विश्व मलेरिया दिवस: जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का हुआ आयोजन:

विश्व मलेरिया दिवस: जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का हुआ आयोजन:

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लोगों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से स्थानीय स्तरों पर भी कार्यक्रमों का हुआ अयोजन: डीवीबीडीसीओ

मलेरिया से बचाव के लिए घर के आस- पास साफ- सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत: वीडीसीओ

सामुदायिक स्तर पर मलेरिया के लक्षणों की पहचान को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता: एमओआईसी

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर मलेरिया से बचाव के लिए विभिन्न विद्यालयों में प्रभात फेरी निकाल कर जागरूकता अभियान चलाया गया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मणिराज रंजन ने बताया कि जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में “एक्सीलिरेटिंग द फाइट अंगेस्ट मलेरिया फॉर-ए-मोर इक्वीटेबल वर्ल्ड” थीम पर विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। जिसमें लोगों की सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से स्थानीय स्तरों पर कार्यक्रमों का भी अयोजन किया गया। जिले को मलेरिया से मुक्त जिला बनाने के उद्देश्य को आम लोगों की सहभागिता से ही प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए सभी को अपने- अपने स्तर पर प्रयास करना होगा। जिले सभी प्रखंडों में लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किया गया है। साथ ही कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को मलेरिया से बचाव सहित इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई और सामुदायिक स्तर पर लोगों को इससे बचाव को लेकर जागरूक भी किया गया।

 

मलेरिया से बचाव के लिए घर के आस- पास साफ- सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत: वीबीडीसीओ
वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी (वीडीसीओ) राजेश कुमार ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि मलेरिया से बचाव के लिए सभी अपने घरों व आस- पास पानी को इकट्ठा नही होने देना है। साथ ही साफ- सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि रुके हुए पानी में मच्छर अंडे देता है। इसलिए रुके हुए पानी के स्थान को भर देना चाहिए या कुछ बूंद मिट्टी के तेल जमा होने वाले पानी में डाल दें। ताकि मच्छरों के लार्वा नालियों और ठहरे हुए पानी में पनपन नही पाएं। मलेरिया से बचाव के लिए पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े का अधिक उपयोग करें। सोने के दौरान निश्चित रूप से मच्छरदानी लगाएं। इस बात का सोने के दौरान ख्याल रखें। इस दौरान जन- जन का यही नारा है, मलेरिया मुक्त जिला हो हमारा, दूर होगी मलेरिया की बीमारी, जब हम सबकी होगी भागीदारी आदि स्लोगन और नारे के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया।

सामुदायिक स्तर पर मलेरिया के लक्षणों की पहचान को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता: एमओआईसी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसंतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने बताया कि मलेरिया के प्रति जागरूकता लाने के लिए समुदाय में इसके लक्षणों के बारे में जानकारी देने के साथ ही लोगों को अपने आसपास नाली और पशु रखने वाली जगहों को नियमित रूप से सफाई रखने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। वहीं सामुदायिक स्तर पर मलेरिया के लक्षणों की पहचान को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। क्योंकि मलेरिया के लक्षणों में सिर में तेज दर्द होना, उल्टी होना, जी मिचलाना, हाथ और पैरों के जोड़ में दर्द की शिकायत, कमजोरी व थकान, खून की कमी, आंखों की पु​तलियों का रंग पीला होना, पसीना निकलने के बाद बुखार कम होना, तेज कंपन के साथ बुखार आना सहित कई अन्य प्रकार की शिकायत होने के साथ ही मलेरिया में होने वाली बुखार के कारण मरीज बेहोश होना भी मुख्य कारण है।

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