नागपंचमी के दिन ही क्यो मनाया जाता है चौरसिया दिवस ?

नागपंचमी के दिन ही क्यो मनाया जाता है चौरसिया दिवस ?

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समस्त देशवासियों को नागपंचमी व चौरसिया दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं:प्रसेनजीत चौरसिया

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार)

नागपंचमी के दिन ही चौरसिया दिवस मनाया जाता है क्यो? आइए तथ्यों के साथ जाने. इस त्यौहार को चौरसिया समाज के लोग मुल्क के सभी भागो मे धूम धाम से मनाते हैं।चौरसिया ही नहीं बल्कि सभी जातियों द्वारा नागपंचमी का त्यौहार मनाया जाता है।

चौरसिया जाति का इतिहास बहुत ही पुराना है।चौरसिया नामक शब्द चौरिसी ऋषि के नाम पर पड़ा हुआ है।इस जाति के लोगो का मुख्य पेशा पान की खेती करना और पान बेचना है।पान का महत्व आदि काल से, सदियों से पृथ्वी पर रहा है।

कहा जाता है कि एक बार पृथ्वी पर यज्ञ होना था, उस वक्त पान की आवश्यकता पड़ी।पान तो पाताल/नागलोक में था।अब वहां से पान आए और कैसे तो इसकी जिम्मेवारी चौरिसी मुनि को दी गईं। चौरिसी मुनि नागलोक जाकर नाग वेल ले तो.लेकिन इसके एवज में नागराज की कन्या से शादी करनी पड़ी.दोनो मिलकर नाग वेल धरती पर लाए।

प्रसेनजीत चौरसिया, श्रीनारद मीडिया के पत्रकार एवं रघुनाथपुर चौरसिया संघ के अध्यक्ष

उस नाग वेल को रोपा गया। जिसके बाद पान की उत्पत्ति हुईं तब यज्ञ प्रारंभ हुआ। चौरिसी मुनि और नागराज की कन्या से जो संतान हुवा वह चौरसिया कहलाया।सभी चौरसिया उन्हीं के वंशज हैं। चौरसिया जाति का मुख्य त्यौहार नाग पंचमी को माना जाता है क्योंकि चौरसिया की उत्पत्ति नाग कन्या से हुई है।

पूरे देश में ही नहीं वल्कि विदेशो मे भी जहां जहां चौरसिया तंबोली बंधु है वहां भी नागपंचमी चौरसिया दिवस के रूप मे मनाई जाती है।इस समाज के लोग शांत स्वभाव व दयालु प्रवृत्ति के होते है।

श्रीनारद मीडिया के पत्रकार एवं रघुनाथपुर चौरसिया संघ के अध्यक्ष प्रसेनजीत चौरसिया ने समस्त देशवासियों को नागपंचमी व चौरसिया दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं दी हैं।

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