देश में सरकारी स्कूलों की ओर क्यों बढ़ रहा रुझान?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एनुअल स्टेटस आफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर), 2021 के मुताबिक देश में सरकारी स्कूलों की ओर रुझान बढ़ा है। 25 राज्यों व तीन केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वेक्षण के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें 76,706 परिवारों और पांच से 16 साल की उम्र के 75 हजार 234 बच्चों को शामिल किया गया। रिपोर्ट में कहा गया, ‘राष्ट्रीय स्तर पर साफ दिख रहा है कि लोग निजी से सरकारी स्कूलों की ओर जा रहे हैं। 2018 में निजी स्कूलों में छह से 14 साल के बच्चों की हिस्सेदारी 32.5 प्रतिशत थी, जो 2021 में 24.4 प्रतिशत हो गई। सभी कक्षाओं और छात्र-छात्राओं के मामले में यह बदलाव देखा गया। हालांकि, अभी भी लड़कियों की तुलना में निजी स्कूलों में लड़के ज्यादा हैं।’

रिपोर्ट में बताया गया कि 2006 से 2014 के बीच निजी स्कूलों में प्रवेश लगातार बढ़ा था। इसके बाद पिछले कुछ वर्षो से यह 30 फीसद के आसपास रहा। अब महामारी के दौरान इसमें गिरावट आई है। अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि यह ट्रेंड स्थायी है या महामारी के कारण स्कूलों के बंद रहने के चलते ऐसा हो रहा है। सभी राज्यों में स्कूल पूरी तरह खुलने के बाद ही सही तस्वीर सामने आएगी। स्कूलों में प्रवेश नहीं लेने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। 2020 में प्रवेश नहीं लेने वाले बच्चों की संख्या 1.4 प्रतिशत से बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई थी। 2021 में भी प्रवेश नहीं लेने वाले बच्चों की संख्या इतनी ही रही।

उत्तर प्रदेश और केरल सबसे आगे

सरकारी स्कूलों में प्रवेश बढ़ने के मामले में उत्तर प्रदेश और केरल सबसे आगे हैं। उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में 13.2 प्रतिशत और केरल में 11.9 प्रतिशत ज्यादा प्रवेश हुए। राजस्थान में 9.4 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 9.2 प्रतिशत, कर्नाटक में 8.3 प्रतिशत, तमिलनाडु में 9.6 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 8.4 प्रतिशत, तेलंगाना में 3.7 प्रतिशत, बिहार में 2.8 प्रतिशत, बंगाल में 3.9 प्रतिशत और झारखंड में 2.5 प्रतिशत अधिक प्रवेश सरकारी स्कूलों में हुए।

 

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