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पटना के राजीव नगर में क्यों तोड़े जा रहे 70 घर,क्या है पूरा विवाद?

पटना के राजीव नगर में क्यों तोड़े जा रहे 70 घर,क्या है पूरा विवाद?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में भी अब बुलडोजर चलना शुरू हो गया है. इसकी शुरुआत राजधानी पटना से कर दी गयी है. रविवार की सुबह पटना के राजीव नगर थाना के अंतर्गत नेपाली नगर (दीघा) के इलाके में प्रशासन 70 मकानों को ध्वस्त करने में जुट गयी है. प्रशासन की इस कार्रवाई से मौके पर तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है. आक्रोषित लोग सड़कों पर उतर गये हैं. कुछ लोगों द्वारा प्रशासन की टीम पर पथराव करने की भी खबर आयी है.

पटना की सड़कों पर रविवार की सुबह में कई बुल्डोज़र दिखें. यह सभी बुल्डोज़र राजीव नगर स्थित नेपाली नगर में 70 मकानों को ध्वस्त करने के लिए पहुंचे. प्रशासन की इस कार्रवाई से मौके पर तनाव पूर्ण स्थिति पैदा हो गई है. आक्रोषित लोग सड़कों पर उतर गये. यहां विरोध को देखते हुए करीब चार थानों की पुलिस के साथ आसपास के इलाकों में 2000 हजार पुलिस बाल को तैनात किया गया.

70 मकानों को तोड़ने की कार्रवाई

प्रसाशन के द्वारा यहां अभी तो 70 मकानों को तोड़ने की कार्रवाई हो रही है. लेकिन यह पूरा विवाद 1024 एकड़ जमीन का है. इस विवादित जमीन पर कई लोगों के घर बन चुके हैं. इन मकानों में नेता, मंत्री, जज और आइएएस, आइपीएस के भी कई ठिकाने शामिल हैं. विस्तार से जानें क्या है पूरा विवाद.

1974 से चल रहा विवाद

राजीव नगर का यह जमीन विवाद वर्ष 1974 से ही चल रहा है. 1974 में आवास बोर्ड ने 1024 एकड़ में आवासीय परिसर बनाने का फैसला लिया था. बोर्ड ने यहां की जमीन को अधिग्रहित किया था. परंतु मुआवजा नहीं देने के कारण मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया था. सुप्रीम कोर्ट ने आवास बोर्ड को भेदभाव दूर कर मुआवजा देने का निर्देश दिया था. परंतु इस पर आवास बोर्ड की तरफ से आजतक अमल नहीं किया गया.

1024 एकड़ में 10000 से ज्यादा मकान

आवास बोर्ड के द्वारा मुआवजा नहीं दिए जाने के बाद यहां के किसानों ने जमीन की खरीद बिक्री शुरू कर दी. जिसके बाद से दीघा एवं राजीव नगर का विवाद बढ़ता चला गया. वर्तमान में इस 1024 एकड़ में लगभग 10000 से ज्यादा मकान बन चुके हैं.

बढ़ गई है जमीन की कीमत

जिस वक्त इस जमीन का अधिग्रहण किया गया था इसकी कीमत 2000 रुपये प्रति कट्ठा थी. परंतु वर्तमान में यहां की जमीन को 90 लाख रुपये कट्ठा के आसपास बेचा जा रहा है. दीघा के पूर्व मुखिया और किसान नेता का कहना है की अगर आवास बोर्ड अभी के दाम से किसानों को मुआवजा दे तो कोई परेशानी नहीं होगी. लेकिन आवास बोर्ड बिना मुआवजा दिए जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहती है.

आईएएस की जमीन बनी विवाद का कारण

इस मामले ने उस वक्त तूल पकड़ा जब आवास बोर्ड ने 1024 एकड़ में से एक आईएएस अधिकारी की चार एकड़ जमीन मुक्त कर दी जो की परिसर के बिलुल बीच में पड़ता है. इसी को दीघा के किसान ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. किसानों का कहना था की जिस तरह से आईएएस अधिकारी की जमीन को मुक्त किया गया है. उसी तरह हमारी जमीन को भी मुक्त किया जाए. आवास बोर्ड ने किसानों की यह बात नहीं मानी और फिर विवाद बढ़ता चला गया.

लोगों का विरोध

स्थानीय लोगों का कहना है की उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से राजीव नगर, केसरी नगर, नेपाली नगर में दीघा के किसानों से जमीन खरीदी है. जहां उन्होंने फिर अपना घर बनाया है. प्रसाशन के द्वारा इसे तोड़ना बिल्कुल उचित नहीं है. इसको लेकर फिर से कोर्ट जाने की भी बात कही जा रही है. लेकिन पहले से ही इस मामले में हाई कोर्ट में कई याचिकाएं पड़ी हुई हैं जिसपर अभी तक सुनवाई नहीं हुई है.

सिटी एसपी घायल, डीएम-एसएसपी पहुंचे राजीवनगर थाना

मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है. लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग की है. इसमें दो लोगों के मरने की सूचना है, लेकिन प्रशासनिक पुष्टि नहीं हुई है. इसबीच सिटी एसपी अमरीष राहुल के सिर पर चोट लगने सूचना आ रही है. लोगों से शांति बनाए जाने की अपील की जा रही है. डीएम और एसपी राजीव नगर पहुंच गये हैं. दोनों अधिकारी राजीव नगर थाने में कैंप कर रहे हैं.

अवैध कब्‍जा हटाने पहुंचा प्रशासन

प्रशासन के अनुसार ये सभी घर बिहार राज्‍य हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्‍जा कर बनाये गये हैं. इन घरों को तोड़ने के लिए प्रशासन की टीम रविवार को पौ फटते ही करीब 14 बुलडोजर (जेसीबी) लेकर पहुंची. इलाके में हंगामा रोकने के लिए करीब दो हजार पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है. इस पूरी कार्रवाई का विरोध करने के दौरान करीब सात लोग आग से झुलस गये हैं.

पहले दी जा चुकी है सूचना

प्रशासन ने करीब एक महीने पहले ही इन सभी मकानों को तोड़कर हटाने के लिए संबंध‍ित गृह स्‍वामियों को नोटिस दी थी. इसके बाद प्रभावित लोगों ने आंदोलन शुरू किया था. साथ ही, प्रशासन के पास गुहार लगायी थी. उनका कहना था कि वे मकान के लिए नगर निगम को टैक्‍स देते हैं, इसी मकान पर बिजली कनेक्‍शन और अन्‍य सुव‍िधाएं हासिल करते हैं. फिर उनके मकान को क्‍यों और कैसे तोड़ा जाएगा.

जमकर बवाल, भारी तनाव

राजीव नगर में मकान तोड़ने का विरोध कर रहे लोगों ने जमकर बवाल किया. भीड़ को संभालने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की है. नेपाली नगर में भी पुलिस ने लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा है. मौके पर तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए कई थानों की पुलिस फोर्स मौजूद है. पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाप्ता भी बुलाया गया है. सैकड़ों पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में प्रशासन की टीम बुलडोजर से अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन ले रही है. डीसीएलआर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

 

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