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देवरिया में सीएमओ के दफ्तर में कौन ले जा रहा था शराब? - श्रीनारद मीडिया

देवरिया में सीएमओ के दफ्तर में कौन ले जा रहा था शराब?

देवरिया में सीएमओ के दफ्तर में कौन ले जा रहा था शराब?

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रामपुर में सूदखोरों से आजिज मिठाई व्यापारी ने जहर खाकर दी जान.

आगरा में पिता की अय्याशी से नाराज बेटा-बेटी ने उठाया खौफनाक कदम.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देवरिया में सीएमओ ऑफिस में शराब की बोतल ले जाने का एक वीडियो वायरल हो गया है। इस मामले को डीएम आशुतोष निरंजन ने काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने सीएमओ को फोन कर इसकी जांच कराने और संबंधित व्यक्तियों को चिन्हित करने का निर्देश दिया है।

सीएमओ आफिस में 27 मार्च को दोपहर बाद कर्मियों ने एक दूसरे को अबीर, गुलाल लगाकर बधाई दी। इस दौरान कुछ कर्मी ढोल-झाल पर फाग गीत गाने लगे। वायरल वीडियो उसी समय का है। इसमें एक व्यक्ति शराब की बोतल लेकर सीढ़ी पर चढ़ता दिखता है। किसी ने इसका वीडियो बना कर वायरल कर दिया। मामले की जानकारी होने पर डीएम ने सीएमओ को जांच का निर्देश दिया है। सीएमओ डॉ आलोक पाण्डेय ने बताया कि  जांच के लिए एसीएमओ डॉ एसके चौधरी, डॉ सतीश कुमार सिंह व जिला प्रशासनिक अधिकारी श्रवण कुमार शुक्ला की तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है।

जांच टीम में शामिल अधिकारी मंगलवार को अवकाश के बाद भी सीएमओ आफिस पहुंचे और कुछ कर्मचारियों को बुलाकर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच की। सीसीटीवी में 27 मार्च को शाम करीब 4 बजे एक व्यक्ति शराब के एक खास ब्राण्ड की बोतल लेकर सीढ़ी पर जाते दिखाई दिया। सीसीटीवी में वह कुछ देर बाद सीढ़ी से उतरने के बाद नीचे हाल में देर तक इधर-उधर टहलता भी दिख रहा है। हालांकि टीम के कई बार जांच और आफिस के कर्मचारियों से पूछताछ के बाद भी उस व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकी। आफिस के कर्मियों के अनुसार सीसीटीवी में दिख रहा व्यक्ति बाहरी लग रहा है।

आफिस को बदनाम करने को किसी ने षडयंत्र कर यह वीडियो बनाया है। सीसीटीवी में जो व्यक्ति दिखाई दे रहा है वह सीएमओ आफिस का नही हैं। उसका सीढ़ी पर बोतल लेकर जाते और फिर खाली हाथ उतरते व कुछ देर बरामदे में मंड़राने की तस्वीर सीसीटीवी में कैद है।

इसकी जांच को तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है। रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित व्यक्ति व इस षडयंत्र में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
डॉ आलोक पाण्डेय, सीएमओ

सूदखोरों के तगादों से परेशान मिठाई व्यापारी ने जहरीला पदार्थ खाकर मौत को गले लगा लिया। परिजनों ने कोतवाली पहुंच कर सूदखोरों पर आत्महत्या के उकसाने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। 

नगर के मोहल्ला असदुल्लापुर निवासी रोहित गुप्ता की हाईवे स्थित स्टेटबैंक के समीप मिठाई की दुकान है। वह मंगलवार की सुबह घर से दुकान पहुंचे जहां उन्होंने जहरीला पदार्थ खा लिया। जब नौकर दुकान पर पहुंचे तो उन्होंने देखा रोहित जमीन पर पड़े थे। रोहित की हालत देखकर नौकरों ने परिजनों को सूचना दी।

मौके पर पहुंचे परिजन मिठाई विक्रेता को लेकर निजी चिकित्सक के पास और फिर सरकारी अस्पताल पहुंचे, लेकिन राहत न मिलने पर परिजन उन्हें बरेली लेकर गए जहां डॉक्टरो ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन मृतक को घर ले आये। रोहित के मरने की सूचना मिलते ही सूदखोर उनके घर पहुंच गए और पैसों की मांग करने लगे। इस पर परिजन भड़क गए। परिजन इकट्ठा होकर कोतवाली पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने मौका मुआयना कर घर जाकर शव को कब्ज़े में लिया।

पुलिस को मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला। इसमें पांच सूदखोरों के नाम का खुलासा हुआ। इसमें मृतक ने लिखा था कि 10 से 15 परसेंट का ब्याज देते-देते वह परेशान हो गया था। मृतक की पत्नी आंचल गुप्ता ने पांच लोगों पर ब्याज के पैसे मांगते हुए धमकाने, पैसे न मिलने पर पूरे परिवार को जान से मारने, एससी एक्ट के मुकदमे में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। कोतवाल अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मिठाई व्यापारी ने आत्महत्या कर ली थी। मृतक रोहित गुप्ता की पत्नी की तहरीर पर सुरेश कुमार वाल्मीकि निवासी ग्राम ताजपुर, अरुण कुमार शर्मा उर्फ गुड्डा निवासी असदुल्लापुर रामू गोस्वामी निवासी मोहल्ला असदुल्लापुर, अजय कुमार निवासी ग्राम नवदिया थाना मिलक के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है।

