती

पहली बार संबंध बनाने के बाद दर्द से तड़पती रही मॉडल, वजह जान रह जाएंगे हैरान

बस कंडक्टर की बेटी ने UPSC Exam की तैयारी, पहले प्रयास में ही बनी IPS अफसर

Leave a Reply

error: Content is protected !!