भगवान चित्रगुप्‍त कथा : अवतरण दिवस पर विशेष

भगवान चित्रगुप्‍त कथा : अवतरण दिवस पर विशेष

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

पारब्रम्ह ब्रम्हा जी द्वारा अपने शरीर के भिन्न भिन्न अंगों से ऋषियों और देवतावों को उत्‍पन्न करने के उपरांत मानव और दानव पैदा करने और सृष्टि के संचालन की जिम्मेदारी ऋषियों और देवो को सौप दिया । सृष्टि के संचालन में जीवन – मरण निश्चित करने कर्म और धर्म को महत्वपूर्ण आधार बनाने के तरीके को अपनाते हुए प्रथम युग सत्ययुग प्रारम्भ हुआ ।

उस समय न्याय करने का अधिकार किसको दिया जाये इस पर सभी देवों ने आपसी सहमति से यह निर्णय लिया कि जो देवपुत्र इन सबमें सर्वाधिक बुद्धिमान हो उसको यह दायित्व दिया जाए । इस पर देवगुरू बृहस्पति ने सभी देवपुत्रों के बीच एक प्रतियोगिता कराई , उस प्रतियोगिता में विजयी सूर्य देव के पुत्र यम को धर्मराज की उपाधि दी गई ।

उसी के बाद देवगुरू बृहस्पति द्वारा सूर्य देव के पुत्र धर्मराज यम (यमराज) को यह जिम्मेदारी दिया गया । लेकिन यमराज ने अकेले इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभा पाने में असमर्थता दर्शाई । तब देव गुरु बृहस्पति के मार्गदर्शन पर यमराज ने ब्रम्हा जी को अपनी व्यथा सुनाई ।

यमराज की व्यथा सुन ब्रम्हा जी को जब कोई विचार समझ नहीं आया फिर त्रिदेव ने आपसी मन्त्रणा की जिसके परिणाम स्वरूप ब्रम्हा जी को अपनी सृजन कर्ता आदि शक्ति को प्रसन्न करने हैतु आज की ज्योतिष गड़ना के अनुसार 11 हजार वर्ष तपस्या करनी पड़ी ।

ब्रम्हा जी की तपस्या से प्रसन्न होकर आदि शक्ति ने ब्रम्हा, विष्णु , महेश की ही तरह भगवान चित्रगुत्त का सृजन किया । यह सृजन युग के आरम्भ होते समय हुआ जिस कारण इसे प्रकट होना कहते हैं ।

आलेख
पंडित अंश आचार्य
( शोध छात्र हिंदूं संस्कृति )

यह भी पढ़े

पौधारोपण कर मनाया बच्चों ने विश्व पृथ्वी दिवस 

‘कल्कि 2898 एडी’ से अमिताभ बच्चन के नए पोस्टर का अनावरण होते ही फैन्स में बढ़ा उत्साह

मशरक की खबरें : अरना मुसहर टोली गांव में अग्नि पीड़ितों को दी सहायता

 सिधवलिया की खबरें : आग लगने से लालू प्रसाद का आवासीय झोपड़ीनुमा घर जलकर राख

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का खुला खाता, र्निविरोध जीते मुकेश दलाल 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मियों के बदौलत दिघवारा सीएचसी के बढ़ते कदम

क्या दहक रही है हमारी धरती?

Leave a Reply

error: Content is protected !!