भारत के लिए डिजिटल हाईवे क्यों आवश्यक है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India- NHAI) ने पूरे देश में लगभग 10,000 किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर केबल (OFC) के बुनियादी ढाँचे विकसित करने की घोषणा की है।

  • NHAI की योजना संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों के अनुरूप है जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक सभी के लिये सुरक्षित, सस्ती और सुलभ परिवहन प्रणाली तक पहुँच प्रदान करना है।

ऑप्टिक फाइबर केबल:

  • परिचय:
    • फाइबर-ऑप्टिक केबल ट्यूब की तरह होते हैं जिनमें काँच अथवा प्लास्टिक से बने तार लगे होते हैं। वे विद्युत का उपयोग करने वाले नियमित तारों की तुलना में बहुत तेज़ी से सूचना प्रेषित/संचारित करने के लिये प्रकाश का उपयोग करते हैं।
    • ऑप्टिकल फाइबर संचार प्रणाली में संचरण के लिये धातु के तारों को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि इसमें सिग्नल कम क्षति के साथ यात्रा करते हैं।
      • ऑप्टिकल फाइबर पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection- TIR) के सिद्धांत पर काम करता है।
        • TIR किसी माध्यम के भीतर प्रकाश की किरण का पूर्ण परावर्तन है जैसे जल या काँच की सतहों से प्रकाश की किरण माध्यम में वापस आ जाती है।
    • बड़ी मात्रा में डेटा संचारित करने हेतु प्रकाश किरणों का उपयोग किया जा सकता है (बिना किसी मोड़ के लंबे सीधे तार द्वारा)।
      • मुड़ने की स्थिति में ऑप्टिकल केबलों को इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि वे सभी प्रकाश किरणों को अंदर की ओर परावर्तित करें (TIR का उपयोग करके)।

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  • OFC नेटवर्क का विकास:
    • OFC नेटवर्क को राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन लिमिटेड (National Highways Logistics Management Limited- NHLML) द्वारा विकसित किया जाएगा, जो NHAI का पूर्ण स्वामित्त्व वाला विशेष प्रयोजन वाहन (Special Purpose Vehicle- SPV) है।
    • यह OFC  बुनियादी ढाँचे के निर्माण हेतु राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ एकीकृत उपयोगिता गलियारों का निर्माण करके डिजिटल राजमार्गों का एक नेटवर्क स्थापित करेगा।
    • NHAI ने डिजिटल हाईवे के विकास के लिये दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगभग 1,367 किलोमीटर और हैदराबाद-बंगलूरू कॉरिडोर पर 512 किलोमीटर को पायलट रूट के रूप में चिह्नित किया है। देश भर के दूर-दराज़ के इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने वाला OFC नेटवर्क 5G और 6G जैसी नए जमाने की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के रोलआउट में तेज़ी लाने में मदद करेगा।

डिजिटल हाईवे:

  • डिजिटल हाईवे या सड़कें डिजिटल प्लेटफॉर्म हैं जो साझा सार्वजनिक और निजी सेवाएँ प्रदान करते हैं। वह डिज़ाइन, निर्माण, संचालन एवं उपयोग के संदर्भ में सामरिक सड़क नेटवर्क (SRN) को बेहतर बनाने के लिये डेटा, प्रौद्योगिकी तथा कनेक्टिविटी का उपयोग करते हैं। इसका परिणाम सभी के लिये सुरक्षित यात्रा, तेज़ डिलीवरी और बेहतर अनुभव होगा।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण:

  • परिचय: NHAI की स्थापना NHAI अधिनियम, 1988 के तहत की गई थी।
  • उद्देश्य: इसे राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP) के साथ-साथ विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिये अन्य छोटी परियोजनाओं को सौंपा गया है।
    • राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP) भारत में प्रमुख राजमार्गों को उच्च स्तर पर उन्नत, पुनर्व्यवस्थित और चौड़ा करने की एक परियोजना है। यह परियोजना वर्ष 1998 में शुरू की गई थी।
  • दृष्टिकोण: NHAI का प्रमुख दृष्टिकोण वैश्विक मानकों के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की व्यवस्था एवं अनुरक्षण के लिये राष्ट्र की आवश्यकता तथा भारत सरकार द्वारा निर्धारित महत्त्वपूर्ण नीतिगत ढाँचे के अंतर्गत अत्यंत समयबद्व व लागत प्रभावी तरीके से प्रयोक्तता की आशाओं को पूरा करना और इस तरह लोगों की आर्थिक समृद्धि एवं उनके जीवन स्तर को उन्नत करना है।
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