छठ के बाद चलाएंगे शराबबंदी के लिए बड़ा अभियान- नीतीश कुमार.

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जहरीली शराब से मौतों पर भड़का विपक्ष.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के गोपालगंज और बेतिया में पिछले तीन दिनों में जहरीली शराब से 27 लोगों की मौत मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि छठ महापर्व के बाद पूरे प्रदेश में शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक की जाएगी. इसके बाद इसे प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बड़ा अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम सभी से पहले से कह रहे थे, गलत लोगों के चक्कर में न पड़ें.

बताते चलें कि बिहार के पश्चिम चंपारण और गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से 27 लोगों की मौत हो गई है. हालांकि सरकार के स्तर पर मरने वालों की संख्या 21 ही बताई जा रही है. शराब कांड को लेकर मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने अपनी सफाई देते हुए स्वीकार किया कि इन दोनों जिलों में शराब से मौत संभावित है. उन्होंने गोपालगंज में 11 और बेतिया में 10 लोगों की मौत की पुष्टि भी की है.

मंत्री ने कहा कि फिलहाल विसरा रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कांड में कुछ भी छिपाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है, जो सच्चाई है वही बात मीडिया को भी बताई जा रही है. मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि सरकार शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन करने के लिए गंभीर है और यही करने की दूसरी राज्यों की तुलना में बिहार में कार्रवाई और गिरफ्तारी भी सबसे ज्यादा हुई है.

बिहार के दो जिलों में तीन दिन में हुई जहरीली शराब से 33 लोगों की मौत के बाद पूरा विपक्ष आक्रोशित हो गया है. विपक्ष इस घटना के बाद बिहार से शराबबंदी कानून को वापस लेने की मांग कर रही है. हालांकि, कई सामाजिक क्षेत्र के लोग इस कानून को बरकरार रखने को कह रहे हैं क्योंकि इससे गरीब तबके को फायदा भी हुआ है. इस बीच इस पर सियासत भी तेज हो गई है. जहरीली शराब से गोपालगंज और बेतिया में हुई मौत के बाद कांग्रेस ने शराबबंदी कानून पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है.

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने ऑल पार्टी मीटिंग की मांग करते हुए कहा कि जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर बिहार में कोई नियंत्रण नहीं है. सरकार को इसपर समीक्षा बैठक बुलानी चाहिए. राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चितरंजन गगण ने जहरीली शराब कांड को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग किया है.

उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से होने वाली मौत ने बिहार में छोटे मोटे महामारी का रूप ले लिया है. दर्जनों लोग मौत के शिकार हुए हैं. मौत की सही संख्या आ पाना नामुमकिन है. प्रशासन मृतकों के परिवारवालों पर दबाव बनाकर बगैर पोस्टमार्टम कराए दाह संस्कार करवा रहा है. मौत की सही संख्या सामने आएगी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तथाकथित शराबबंदी की कलई तो उतर ही जाएगी. स्थानीय प्रशासन पर अलग गाज गिरेगा.

विपक्ष को आड़े हाथों लिया है. बीजेपी (BJP) प्रवक्ता निखिल आनंद ने जहरीली शराब कांड के बाद आरोप लगाया है कि बिहार में विपक्ष के नेताओं के संरक्षण में शराब का धंधा फल-फूल रहा है. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू ने कहा है कि जहरीली शराब से हुई मौत की घटना दुखद है लेकिन सरकार शराबबंदी कानून को दृढ़ता से लागू करने के लिए कृत संकल्प है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि जहरीली शराब कांड को लेकर अधिकारियों को तमाम तरह के निर्देश जारी किए गए हैं. बिहार में शराबबंदी कानून काफी हद तक प्रभावी है और इसे और भी प्रभावी बनाया जाएगा.

 

 

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