जब पूरी दुनिया दहल गई थी…कैसे?
9/11 आतंकी हमले को आज हुए 21 साल
सबसे बड़ा आतंकी हमला था जिसे अलकायदा ने अंजाम दिया था।
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आज 11 सितंबर है. आज से ठीक 21 वर्ष पहले अमेरिका में न्यूयार्क स्थित ट्विन टावर को आतंकवादियों ने विमान से टकरा कर ध्वस्त कर दिया था। कुछ ही घण्टों मे 110 मंजिल इमारत गिर गई इस हमले में तकरीबन 3000 से ज्यादा लोग मारे गए। इसके मुख्य साजिशकर्ता ओसामा बिन लादेन को अंततः अमेरिका की आर्मी ने पाकिस्तान से ढूंढ कर मार गिराया गया ।
आज से 21 वर्ष पूर्व मैं दिल्ली के जिया सराय में रहता था, उन दिनों यूपीएससी की तैयारी में मशगूल था। मुझे आज तक याद है कि उस दिन मैं मंगलवार का व्रत था। शाम में पराठा व गुड़ खाने के बाद जब मै बाहर तकरीबन रात 9:00 बजे टहलने को निकले अभी आप जाएंगे तो देखा की सभी लड़के टीवी से चिपके खड़े है।जिया सराय दक्षिण दिल्ली में एक छोटा सा मोहल्ला है और यह दिल्ली आईआईटी के ठीक उत्तर दिशा में सडक किनारे स्थित है।यह क्षेत्र हौज खास इलाके में पड़ता है इसकी एक तरफ बेर सराय है जेएनयू है।
बहरहाल मैनें टीवी पर देखा कि एक विमान बहुमंजिला इमारत से टकरा रही है और वह इस दृश्य को बार बार रिपीट किया जा रहा है। टीवी के सामने सड़कों की भीड़ लगी है, मैं भी उस भीड़ में जाकर खड़ा हो गया। पता चला और देखा कि अभी अमेरिका में सुबह के 9:30 बज रहे हैं और आतंकवादियों ने विमान को हाईजैक करते हुए बहु मंजिली इमारत से टकरा दिया है।
मुझे भी समझने में देर न लगी और मैंने कहा पहले कुत्ता आदमी को काटता था आज आदमी ने कुत्ता को काट लिया है। मेरे दोस्त हंसने लगे ऐसा क्यों बोलते हैं पाण्डेय जी, मैं बोला भारत वर्षों से अमेरिका के सामने चिल्ला रहा है कह रहा है कि आतंकवाद की पीड़ा से मैं जूझ रहा हूं आप इस पर ध्यान दीजिए लेकिन अमेरिका कुछ नहीं कर रहा है।आज अमेरिका को समझ में आएगा कि भारत क्या कह रहा था ।
दरअसल क्या हुआ था उस दिन
11 सितंबर 2001 की सुबह अल-कायदा के आतंकियों ने चार विमान हाईजैक कर लिया था। इनका मकसद विमान को अलग-अलग ऐतिहासिक स्थलों पर क्रैश कराने का था। सबसे पहला प्लेन क्रैश अमेरिकन एयरलाइन फ्लाइट 11 का हुआ, जो न्यूयॉर्क शहर में सुबह 8.46 बजे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकराया था। ठीक इसके 17 मिनट बाद यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 175 दक्षिणी टावर से टकराई। वहीं करीब 9.37 बजे अमेरिकन एयरलाइंस फ्लाइट 77 वॉशिंगटन स्थित अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराई और चौथी हाईजैक फ्लाइट 93 का लक्ष्य व्हाइट हाउस या यूएस कैपिटल बिल्डिंग को निशाना बनाना था लेकिन यात्रियों से लड़ाई के कारण आतंकियों के हाथ से विमान का नियंत्रण छूट गया और यह पेन्सिलवेनिया के शैंक्सविल में मैदानी इलाके में जा गिरा।
आपको याद दिलाते चले जब 25 दिसंबर 1999 को कंधार विमान अपहरण हुआ था तो उसमें से तीन आतंकवादियों को विमान के यात्रियों के बदले छोड़ा गया था, उसमें से एक खूंखार आतंकवादी ने इस साजिश में मुख्य सहयोगी रहा।इससे पहले अमेरिका पिछले 5 वर्षों से विभिन्न प्रतिष्ठानों, विदेश में दूतावासों पर हमला होता रहा। लेकिन इस घोर आपदा में भारत ने धर्य दिखाया और अमेरिका का साथ दिया।
अमेरिका ने आतंकवाद से संबंधित जितने दस्तावेज मांगे भारत ने दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा कि अब दुनिया में दो ही तरह के लोग हैं एक वो जो आतंकवाद के साथ हैं दूसरे वह जो आतंकवाद के विरुद्ध हैं, अब देशों को यह निर्णय लेना होगा कि वह किसके साथ हैं। लेकिन स्थिति बदली और यह माना जाता है कि भारत में आतंकवाद पर गहरी चोट के लिए या घटना मुफीद साबित हुई। भारत व अमेरिका आतंकवाद के मुद्दे पर कहीं ज्यादा निकट हो पाये, उसे इजरायल से मदद मिली, कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम लगाने में।
लेकिन आज का दिन 9/11 के रूप में जाना जाता है और विश्व में आतंकवाद की सबसे बड़ी घटना के रूप में इसे याद किया जाता है। आइए मिलकर हम सब शपथ लें आतंकवाद के विरुद्ध हम सभी को सजग रहना है|
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