आत्महत्या पर व्यापरियों में रोष
मिलक। मिठाई व्यापारी रोहित गुप्ता के कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने से व्यापरियों में सूदखोरों के खिलाफ रोष व्याप्त है। व्यापरियों ने अधाधुंध ब्याज पर पैसे उठाने पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। व्यापरियों का कहना है कि यह लोग मध्यम वर्ग के लोगों को पहले पैसा देते हैं फिर उनसे चक्रवृद्धि ब्याज वसूल करते हैं जो गैरकानूनी है। ये सूदखोर मजबूरी में फंसकर ब्याज पर पैसा लेने वाले गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को आए दिन परेशान किया जाता है।

आगरा में चित्राहट के गांव नाहिका पुरा में पूर्व प्रधान पुत्र सुनील की हत्या किसी रंजिश में नहीं हुई थी। बल्कि सगे बेटा-बेटी ने ही पिता की हत्या का तानाबाना बुना था। वे नहीं चाहते थे कि पिता अय्याशी के लिए जमीन बेचे। उन्होंने इसका विरोध किया था। जब बात नहीं बनी तो बेटी ने अपने आशिक से पिता को मारने के लिए कहा। आशिक ने दोस्त की मदद से सुनील को मार डाला। हत्या का नामजद मुकदमा लिखाया गया। ताकि पुलिस ज्यादा जांच नहीं करे। मंगलवार को पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा किया। बेटा-बेटी समेत चार आरोपियों को जेल भेजा गया है। 

गांव नाहिका पुरा निवासी पूर्व प्रधान पुत्र सुनील की 26 मार्च को सिर में डंडे से प्रहार करके हत्या की गई थी। बेटे अनुज ने गांव के अनवर के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस को बताया कि अनवर से कुछ दिन पूर्व उसका झगड़ा भी हुआ था। पुलिस ने अनवर को पकड़ा। उससे हर तरह से पूछताछ की गई। अनवर ने कहा कि फांसी पर चढ़ा दो झूठ नहीं बोल रहा है। पुलिस ने मामले की बारीकी से छानबीन शुरू की। पता चला कि सुनील अय्याश था। वह महिला को अपने जाल में फंसाने के लिए पैसा बर्बाद किया करता था। इस कारण उसके घर में भी क्लेश होती थी।

हाल ही में उसने अपनी छह बीघा जमीन का भी सौदा किया था। इस बात पर बेटे अनुज और बेटी अल्पना का पिता से झगड़ा हुआ था। पुलिस ने बेटा-बेटी को शक के घेरे में लिया। उनके बारे में छानबीन की तो पता चला कि अल्पना की दोस्ती चित्राहट के सूरजनगर निवासी संजेश से है। पुलिस ने घटना की रात संजेश की लोकेशन का पता किया। उसकी लोकेशन घटना स्थल पर ही थी। इसके बाद पुलिस ने अल्पना, अनुज और संजेश को पकड़ लिया। पूछताछ में संजेश ने अपने दोस्त मदन यादव का नाम बताया। पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया।

एसपी क्राइम मायाराम वर्मा ने बताया कि मदन और संजेश दोस्त हैं। अल्पना और उसके भाई अनुज ने पिता की हत्या की योजना बनाई। अल्पना ने अपने दोस्त संजेश से इस घटना को अंजाम देने के लिए कहा। संजेश अकेले यह काम नहीं कर सकता था। उसने अपने दोस्त मदन यादव को साथ लिया। घटना की रात मदन और संजेश आए थे। चारपाई के पाय से सुनील के सिर पर ताबड़तोड़ प्रहार किए थे। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चारपाई का पाया भी बरामद किया है।

सोते समय बोला था हमला
हत्यारोपियों ने पुलिस को बताया कि सुनील को बचाव का मौका तक नहीं दिया। सोते समय ही हमला बोल दिया था। तब तक सिर पर प्रहार किए जब तक यह यकीन नहीं हो गया कि वह मर गया है।

अनवर को मिली नई जिंदगी
इंस्पेक्टर बाह विनोद कुमार, सर्विलांस प्रभारी नरेंद्र कुमार, एसओ चित्राहाट महेंद्र भदौरिया के प्रयास से एक निर्दोष जेल जाने से बच गया। अनवर को हत्या के मुकदमे में नाजमद किया गया था। पुलिस इस मामले में गहराई से छानबीन शुरू नहीं करती तो अनवर का जेल जाना तय था। अनवर का कहना है कि उसे नई जिंदगी मिली है। हत्या जैसे गंभीर अपराध में उसे फंसाया गया था। पुलिस ने वास्तव में सराहनीय काम किया है।

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